सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) ने जीईएम पर ईट्रांजेक्शंस के माध्यम से स्टार्टअप्स, महिलाओं और युवाओं को प्रोत्साहन देने की पहल “स्वायत्त” की सफलता के उपलक्ष्य में एक समारोह का आयोजन किया
सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पर ईट्रांजेक्शंस के माध्यम से स्टार्टअप्स, महिलाओं और युवाओं को प्रोत्साहन देने की पहल “स्वायत्त” की सफलता के उपलक्ष्य में नई दिल्ली में एक समारोह का आयोजन किया गया। कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय में सचिव राधा एस. चौहान इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहीं। इसके अलावा, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई), भारत सरकार में संयुक्त सचिव मर्सी एपाओ और एसएफएसी निदेशक (कृषक उत्पादक संगठनों) संजीव गौतम ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, जीईएम के सीईओ पी. के. सिंह ने जीईएम पोर्टल पर 8.5 लाख से ज्यादा सूक्ष्म एवं लघु उपक्रमों (एमएसई) के पंजीकरण के जरिये सामाजिक और वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहन देने में अभी तक हुई प्रगति के बारे में बताया, जो 68 लाख से ज्यादा ऑर्डर्स के सहारे 1.87 लाख से ज्यादा का कारोबार हासिल करने में सक्षम रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि 1.45 लाख से अधिक महिला एमएसई ने 15,922 करोड़ रुपये के 7.32 लाख ऑर्डर पूरे किए हैं और लगभग 43 हजार एससी/एसटी एमएसई ने जीईएम पोर्टल पर अब तक 2,592 करोड़ रुपये मूल्य के 1.35 लाख से ज्यादा ऑर्डर्स की आपूर्ति की है।
इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्य अतिथि राधा एस. चौहान ने एमएसई, महिलाओं, दिव्यांगजन और आदिवासी उद्यमियों, स्टार्टअप, स्वयं सहायता समूहों, कारीगरों और बुनकरों जैसे कम सेवा वाले विक्रेता समूहों की उपस्थिति बढ़ाने और उन्हें सरकारी खरीद तक सीधी पहुंच प्रदान करने में जीईएम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि जीईएम ऑर्डर बुक का सफर 2016-17 के 422 करोड़ रुपये से 1.70 लाख करोड़ रुपये (फरवरी, 2023 तक) तक पहुंचना किसी चमत्कार से कम नहीं है और यह जीईएम की पूरी टीम के अथक प्रयासों के बिना संभव नहीं होता।
विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए मर्सी एपाओ ने महिलाओं, एससी/ एसटी एमएसई को लाभ पहुंचाने वाली एमएसएमई मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया और उसकी योजनाओं के उद्देश्यों को हासिल करने में जीईएम की अहम भूमिका को रेखांकित किया। एसएफएसी निदेशक संजीव गौतम ने 105 से ज्यादा कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को सहूलियत देने में अपना समर्थन देने के लिए जीईएम के प्रति आभार प्रकट किया, जो अब 200 से ज्यादा कृषि उत्पाद सीधे सरकार को बेच सकते हैं।
इस कार्यक्रम में स्व-नियोजित महिला संघ (सेवा-भारत), भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) और छोटे किसान कृषि संघ (एसएफएसी) के प्रतिनिधियों, स्टार्ट अप क्षेत्र, एफपीओ, महिला उद्यमियों और युवाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले विक्रेताओं के साथ-साथ जीईएम के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।
जीईएम पर “स्टार्ट-अप्स, वूमेन एंड यूथ एडवांटेज थ्रू ईट्रांजेक्शंस” (स्वायत्त) को प्रोत्साहन देने की पहल को सबसे पहले फरवरी, 2019 में शुरू किया गया था। स्वायत्त 2019 का उद्देश्य विनिर्माताओं और विक्रेताओं की ऐसी विशिष्ट श्रेणी के प्रशिक्षण और पंजीकरण की सुविधा के लिए सक्रिय कदम उठाकर पोर्टल पर विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं की विभिन्न श्रेणियों के समावेशन को बढ़ावा देना, महिला उद्यमिता का विकास करना और सार्वजनिक खरीद में एमएसएमई क्षेत्र और स्टार्ट-अप्स की भागीदारी को प्रोत्साहन देना था।
सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) केंद्रीय मंत्रालयों, राज्यों के विभागों, पीएसई और स्वायत्त संस्थानों में वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए वाणिज्य विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत स्थापित धारा 8 की कंपनी है। जीईएम में सामाजिक समावेश को प्रमुखता दी गई है और इसमें सार्वजनिक खरीद में चुनौतियों का सामना करने वाले कमजोर विक्रेताओं की भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।