भारत और सिंगापुर जीवन पर्यंत शिक्षण, भविष्य के लिए कार्यबल के निर्माण, ज्ञान और कौशल विकास को रणनीतिक साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ बनाने के लिए अवसर मुहैया कराने पर सहमत
शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री और व्यापार एवं उद्योग मंत्री से मुलाकात की
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान सिंगापुर की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। वे भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ बनाने और शिक्षा एवं कौशल विकास के दायरे को व्यापक बनाने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए वहां गए हैं। प्रधान ने सिंगापुर सरकार के विभिन्न मंत्रियों से मुलाकात की और आज स्पेक्ट्रा सेकेंडरी स्कूल का दौरा किया।
प्रधान ने भारत और सिंगापुर के बीच वर्तमान सहयोग को सुदृढ़ बनाने के लिए डीपीएम और सिंगापुर के वित्तमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ रचनात्मक विषयों पर बैठक की। इस दौरान दोनों मंत्रियों ने कौशल विकास के क्षेत्र में आपसी तालमेल को और अधिक बढाने पर चर्चा की। इस दौरान दोनों पक्ष जीवन पर्यंत शिक्षण, भविष्य के लिए कार्यबल के निर्माण और ज्ञान तथा कौशल विकास को रणनीतिक साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ बनाने के लिए अवसर मुहैया कराने पर मिलकर काम करने के लिए सहमत हुए।
प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का शुभारंभ किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विशेष रूप से माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रही है। यह सुनिश्चित करती है कौशल प्रशिक्षण, बाजार की प्रासंगिकता के साथ-साथ तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए हमारे संस्थानों की क्षमता का निर्माण हो। उन्होंने बताया कि सरकार उच्च शिक्षा योग्यता ढांचे के साथ कौशल योग्यता ढांचे को एकीकृत करने और कौशल, पुन: कौशल और कौशल विकास के अवसर प्रदान करने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को उन्नत करने की दिशा में कार्यरत है और इस क्षेत्र में निवेश पर भी कार्य कर रही है। प्रधान ने कहा कि सिंगापुर की सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों से सीखने, उनसे सहयोग करने और भारतीय आवश्यकताओं के अनुरूप इनका उपयोग करने पर बल दिया।
धर्मेन्द्र प्रधान ने सिंगापुर के व्यापार और उद्योग मंत्री गान किम योंग के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया। दोनों मंत्रियों ने कौशल विकास और जीवन पर्यंत शिक्षण के लिए सभी तंत्रों के माध्यम से व्यावसायिक प्रशिक्षण संबंधों को सुदृढ़ बनाने पर सार्थक चर्चा की। भुवनेश्वर में जी-20 फ्यूचर ऑफ वर्क कार्यशाला के परिणामों के आधार पर उन्होंने उन तौर-तरीकों पर भी चर्चा की, जिनसे भारत साझा चुनौतियों से निपटने और भारतीय कौशल पारिस्थितिकी तंत्र में बदलाव के लिए सिंगापुर की विशेषज्ञता और ज्ञान का लाभ उठा सके।
प्रधान को कार्यबल के प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर में अपनाई जा रही सर्वोत्तम प्रथाओं और मॉडलों का अवलोकन करने का अवसर मिला। दोनों मंत्रियों ने कौशल विकास के क्षेत्र में आपसी प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने और जीवन पर्यंत शिक्षण के नए अवसर मुहैया कराने तथा दोनों देशों के साथ-साथ अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लाभ के लिए एक साथ मिलकर सहयोग करने पर भी सहमति व्यक्त की।
बाद में प्रधान ने स्पेक्ट्रा सेकेंडरी स्कूल का दौरा किया। उन्होंने शिक्षण-अधिगम वातावरण और शिक्षाशास्त्र आदि के बारे में छात्रों और शिक्षकों से बातचीत की। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि स्कूल कौशल आधारित शिक्षा को प्राथमिकता देता है और प्रत्येक विद्यार्थी को भविष्य के विभिन्न अवसरों और कार्यस्थलों के लिए तैयार करने के लिए सीखने की क्षमता को प्रोत्साहित करने पर भी ध्यान केन्द्रित करता है।