इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली में तीसरा सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिज़ाइन रोड शो का शुभारंभ किया
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली में तीसरा सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिज़ाइन रोड शो का शुभारंभ किया। इस आयोजन का उद्देश्य सेमीकंडक्टर डिज़ाइन और विनिर्माण क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करना, निवेश को सुविधाजनक बनाना और स्टार्टअप इकोसिस्टम को उत्प्रेरित करना है।
राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, “इस पहल का प्राथमिक उद्देश्य दुनिया भर से निवेश आकर्षित करना और एक जीवंत सेमीकंडक्टर डिजाइन और विनिर्माण इकोसिस्टम तैयार करने में सहायता करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को पूरा करने के लिए सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए 76,000 करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा की है। देश में पहले से ही 27-28 सेमीकॉन स्टार्टअप उपस्थित हैं और सरकार के नीतिगत समर्थन से इनकी संख्या जल्द ही 100 तक पहुंच जाएगी।”
उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए सरकार द्वारा कई उपाय किए गए हैं। इनमें एक भारतीय सेमीकंडक्टर अनुसंधान केंद्र (आईएसआरसी) की स्थापना शामिल है जो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जैसे शीर्ष संस्थानों के साथ मिलकर अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर अनुसंधान, सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला (एससीएल) के आधुनिकीकरण के लिए वीएलएसआई/ सेमीकंडक्टर पाठ्यक्रम के कार्यान्वयन के साथ काम करेगा, जो अभिनव डिजाइन और समाधान तैयार करने के लिए 85,000 का प्रतिभा पूल तैयार करेगा।
डिजिटल अर्थव्यवस्था अब आईटी/आईटीईएस के आस पास केंद्रित होने से लेकर प्रौद्योगिकी के पूरे स्पेक्ट्रम – डीप टेक, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई), स्पेस और सेमीकंडक्टर तक फैल गई है। मंत्री महोदय ने जोर देकर कहा कि सरकार भारत को प्रौद्योगिकी के उपभोक्ता से प्रौद्योगिकी के निर्माता में बदलने और हमारे 1 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उद्योग, स्टार्टअप और शिक्षाविदों के सहयोग से काम कर रही है।
रोड शो के दौरान, रेनेसास टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी (सीईओ) हिदेतोशी शिबाता और जनरल एटॉमिक्स के मुख्य कार्यकारी डॉ. विवेक लाल जैसे वैश्विक सेमीकंडक्टर नेताओं ने भी अपनी परिकल्पना को साझा किया और भारतीय स्टार्टअप के साथ सहयोग में रुचि व्यक्त की।
जापानी चिप निर्माता शिबाता ने कहा, “भारत रेनेसास के व्यवसाय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सहयोग के काफी अवसर हैं। अगर आपके पास मौका है तो रेनेसास के बारे में क्यों नहीं सोचते। आइए रेनेसा के साथ मिलकर भविष्य को डिजाइन करें।”
इस आयोजन के शुभारंभ में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के निदेशक रंगन बनर्जी और बड़ी संख्या में उद्योग के प्रतिनिधि, स्टार्टअप और शिक्षा जगत के सदस्य मौजूद थे। तीसरा सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिजाइन रोड शो देश भर में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आयोजित रोड शो की एक श्रृंखला का हिस्सा है।
तीसरे रोड शो के दौरान, डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना के अंतर्गत स्वीकृत भविष्य के डिजाइन स्टार्ट-अप्स (अर्थात् मॉर्फिंग मशीन और नेत्रासेमी) की घोषणा इस विश्वास के साथ की गई थी कि अगला यूनिकॉर्न फैबलेस चिप डिजाइन क्षेत्र से होगा।
मॉर्फिंग मशीन डायनेमिक रनटाइम रीकॉन्फिगरेबल आरआईएससी-वी कई कोर एक्सीलरेटर पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसमें विभिन्न डोमेन और विषम अनुप्रयोगों में लगभग एएसआईसी प्रदर्शन है, और सभी एक ही समरुप निर्माण हैं।
नेट्रेसेमी एज आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) चिपसेट, उन्नत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) /एमएल और हार्डवेयर त्वरण क्षमताओं के साथ स्मार्ट दृष्टि और डोमेन विशिष्ट एसओसी समाधान सक्षम करने वाले प्लेटफॉर्म प्रदान कर रहा है।
इससे पहले दूसरे रोड शो के दौरान डीएलआई योजना के तहत निम्नलिखित फ्यूचर डिजाइन स्टार्ट-अप को मंजूरी देने की घोषणा की गई थी।
वर्वेसेमी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक को पुनः कॉन्फ़िगर करने योग्य एनालॉग और उच्च-प्रदर्शन एडीसी में विशेषज्ञता प्राप्त है। वर्वेसेमी ने मिक्स्ड-सिग्नल एमसीयू इंटीग्रेटेड सर्किट विकसित करने का प्रस्ताव दिया है।
फर्मियोनिक डिजाइन 5-जी, सतनाव, औद्योगिक लघु-सेल-सरणियों के लिए बीमफॉर्म इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी) विकसित कर रहा है।
डीवी2जेएस इनोवेशन सुरक्षा, निगरानी, ऑटोमोबाइल कैमरों के लिए सीएमओएस इमेज सेंसर विकसित कर रहा है।
सिकोइया कैपिटल इंडिया ने दो डीआईआर-वी स्टार्टअप्स – इनकोर सेमीकंडक्टर्स और माइंडग्रोव टेक्नोलॉजीज को निवेश सहयोग देने का वादा किया। इसने अप्रैल 2022 में डीआईआर-V पर माननीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर की परिकल्पना को बढ़ाया कि डीआईआर-वी स्टार्टअप्स, अकादमिक और वैश्विक प्रमुखों के बीच साझेदारी देखेगा, और भारत एक आरआईएससी-वी प्रतिभा विश्व के लिए हब साबित होगा। ।
डीआईआर-वी कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, सी-डैक ने आरआईएससी-वी आईएसए पर आधारित 32/64-बिट सिंगल/डुअल/क्वाड कोर प्रोसेसर वाले माइक्रोप्रोसेसरों की वेगा श्रृंखला के डिजाइन और विकास को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। टीएचईएजेएस 32 एएसआईसी पर आधारित एक विकास मंच, एआरआईईएस को विकसित किया गया है जिसमें चार अलग-अलग डेवलपर किट एरीज वी2, एरीज माइक्रो, एरीज आईओटी और एरीज वी3 शामिल हैं।
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने देश के सेमीकंडक्टर डिजाइन समुदाय को अपनी सेवाएं समर्पित करने के लिए सी-डीएसी बैंगलोर में चिपइन केंद्र की स्थापना की है। यह सुविधा सेमीकंडक्टर डिज़ाइन टूल्स, फैब एक्सेस, वर्चुअल प्रोटोटाइपिंग हार्डवेयर लैब एक्सेस प्रदान करने के लिए स्टार्टअप्स और एकेडेमिया से फैबलेस चिप डिजाइनरों के लिए वन-स्टॉप सेंटर के रूप में कार्य करती है। सी-डीएसी बैंगलोर और एनसिस के बीच समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान चिपइन केंद्र में आयोजित एनसिस ईडीए उपकरणों का उपयोग करके चिप डिजाइन को विकसित करने के लिए किया गया।
उन्नत अर्धचालक समाधानों के एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ने विशेष रूप से भारतीय बाजार के लिए एक एनबी-आईओटी (नैरोबैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स) चिपसेट पेश किया। नए चिपसेट का उपयोग एसेट ट्रैकिंग, लाइटिंग, सुरक्षा और कई अन्य अनुप्रयोगों में भी किया जा सकता है।