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आयुष मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ग्रामीण युवाओं को हुनरमंद बनाने और महिला सशक्‍तिकरण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

आयुष मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने आज दीन दयाल उपाध्याय-ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के तहत आयुष सम्‍पूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली के लिए ग्रामीण गरीब युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बनाने में सहयोग करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसके अलावा ग्रामीण युवाओं को पंचकर्म तकनीशियन/सहायक के रूप में प्रशिक्षण देने के लिए एक कोर्स प्रायोगिक तौर पर शुरू किया जाएगा।

केन्‍द्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और केन्‍द्रीय पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह, आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेन्‍द्रभाई की उपस्थिति में तीन साल के लिए मान्य समझौता ज्ञापन पर आयुष मंत्रालय में सलाहकार डॉ. मनोज नेसारी, सलाहकार (आयुर्वेद)द्वारा हस्ताक्षर किए गए। आयुष मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव, (ग्रामीण कौशल)कर्मा जिम्पा भूटिया ने हस्‍ताक्षर किए।

आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, आयुष मंत्रालय मेंविशेष सचिव पी.के. पाठक, एआईआईए, नई दिल्ली में निदेशक डॉ. तनुजा नेसारी, ग्रामीण विकास मंत्रालय में सचिव शैलेश कुमार सिंह और दोनों मंत्रालयों के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

अपने संबोधन में सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “दोनों मंत्रालय स्व-रोजगार की भावना को बढ़ावा देने में सहयोग करेंगे। इससे ग्रामीण युवाओं और महिलाओं का सशक्तिकरण होगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मुझे उम्मीद है कि दोनों मंत्रालय आगे भी इसी तरह काम करना जारी रखेंगे, जहां हम समाज की बेहतरी के लिए मिलकर काम कर सकें।”

गिरिराज सिंह ने कहा, “यह समझौता ज्ञापन महिला स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण गरीब युवाओं को सशक्त बनाने में मील का पत्थर साबित होगा। प्रारंभिक लक्ष्य बड़ी संख्या में महिलाओं को प्रशिक्षित करना है, जिसे आगे चलकर बढ़ाया जाएगा। हम स्वयं सहायता समूहों को प्राथमिकता देंगे।”

इस समझौता ज्ञापन के तहत शुरू किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम को डीडीयू-जीकेवाई लागत मानदंडों के अनुसार सहायता देगा। एनआरएलएम और डीडीयू-जीकेवाई आयुष मंत्रालय के संस्थानों द्वारा पाठ्यक्रमों और उनके प्रशिक्षण के बारे में इच्छुक स्‍वयं सहायता समूह के सदस्यों और ग्रामीण गरीब युवाओं को सूचीबद्ध करने के लिए राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को सूचित करेंगे। जबकि, आयुष मंत्रालय आकांक्षियों/उम्मीदवारों के कोर्स, प्रशिक्षण और प्रमाणन के लिए अपने संस्थान प्रदान करेगा। मंत्रालय देश भर में नोडल एजेंसियों की भी प्रतिनियुक्ति करेगा, जो अपने संबंधित राज्यों में डीडीयू-जीकेवाई मानदंडों के अनुसार उम्मीदवारों को संगठित करने के साथपरामर्श, प्रशिक्षण, प्लेसमेंट और ट्रैकिंग सुनिश्चित करेंगी।

इसके अलावा दोनों मंत्रालय ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रासंगिक योजनाओं के तहत आय के लिए अतिरिक्त स्रोत उत्पन्न करने के लिए अनुमेय औषधीय वृक्षारोपण कार्यों, पौध संरक्षण, अंतर-फसल की पहचान करने में तकनीकी सहायता प्रदान करने की प्रणाली तैयार करने पर भी काम करेंगे। मंत्रालय वृक्षारोपण लाभ और विभिन्न सामुदायिक स्तर के आजीविका कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण और उन्मुखीकरण की भी व्यवस्था करेगा।

दीन दयाल उपाध्याय-ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के एक भाग के रूप में, डीडीयू-जीकेवाई का उद्देश्य ग्रामीण गरीब युवाओं को आर्थिक रूप से आत्‍मनिर्भर बनाना और विश्व स्तर पर उपयुक्‍त कार्यबल तैयार करना है।

इस एमओयू के माध्यम से दोनों मंत्रालयों के बीच तालमेल,मिलकर काम करने और ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक विकास और गरीबी उन्मूलन के बड़े लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम होने की उम्मीद है। दोनों पक्ष एक संयुक्त कार्य समूह स्थापित करने पर भी सहमत हुए, जिसके माध्यम से पारस्परिक हित के अन्य कार्यों की पहचान की जा सकती है और ग्रामीण विकास मंत्रालय और आयुष मंत्रालय संयुक्त रूप से काम कर सकते हैं।