वाइस एडमिरल आर हरि कुमार पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम ने पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ का पदभार संभाला
वाइस एडमिरल आर हरि कुमार, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम ने मुंबई में 28 फरवरी 2021 को पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन-चीफ (एफओसी-इन-सी) के रूप में पदभार संभाला। वह वाइस एडमिरल अजीत कुमार, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एडीसी की जगह ले रहे हैं, जो भारतीय नौसेना में चालीस साल के शानदार करियर के बाद रिटायर हो रहे हैं।
पश्चिमी नौसेना कमान के मुख्यालय की कमांड पोस्ट पर आयोजित एक समारोह में निवर्तमान और आने वाले कमांडरों को गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया जिसके बाद नए कमांडर-इन-चीफ को बेटन सौंपे जाने के साथ ही औपचारिक रूप से कार्यभार सौंपा गया। कमान संभालने पर वाइस एडमिरल आर हरि कुमार ने गौरव स्तंभ स्मारक पर माल्यार्पण किया।
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल आर हरि कुमार को 01 जनवरी 1983 को भारतीय नौसेना में कमीशन प्रदान किया गया था। उन्होंने गनरी में विशेषज्ञता हासिल की और एक विध्वंसक और विमानवाहक पोत आईएनएस विराट समेत पांच जहाजों की कमान संभाल चुके हैं। वह तट पर और समुद्र दोनों में महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियों पर काबिज़ रहे हैं और सेशेल्स सरकार के नौसैनिक सलाहकार भी रहे हैं। फ्लैग रैंक में पदोन्नति पर वह गोवा में नौसेना वॉर कॉलेज में कमांडेंट, फ्लैग ऑफिसर सी ट्रेनिंग, वेस्टर्न फ्लीट के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग, पश्चिमी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टाफ, नौसेना मुख्यालय में कार्मिक सेवाओं के नियंत्रक, कार्मिक प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। पश्चिमी नौसेना कमान के एफओसी-इन-सी का कार्यभार संभालने से पहले वाइस एडमिरल आर हरि कुमार एकीकृत रक्षा मुख्यालय में सीआईएससी/वीसीडीएस (वाइस चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) थे। फ्लैग ऑफिसर को अपनी विशिष्ट सेवा के लिए विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक और परम विशिष्ट सेवा पदक प्राप्त हुए हैं।
निवर्तमान एफओसी-इन-सी, वाइस एडमिरल अजीत कुमार, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एडीसी 28 फरवरी 2021 को सेवानिवृत्त हुए। एडमिरल ने 31 जनवरी 2019 के बाद से इस प्रमुख नौसैनिक कमान के शीर्ष पर कार्य किया। अपने कार्यकाल के दौरान, पाश्चिमी नौसेना कमान (डब्ल्यूएनसी) ने पुलवामा हमले और गलवान संकट के बाद सुरक्षा स्थिति पैदा होने पर हिंद महासागर क्षेत्र में व्यापक सामरिक तैनाती देखी। इस अवधि के दौरान पश्चिमी नौसेना कमान (डब्ल्यूएनसी) एडन की खाड़ी में समुद्री डकैती विरोधी मिशनों में भी सबसे आगे थी, साथ ही यह कमान कोविड-19 के दौरान विभिन्न देशों से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए चलाए गए ऑपेरशन समुद्र सेतु और मिशन सागर-I तथा मिशन सागर-II में भी सबसे आगे थी जो कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हिन्द महासागर क्षेत्र स्थित तटवर्ती देशों तक मदद पहुंचाने के लिए चलाया गया था।