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जीईएम स्थापना दिवस के समारोह का आयोजन

राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के सदस्य श्री बिनय कुमार ने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में कुशल, पारदर्शी और समावेशी प्रक्रिया के माध्यम से वस्तुओं एवं सेवाओं की अधिप्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए एक सुव्यवस्थित सार्वजनिक खरीद प्रणाली की बहुत आवश्यकता है।

17 मई, 2017 को शतप्रतिशत गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) की स्थापना के अवसर पर, कल यानी 17 मई, 2023 को नई दिल्ली में एक समारोह का आयोजित किया गया। इस अवसर पर, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के सदस्य श्री बिनय कुमार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

श्री बिनय कुमार ने भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में कुशल, पारदर्शी और समावेशी प्रक्रिया के माध्यम से वस्तुओं एवं सेवाओं की अधिप्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए एक सुव्यवस्थित सार्वजनिक खरीद प्रणाली की आवश्कता पर बल दिया। उन्होंने एकीकृत सार्वजनिक खरीद पोर्टल के लिए एक मजबूत नींव तैयार करने में जीईएम टीम द्वारा की गई कड़ी मेहनत की सराहना की और इतने कम समय में नए मील के पत्थर प्राप्त करने के लिए जीईएम के प्रयासों की सराहना भी की।

श्री पीके सिंह, सीईओ, जीईएम ने सरकारी खरीदारों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए जीईएम द्वारा किए गए पहलों के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें केंद्रीय मंत्रालय, राज्य विभाग, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (पीएसई) एवं हाल ही में बोर्ड में शामिल सहकारी समितियां एवं ग्राम पंचायतें भी शामिल हैं। उन्होंने आने वाले समय में अपने द्वारा किए जाने वाले बेहतर कामों और इस पर आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता के बारे में भी विस्तार से बात की और आगामी चिंतन शिविर के बारे में बताया, जो समस्यों की पहचान करने और उनका समाधान करने के लिए अभिनव समाधान खोजने के लिए एक कार्यशाला है।

इस कार्यक्रम में सार्वजनिक खरीद में बदलाव लाने में जीईएम की यात्रा के साथ-साथ रीब्रांडेड जीईएम आउटलेट स्टोर्स #वोकलफॉरलोकल की शुरूआत की गई। करोना-19 महामारी के दौरान, जीईएम ने पारंपरिक मेलों और प्रदर्शनियों को व्यवहार्य विकल्प के रूप में चुना और जीईएम आउटलेट स्टोर्स का शुभारंभ करने के बाद बिना किसी बिचौलियों के महिलाओं, एससी/एसटी एवं जनजातीय उद्यमियों, स्टार्टअप, सूक्ष्म एवं लघु उद्यम (एमएसई), कारीगरों और बुनकरों, खादी बुनकरों एवं बांस उत्पादकों आदि के लिए ई-मार्केट की सुविधा प्रदान किया।

जीईएम ने आठ “जीईएम आउटलेट स्टोर” विकसित करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के साथ मिलकर काम किया और सरकार की #वोकलफॉरलोकल एवं आत्मनिर्भर भारत अभियान पहलों को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण भारत में कम सेवा देने वाले विक्रेता समूहों को अपनी समर्पित उत्पाद श्रेणियों और ऑनलाइन स्टोरों के माध्यम से बाजारों तक पहुंच प्रदान की। इस प्रक्रिया में, जीईएम ने सार्वजनिक खरीद बाजारों में अल्प-सेवा प्राप्त विक्रेता समूहों के सामाजिक एवं वित्तीय समावेशन के लिए एक अद्वितीय दृष्टिकोण को अपनाया है, और #वोकलफॉरलोकल एवं “मेक इन इंडिया” में उल्लिखित उद्देश्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे “आत्मनिर्भर भारत” सुनिश्चित किया जा सके। इस कार्यक्रम का समापन जीईएम कर्मचारियों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार करने के साथ हुआ।

अपनी स्थापना के बाद से, इस पोर्टल ने 68 हजार सरकारी खरीदारों और 61.81 लाख से ज्यादा विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं को पंजीकृत किया है, जिन्होंने 11,567 उत्पाद श्रेणियों और 2,44,787 सेवा कैटलॉग एवं 293 सेवा श्रेणियों में 31.14 लाख से ज्यादा उत्पादों को सूचीबद्ध किया है। इसके अलावा, अब तक सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) में 4.15 लाख करोड़ रुपये के 1.51 करोड़ की मांग पूरी की गई है। वित्त वर्ष 2022-23 में, जीईएम ने एक ही वर्ष में सकल सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) में 2 लाख करोड़ रुपये के 50 लाख से ज्यादा ऑर्डर को पूरा करते हुए एक अनूठा मील का पत्थर प्राप्त किया है। गौरतलब है कि पोर्टल पर कुल मिलाकर 4.15 लाख करोड़ रुपये के संचयी सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) का 52.54 प्रतिशत या 2.18 लाख करोड़ रुपये सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों (एमएसई) विक्रेताओं द्वारा प्राप्त किया गया है।