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धर्मेंद्र प्रधान ने विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य तथा शैक्षणिक संस्थानों में भेदभाव को कतई बर्दाश्‍त नहीं करने पर केंद्रित एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की

केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य तथा देश भर के शैक्षणिक संस्थानों में भेदभाव को कतई बर्दाश्‍त नहीं करने पर केंद्रित एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की आज अध्यक्षता की। इस बैठक में शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार तथा स्कूल और उच्च शिक्षा विभाग, सीबीएसई, एआईसीटीई, यूजीसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

प्रधान ने इस बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों से साझा जिम्मेदारी के साथ एक प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित करने को कहा। प्रधान ने सभी हितधारकों से ऑनलाइन माध्यम से सुझाव आमंत्रित करने को भी कहा। उन्होंने लड़के-लड़कियों में समानता, जातिगत संवेदनशीलता, शैक्षणिक दबाव को कम करना, परामर्श की सुदृढ़ प्रणाली आदि जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रालय विद्यार्थियों का शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक कल्‍याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षा से संबंधित तनाव को कम करने के लिए समय-समय पर विविध कदम उठाए हैं। इन कदमों में हमउम्र साथियों की सहायता से सीखना, 13 क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा की शुरूआत, 13 भाषाओं में प्रवेश परीक्षा, विद्यार्थियों को मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के लिए मनोदर्पण पहल, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों की रोकथाम, पहचान और उपचारात्मक उपायों पर दिशानिर्देश आदि शामिल हैं।

विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक जीवन मनोवैज्ञानिक और व्यवहारिक परिवर्तनों का एक महत्वपूर्ण चरण होता है, जिसमें सामाजिक अंतःक्रियाओं, संबंधों और करियर संबंधी रास्‍तों की जटिलताएं शामिल होती हैं। विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले मुद्दे विविध प्रकार के हैं और ये शैक्षणिक दबाव, हमउम्र साथियों के दबाव, अत्यधिक प्रतिस्पर्धी शैक्षिक वातावरण, व्यवहार संबंधी मुद्दों, प्रदर्शन के मुद्दों, तनाव, करियर की चिंताओं, अवसाद आदि जैसे व्यापक स्पेक्ट्रम को कवर करते हैं।

शिक्षा मंत्री के निर्देशों के अनुसार तथा विद्यार्थियों के मानसिक और भावनात्मक कल्‍याण की रक्षा के लिए, मंत्रालय स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा संस्थानों तक को समग्र रूप से शामिल करते हुए परिचालन दिशानिर्देशों का व्‍यापक फ्रेमवर्क या रूपरेखा तैयार कर रहा है।

यह फ्रेमवर्क विद्यार्थियों को स्‍वयं को नुकसान पहुंचाने/ उनमें आत्म-विनाशकारी प्रवृत्तियों के जन्‍म लेने जैसे मनोवैज्ञानिक संकटों को उत्‍पन्‍न करने वाले किसी भी तरह के शारीरिक, सामाजिक, भेदभावपूर्ण, सांस्कृतिक और भाषाई खतरे या हमले, से रक्षा के लिए उपायों और तंत्रों को संस्थागत रूप प्रदान करेगा।

इसमें समावेशी, एकीकृत और भेदभावरहित वातावरण का निर्माण, शिक्षकों को संवेदनशील बनाने और उनके क्षमता निर्माण के कार्यक्रम, परामर्श और सहायता तंत्र, तत्काल हस्तक्षेप की आवश्‍यकता की जल्‍दी पहचान करने की व्‍यवस्‍था, विद्यार्थियों-शिक्षकों के बीच घनिष्ठता वाले इंटरैक्टिव समुदायों को बढ़ावा देना, पाठ्यचर्या अभ्यास के अंतर्गत टीम गतिविधियों को शामिल करना, प्रभावी और त्वरित शिकायत निवारण तंत्र, शारीरिक फिटनेस प्रावधान और कार्यक्रम, पोषण पर जोर, संस्थानों के प्रमुखों, शिक्षकों और माता-पिता आदि द्वारा निजी तौर पर जुड़ना और निगरानी करना शामिल होगा।