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डॉ. मनसुख मांडविया ने राज्यों के साथ कोविड-19 के प्रबंधन के लिए जन स्वास्थ्य से जुड़ी तैयारी और कोविड-19 टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा की

“केंद्र और राज्यों के लिए आवश्यक है कि वे सहयोग की भावना के साथ काम करना जारी रखें, जैसा कि कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए पिछली कोविड की लहरों के दौरान किया था।” केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रमुख सचिवों/अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत के दौरान यह बात कही। कोविड-19 की रोकथाम व प्रबंधन के लिए जन स्वास्थ्य से जुड़ी तैयारियों और कुछ राज्यों में हाल में मामलों में वृद्धि होने के मद्देनजर राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण अभियान की प्रगति की समीक्षा करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार की उपस्थिति में वर्चुअल बैठक आयोजित की गई।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों को सतर्क रहने और कोविड-19 के प्रबंधन के लिए पूरी तैयारी रखने की सलाह दी है। उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से 10 और 11 अप्रैल 2023 को सभी अस्पताल के बुनियादी ढांचे का जायजालेने तथा 8 और 9 अप्रैल 2023 को जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य संबंधी तैयारियों की समीक्षा करने का आग्रह किया। उन्होंने राज्यों से आईएलआई/एसएआरआई मामलों के रुझानों की निगरानी करने और कोविड-19 व इन्फ्लूएंजा के परीक्षण के लिए पर्याप्त नमूने भेजने और पॉजिटिव नमूनों की संपूर्ण जीनोम सीक्वेंसिंग को बढ़ाकर उभरते हुए हॉटस्पॉट की पहचान करने का भी आग्रह किया।

यह देखा गया है कि 23 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में प्रति दस लाख पर औसत परीक्षण राष्ट्रीय औसत से कम है। डॉ. मांडविया ने कहा कि नए कोविड वेरिएंट के बावजूद, जांच-निगरानी-उपचार-टीकाकरण और कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार के पालन की पांच आयामी रणनीति कोविड प्रबंधन के लिए जांच-परखी रणनीति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इससे उचित जन स्वास्थ्य संबंधी उपाय करने में मदद मिलेगी। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से यह भी आग्रह किया गया था कि वे 7 अप्रैल 2023 को समाप्तहुए सप्ताह के अनुसार प्रति दस लाख पर 100 परीक्षण की वर्तमान दर को ध्यान में रखते हुए परीक्षण की दर में तेजी से वृद्धि करें। उन्हें इसके अलावा परीक्षणों में आरटी-पीसीआर की हिस्सेदारी बढ़ाने की सलाह भी दी गई है।

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को जानकारी दी गई कि भारत में कोविड-19 के मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। 07 अप्रैल 2023 को समाप्त हुए सप्ताह में औसत दैनिक मामले 17 मार्च 2023 समाप्त हुए सप्ताह की तुलना 571 से बढ़कर 4,188 हो गए है और 07 अप्रैल 2023 को समाप्त हुए सप्ताह मेंसाप्ताहिक आधार पर पॉजिटिविटी की दर बढ़कर 3.02 प्रतिशत हो गई है। हालांकि, इसी समय में वैश्विक स्तर पर 88,503 दैनिक औसत मामले दर्ज किए गए हैं, वैश्विक मामलों में शीर्ष पांच देशों का पिछले एक सप्ताह में 62.6 प्रतिशत का योगदान है।

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह भी बताया गया कि वर्तमान में डब्ल्यूएचओ एक ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’(वीओआई), एक्सबीबी.1.5 और छह अन्य वेरिएंट (बीक्यू.1, बीए.2.75, सीएच.1.1, एक्सबीबी, एक्सबीएफऔरएक्सबीबी.1.16) की निगरानी कर रहा है। इस बात को रेखांकित किया गया कि जहां ओमिक्रॉन और इसकी उप-वंशावली प्रमुख वेरिएंट बनी हुई है, वहीं नियत अधिकांश वेरिएंट में बहुत कम या कोई महत्वपूर्ण संक्रामक, रोग की गंभीरता या प्रतिरक्षा बचाव नहीं है।एक्सबीबी.1.16 का प्रसार फरवरी में 21.6 प्रतिशत से बढ़कर मार्च, 2023 में 35.8 प्रतिशत हो गया। हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु दर में वृद्धि का कोई प्रमाण नहीं मिला है।

यह भी बताया गया कि जहां भारत ने प्राथमिक टीकाकरण का 90 प्रतिशत से अधिक कवरेज हासिल कर लिया है। वहीं एहतियाती खुराक का कवरेज बहुत कम है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी कि वे सभी पात्र आबादी, विशेष रूप से बुजुर्गों और कमजोर जनसंख्या समूह के टीकाकरण में तेजी लाएं।

यह भी देखा गया है कि केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में 10 या इससे अधिक जिलों में 10 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी और कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और हरियाणा राज्यों में 5 से अधिक जिलों में 5 प्रतिशत से अधिक की पॉजिटिविटी दर दर्ज की जा रही है। भारत में इन आठ राज्यों में कोविड के अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं। डॉ. मांडविया ने कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार के पालन के संबंध में जन जागरूकता अभियान को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया।उन्होंने सभी राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से अनुरोध किया कि वे व्यक्तिगत रूप से निर्दिष्ट अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता समेत सभी लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे की तैयारियों की निगरानी व समीक्षा करें, और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि आवश्यक दवाओं का पर्याप्त स्टॉक है।राज्यों को कोविड इंडिया पोर्टल पर अपने कोविड डेटा को नियमित रूप से अपडेट करने के लिए भी कहा गया है।

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को वैश्विक स्तर पर कोविड-19 की स्थिति और घरेलू परिदृश्य के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें 25 मार्च 2023 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा सभी राज्यों को जारी संयुक्त परामर्श के बारे में दोबारा बताया गया जिसमें शुरुआत में पता लगाना, आइसोलेशन, जांच व नए सार्स-कोव-2 वेरिएंट के प्रकोप का पता लगाने और उन्हें रोकने लिए संदिग्ध और पुष्ट मामलों का समय पर प्रबंधन और मौसमी इन्फ्लूएंजा तथा कोविड-19 के मामलों की वृद्धि को रोकने के लिए एक मजबूत जन स्वास्थ्य संबंधी प्रतिक्रिया की मांग की गई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से इसका प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। अस्पताल के बुनियादी ढांचे में सुधार और परीक्षण को बढ़ाने सहित कोविड प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक और विस्तृत चर्चा की गई।

डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कोविड-19 के आलोक में समय पर तैयारी और प्रबंधन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने राज्यों से प्राथमिकता के आधार पर स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए दूसरी ईसीआरपी के हिस्से को कार्यान्वित करने का आग्रह किया। उन्होंने राज्यों से अपने निगरानी तंत्र को मजबूत करने और पर्यटन में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहने को भी कहा।

राज्यों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में समय पर समीक्षा बैठक और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह की सराहना की। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे कोविड-19 की प्रभावी रोकथाम और प्रबंधन के लिए केंद्र के साथ मिलकर काम करेंगे। उन्होंने बताया कि वे सतर्कता बरत रहे हैं और वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। राज्यों ने यह भी विश्वास दिलाया कि वे 10 और 11 अप्रैल को सार्वजनिक और निजी दोनों स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ अस्पताल के बुनियादी ढांचे की तत्परता के लिए पूर्वाभ्यास आयोजित करेंगे।

इस बैठक में पुडुचेरी के मुख्यमंत्री श्री एन रंगास्वामी, उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री श्री धन सिंह रावत, असम के स्वास्थ्य मंत्री श्री केशब महंत, गोवा के स्वास्थ्य मंत्री श्री विश्वजीत राणे, झारखंड क स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ना गुप्ता, मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री श्री बलवीर सिंह, मणिपुर के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सपन रंजन सिंह, हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज, तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री श्री थिरु मा सुब्रमण्यम, हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, आंध्र प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती विदादला रजनी, तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री श्री तन्नेरू हरीश राव, गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री श्री ऋषिकेश पटेल, ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री श्री निरंजन पुजारी, अरुणाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री अलो लिबांग, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री श्री तानाजी सावंत, मेघालय की स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती मजल अम्पारीन लिंगदोह, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री श्री सौरभ भारद्वाज और मंत्रालय वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।