मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिला स्थित ग्रामीण विद्यालयों में मिशन लाइफ जागरूकता कार्यक्रम और वृक्षारोपण अभियान आयोजित किए गए
विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) एक ऐसा अवसर है, जो पर्यावरण को लेकर जागरूकता और कार्रवाई के लिए पूरे देश के करोड़ों लोगों को एकजुट करता है। इस साल भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मिशन लाइफ को आगे बढ़ाते हुए विश्व पर्यावरण दिवस- 2023 मनाने की परिकल्पना की है। इससे पहले माननीय प्रधानमंत्री ने साल 2021 में ग्लासगो के यूएनएफसीसीसी सीओपी-26 में विश्व नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान पर्यावरण के लिए जीवनशैली (लाइफ) की अवधारणा प्रस्तुत की थी। अपने संबोधन में उन्होंने स्थायी जीवनशैली और अभ्यासों को अपनाने के लिए एक वैश्विक लक्ष्य को फिर से प्रज्वलित करने का आह्वाहन किया था। विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में मिशन लाइफ पर पूरे देश में सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय (एनएमएनएच)
एनएमएनएच ने एनजेडपी के सहयोग से मिशन लाइफ पर एक सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें दिल्ली/एनसीआर के 231 छात्रों ने हिस्सा लिया।
वहीं, मैसूर स्थित आरएमएनएच ने 17 मई, 2023 को मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) के एक हिस्से के तहत 70 कॉलेजों के छात्रों/सामान्य आगंतुकों के लिए “पर्यावरण गतिविधि पर नाटक और गीतों” का आयोजन किया। प्रकृति से संबंधित गीतों की स्क्रीनिंग के माध्यम से पर्यावरण जागरूकता उत्पन्न की गई और मिशन लाइफ के सार्वजनिक कार्यक्रम के एक हिस्से के तहत पृथ्वी समर्थक गतिविधियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
2. भारतीय प्राणी सर्वेक्षण
पश्चिम बंगाल के सुंदरबन स्थित भारतीय प्राणी सर्वेक्षण ने कैनिंग में 50 छात्रों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें छात्रों ने मिशन लाइफ पर प्रतिज्ञा ली।
पश्चिम बंगाल के कैनिंग स्थित सुंदरबन क्षेत्रीय केंद्र ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें किशोर लड़कों व लड़कियों के लिए जल संरक्षण और मोटे अनाज के महत्व को लेकर हरित संवाद आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में स्थानीय क्लब- बंधुमहल क्लब टूल पार्ट की ओर से कुल 40 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन केंद्र (एनसीएससीएम)
मिशन लाइफ की विषयवस्तुओं के अनुरूप एनसीएससीएम ने पुडुचेरी नगर पालिका, सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवी संघ (एनजीओ) के सहयोग से पुडुचेरी स्थित विरासत स्थल बॉटनिकल गार्डन में एक सफाई और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इसकी स्थापना साल 1826 में की गई थी। इस उद्यान में उष्णकटिबंधीय शुष्क सदाबहार वनों की दुर्लभ, लुप्तप्राय, कमजोर, संकटग्रस्त व स्थानिक प्रजातियां और कोरोमंडल तटों की मूल प्रजातियों हैं। लाइफ की विषयवस्तुओं के अनुरूप एनसीएससीएम के वैज्ञानिकों ने वनस्पति उद्यान के चारों ओर एक प्रकृति की सैर का आयोजन किया और 15 किलोग्राम प्लास्टिक कचरा, जिनमें ज्यादातर एकल-उपयोग प्लास्टिक और 100 किलोग्राम कार्बनिक मलबे, जिनमें अधिकांश पौधों के कूड़े को एकत्र किया व बॉटनिकल गार्डन में स्थित खाद के गड्ढे में इनका निपटारा किया गया। वहीं, जागरूकता के मोर्चे पर वैज्ञानिकों ने लगभग 300 आगंतुकों और उद्यान अधिकारियों को पारंपरिक ज्ञान के महत्व, ऐतिहासिक वनस्पतियों व विरासत के पेड़ों के संरक्षण और संरक्षण, शहरी हरियाली, ऊर्जा व जल के उपयोग का अनुकूलन और मिशन लाइफ के एक हिस्से के तहत जीवनशैली के एक स्थायी पहलू को अपनाने के बारे में प्रशिक्षित किया। यह आयोजन एकल उपयोग प्लास्टिक में कमी, एकल- उपयोग प्लास्टिक के पर्यावरण अनुकूल विकल्पों का इस्तेमाल, जिम्मेदार पर्यटन, स्रोत पर अपशिष्ट पृथक्करण और जैव विविधता संरक्षण पर जागरूकता बढ़ाने के लिए किया गया था। इस कार्यक्रम ने बॉटनिकल गार्डन में छात्रों और आगंतुकों को उनके पर्यावरण, आवास और प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने की जरूरत के बारे में विस्तृत रूप से जागरूक किया। इस कार्यक्रम के एक हिस्से के तहत प्रतिभागियों ने कूड़ेदान और प्लास्टिक प्रदूषण के खतरे के खिलाफ लाइफ प्रतिज्ञा में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में तख्तियों और पैम्फलेटों को समुद्र तट पर प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा एनसीएससीएम के वैज्ञानिकों ने लोगों को मिशन लाइफ के महत्व के बारे में विस्तार से बताया।
राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान
राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान (एनआईएचई) के सिक्किम क्षेत्रीय केंद्र (एसआरसी) ने 17 मई, 2023 को गंगटोक स्थित पंगथांग में एक जागरूकता कार्यक्रम “मिशन लाइफ” का आयोजन किया।
इस अभियान के निम्नलिखित उद्देश्य थे-
i) मिशन लाइफ को लेकर प्रतिभागियों को जागरूक करना,
ii) लाइफ विषय़वस्तुओं के साथ युवा मस्तिष्कों को समन्वित करना
iii) पर्यावरण के अनुकूल आदतों को लेकर ज्ञान का प्रसार
इसके अलावा छात्रों को एक स्थायी खाद्य प्रणाली और स्वस्थ जीवनशैली के लिए वर्मीकम्पोस्टिंग और औषधीय पौधों की खेती के महत्व के बारे में भी जागरूक किया गया। इस कार्यक्रम में कुल 40 छात्रों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया और लाइफ प्रतिज्ञा ली।
भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण
ईआरसी शिलांग ने पूर्वी खासी हिल्स जिले के विभिन्न ग्रामीण विद्यालयों में 17 मई, 2023 को मिशन लाइफ जागरूकता कार्यक्रम और वृक्षारोपण का आयोजन किया। इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान पौधों का भी वितरण किया गया।
बीएसआई शिलांग कार्यालय ने आज विभिन्न ग्रामीण विद्यालयों में मिशन लाइफ कार्यक्रम आयोजित किया।