भारतीय सेना ने संशोधित भर्ती प्रक्रिया के तहत अधिसूचना जारी की
भारतीय सेना ने जूनियर कमीशंड अधिकारी / अन्य रैंक / अग्निवीर के लिए भर्ती प्रक्रिया में संशोधन की घोषणा की है। संशोधित भर्ती प्रक्रिया के अनुसार भर्ती रैली से पहले कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन कॉमन एंट्रेंस एग्जाम (सीईई) आयोजित किया जाएगा।
ज्वाइन इंडियन आर्मी की वेबसाइट (www.joinindianarmy.nic.in ) पर पंजीकरण के लिए अधिसूचना अपलोड कर दी गई है। आवेदनों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण अब 16 फरवरी 2023 से 15 मार्च 2023 तक खुले हैं, जहां उम्मीदवार अपनी आयु, शैक्षिक योग्यता, शारीरिक मानदंड और अन्य योग्यता आवश्यकताओं (क्यूआर) के अनुसार आवेदन कर सकते हैं।
भर्ती तीन चरणों में की जाएगी।
पहले चरण में www.joinindianarmy.nic.in वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण और आवेदन करने वाले सभी उम्मीदवारों को कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईई) से गुजरना होगा।
दूसरे चरण में शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को संबंधित सेना भर्ती कार्यालय (एआरओ) द्वारा तय किए गए स्थान पर भर्ती रैली के लिए बुलाया जाएगा, जहां वे शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण और शारीरिक मापन परीक्षण से गुजरेंगे।
तीसरे और आखिरी चरण में, चयनित उम्मीदवारों को मेडिकल टेस्ट से गुजरना होगा।
कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन कॉमन एंट्रेंस एग्जाम (सीईई) 17 अप्रैल 2023 से 30 अप्रैल 2023 के बीच पूरे भारत में लगभग 175 -180 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित करने की योजना है। ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा के लिए ‘रजिस्टर कैसे करें’ और ‘कैसे अप्लाई करें’ पर शैक्षिक वीडियो ज्वाइन इंडियन आर्मी की वेबसाइट www.joinindianarmy.nic.in ) और यूट्यूब परअपलोड कर दी गई है।
ऑनलाइन सामान्य प्रवेश परीक्षा (ऑनलाइन सीईई) के लिए शुल्क 500/- रुपये प्रति उम्मीदवार है जिसका 50 प्रतिशत हिस्सा भारतीय सेना द्वारा वहन किया जाएगा। उम्मीदवारों को आवेदन के ऑनलाइन पंजीकरण के दौरान 250/- रुपये का भुगतान करना होगा। वे ऑनलाइन कॉमन एंट्रेंस एग्जाम (ऑनलाइन सीईई) में शामिल होने के लिए स्थानों के पांच विकल्प भी दे सकते हैं।
बदली हुई प्रक्रिया भर्ती के दौरान उन्नत संज्ञानात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेगी और इसके परिणामस्वरूप पूरे देश में व्यापक और बेहतर पहुंच होगी। यह भर्ती रैलियों में एकत्रित होने वाली बड़ी भीड़ को भी कम करेगा और चिकित्सा परीक्षा के लिए जाने वाले उम्मीदवारों की संख्या को कम करने के अलावा उनके आयोजन में प्रशासनिक प्रतिबद्धताओं को कम करेगा। इससे प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित, लागू करने में आसान और वर्तमान तकनीक को ध्यान में रखते हुए बेहतर होगी।