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राजीव चंद्रशेखर डिजिटल इंडिया अधिनियम के सिद्धांतों पर कल मुंबई में डिजिटल इंडिया संवाद सत्र आयोजित करेंगे

केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर कल मुंबई में डिजिटल इंडिया अधिनियम पर डिजिटल इंडिया संवाद सत्र आयोजित करेंगे।

इस सत्र में प्रौद्योगिकी परिवेश के विभिन्‍न हितधारक भाग लेंगे जिनमें उद्योग के पेशेवर/ संगठन, स्टार्टअप, कानून के जानकार आदि शामिल हैं। इस साल मार्च में बेंगलूरु में भी इसी तरह के एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

विचार-विमर्श की यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के उस दृष्टिकोण के अनुरूप है जिसके तहत वह कानून एवं नीति निर्माण के लिए विचार-विमर्श करने की बात करते हैं। यह कोई पहला अवसर नहीं है जब इस विधेयक के मसौदा-पूर्व चरण में विभिन्‍न हितधारकों से बातचीत की जा रही है।

डिजिटल इंडिया अधिनियम, 2023 भविष्य के लिहाज से तैयार किया गया कानून है जिसका उद्देश्य मौजूदा आईटी अधिनियम को बदलना और भारत के प्रौद्योगिकी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा प्रदान करना है। भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए नरेन्‍द्र मोदी सरकार द्वारा तैयार किए जा रहे वैश्विक स्‍तर के साइबर कानून इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

डिजिटल व्‍यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, नेशनल डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क पॉलिसी, आईटी नियमों में किए गए हालिया संशोधन, सीईआरटी-इन दिशानिर्देश इस कानूनी ढांचे के महत्वपूर्ण घटक हैं।

भारत में आज 83 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं और यह दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल तौर पर कनेक्‍टेड लोकतंत्र है। इंटरनेट फिलहाल 23 साल पुराने आईटी अधिनियम द्वारा व्‍यापक तौर पर शासित होता है। इसमें अन्य चुनौतियों के साथ-साथ उपयोगकर्ता अधिकारों, विश्वास और सुरक्षा संबंधी प्रावधानों की कमी है। साथ ही यह डॉक्सिंग, साइबर स्टॉकिंग और ऑनलाइन ट्रोलिंग जैसे परिष्‍कृत एवं लगातार उभर रहे साइबर अपराधों से निपटने के लिए पूरी तरह सुसज्जित नहीं है।

डीआईए यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेगा कि भारत में इंटरनेट खुला, उपयोगकर्ता को नुकसान पहुंचाने एवं अपराध से मुक्त है। साथ ही, जवाबदेही के लिए हमारे पास एक संस्थागत ढांचा है।