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भारत सरकार, फिक्की और संयुक्त राष्ट्र संघ के ‘बैटर दैन कैश अलायंस’ ने उत्तर-पूर्व, हिमालय क्षेत्र और आकांक्षी जिलों में जवाबदेह मर्चेंट डिजिटाइजेशन के लिए हाथ मिलाया

भारत सरकार, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की), और संयुक्त राष्ट्र संघ के ‘बैटर दैन कैश अलायंस’ ने मिलकर आज मर्चेंट डिजिटाइजेशन सम्मेलन 2021: हिमालयी क्षेत्रों, उत्तर पूर्व क्षेत्रों और आकांक्षी जिलों पर विशेष ध्यान देते हुए आत्म निर्भर भारत की ओर बढ़ना, की मेजबानीकी।

जवाबदेह मर्चेंट डिजिटाइजेशन सम्मेलन के जरिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के अग्रणी लोगों को एक साथ आने का मौका मिला है। जिसके जरिए पूर्वोत्तर क्षेत्र, हिमालय क्षेत्र और आकांक्षी जिलों के कारोबारियों को जवाबदेह डिजटलीकरण करने के लिए प्रेरित करेगी। इसके अलावा अपने समुदायों में अहम भूमिका निभाने वाली महिला कारोबारियों को सशक्त बनाने में भी मदद मिलेगी। जो कि डिजिटल इंडिया अभियान की प्राथमिकताओं में से एक है।

यह शिखर सम्मेलन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच अनुभवों को साझा करने की श्रृंखला का हिस्सा है।जिसके तहत डीईए ने 9 दिसंबर, 2020 को “डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में फिनटेक के मूल्यों को अनलॉक करना” नामक वेबिनार का संयुक्त रूप से आयोजन किया था।

आज के सम्मेलन के दौरान वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव श्री के.राजारमन ने कहा “माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार, एक समावेशी डिजिटल इंडिया की दिशा में अहम कदम उठा रही है।” आत्मनिर्भर भारत योजना के माध्यम से ‘मेक इन इंडिया’ पर बढ़ते फोकस के साथ, जवाबदेह डिजिटलीकरणके तहत ग्रामीण नेटवर्क में स्व-सहायता समूह और समुदाय के स्तर पर लोगों को जोड़ने वालों को शामिल करना है। जिससे लाखों व्यापारियों को औपचारिक अर्थव्यवस्था में शामिल करनेके लिए स्थानीय स्तर पर डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा सके। जिससे वह आसानी से कर्ज ले सके और अपने बिजनेस का विस्तार कर सके।”

भारत ने प्रति माह औसतन 2-3 अरब डिजिटल लेन-देन करने के बाद अब एक डिजिटल लेने-देन का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत हर रोज एक अरब डिजिटल लेन-देन का लक्ष्य रखा गया है।जिसके तहत ग्राहक से कारोबारी के जरिए हर महीने 10-12 अरब डिजिटल लेन-देन भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में योगदान देंगे।

डिजिटल कारोबारियों के लिए यह एक बहुत बड़ा अवसर है। हालांकि, डिजाइन किए गए अधिकांश डिजिटल भुगतान समाधान स्मार्टफोन के लिए हैं। जिनकी इन क्षेत्रों में पहुंच बेहद कम है। आज के मर्चेंट डिजिटाइजेशन सम्मेलन के दौरान इस बात को लेकर आम सहमति थी कि राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और राज्य-स्तरीय पर मौजूद खास चुनौतियां, जिसमें लिंग भेद भी शामिल है। उससे निपटने के लिए इंडस्ट्री स्तर पर प्रयास करने होंगे।

पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित और सेल्फ एम्प्लॉइड वुमेन्स एसोसिएशन (सेवा) की रीमा बेन नानावती ने सरकार और निजी क्षेत्र की प्राथमिकता में महिला व्यापारियों पर जोर देने के कदम की सराहना करते हुए कहा, “सेवामें हमारा अनुभव दिखाता है कि जब तकनीकी महिलाओं के हाथ में दी जाती है तो वह उसका आर्थिक सुरक्षा, संपत्ति निर्माण, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, और पोषण जैसी सेवाएं लोगों तक पहुंचाने के लिए सबसे अच्छा इस्तेमाल करती हैं।”

फिक्की के सेक्रेट्ररी जनरल दिलीप चिनॉय का कहना है “कोविड-19 के दौरान किराना की दुकानें, स्थानीय व्यापारी सबसे बड़े रक्षक के रूप में उभरे हैं। जिन्होंने इस दौरान खुद को चुस्त और लचीला बनाए रखा। इसने किराना दुकानदारों के बीच डिजिटलीकरण को भी बढ़ाया है। ” उन्होंने कहा कि उद्योग जगत के प्रतिनिधि के रूप में महिला कारोबारियों पर प्राथमिकता बढ़ाने के सरकार के कदम का समर्थन करते हैं साथ ही उसके लिए जरूरी सहयोग देने के लिए वह रोमांचित हैं। जिसके जरिए हिमालयी क्षेत्र, उत्तर पूर्व, और आकांक्षी जिलों में अधिक से अधिक भरोसे का निर्माण हो सकेगा। ”

इस मौके पर सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों ने इस बात पर सहमति जताई है कि राष्ट्रीय भाषा अनुवाद अभियान का उपयोग डिजिटल भुगतान के प्रति सूचना , निजता नियम, स्थानीय भाषा में सहमित देने जैसे कदमों के लिए किया जाना चाहिए। ऐसा करने से स्थानीय स्तर पर भरोसा बढ़ेगा और सशक्तीकरण भी हो सकेगा। प्रतिभागियों ने अंतिम पायदान पर मौजूद व्यापारियों के लिए कनेक्टिविटी, स्मार्ट फोन तक उनकी पहुंच और डिजिटल साक्षरता की चुनौतियों को दूर करने पर भी सहमति जताई।

बैटर दैन कैश अलायंस के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख कीजोम नगोदुप मसाले ने कहा “कारोबारियों को धोखाधड़ी, निजता का नुकसान और अनाधिकृत शुल्क जैसे जोखिमों से बचाने के लिए सुरक्षित डिजिटल भुगतान दिशा-निर्देशों और उनके पालन करनेकी व्यवस्था करनी होगी।”

उन्होंने कहा कि ” हमारे सदस्य हिंदुस्तान यूनिलीवर और अन्य प्रमुख एफएमसीजी कंपनियों ने फिक्की के साथ मिलकर सरकार से हाथ मिलाया है। इसका उद्देश्य यह है कि मर्चेंट डिजिटलीकरण में निष्पक्षता स्थापित हो सके। ”

इंटेललीकैप की तकनीकी सहायता से आयोजित इस सम्मेलन में तेलंगाना, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, राजस्थान, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, ओडीशा, छत्तीसगढ़, मेघालय, दादर और नागर हवेली, दमन और दीव और दिल्ली के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उनके बीच इस बात पर भी चर्चा हुई कि डिजिलीकरण के समाधान को आकांक्षी जिले और दूसरे प्रमुख क्षेत्रों में कैसे बढ़ाया जा सकता है।

भारत सरकार, फिक्की, और बैटर दैन कैश अलायंस आज के सम्मेलन में इस बात पर भी सहमत हुए कि कारोबारियों कोजवाबदेह डिजिटलीकरण के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए इस साल अपनी साझेदारी को आगे भी जारी रखेंगे।