रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ( डीआरडीओ ) ने ओडिशा समुद्र तट से बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली मिसाइल ( प्रक्षेपणास्त्र ) के लगातार दो सफल उड़ान परीक्षण किए
अनुसंधान और विकास संगठन ( डीआरडीओ ) ने आज 14 मार्च, 2023 को ओडिशा के समुद्र तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर में बहुत कम दूरी की वायु प्रणाली ( वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम – वीएसएचओआरएडीएस ) मिसाइल से उच्च गति वाले मानव रहित हवाई लक्ष्यों के विरुद्ध एक भूमि ( ग्राउंड ) – आधारित मानव वहनीय प्रक्षेपक ( मैन पोर्टेबल लांचर ) से विमान के पास आने और उसके पीछे हटने की नकल करते हुए लगातार दो सफल उड़ान परीक्षण किए । मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा करते हुए इन लक्ष्यों को सफलतापूर्वक रोका ( इंटरसेप्ट किया ) गया।
बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली ( वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम – वीएसएचओआरएडीएस ) एक मानव वहनीय वायु रक्षा प्रणाली ( मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम – मैनपैड – एमएएनपीएडी ) है जो कम दूरी पर रहने वाले एवं कम ऊंचाई वाले हवाई खतरों को निष्प्रभावी करने के लिए है । इसे डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योग भागीदारों के सहयोग से अनुसंधान केंद्र भवन, हैदराबाद द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। इस मिसाइल में डुअल-बैंड आईआईआर सीकर, मिनिएचराइज्ड रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम और इंटीग्रेटेड एवियोनिक्स सहित कई नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। इसका प्रणोदन (प्रोपल्सन) एक दोहरी शक्ति वाली ठोस मोटर द्वारा प्रदान किया जाता है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ( डीआरडीओ ) एवं उद्योग भागीदारों की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नई तकनीकों से लैस यह मिसाइल सशस्त्र बलों को और अधिक तकनीकी बढ़त प्रदान करेगी ।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग ( डीडीआर एंड डी ) के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने भी लगातार सफल उड़ान परीक्षणों से जुड़ी टीमों को बधाई दी है।