केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) पर अंतर-क्षेत्रीय समन्वय समिति की अध्यक्षता की
एएमआर पर सम्मिलित कार्रवाई को इससे निपटने में हस्तक्षेप के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में पहचाना गया
एनएपी 2.0 की अगुवाई करने के लिए एएमआर पर राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) की सीख
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण की अध्यक्षता में आज यहां एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) पर अंतर-क्षेत्रीय समन्वय समिति की बैठक में राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) की कार्यान्वयन स्थिति पर चर्चा की गई।
देश में एएमआर के बढ़ते खतरे को दूर करने के लिए समन्वित बहुपक्षीय कार्रवाइयों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि एएमआर की समस्या से एक रेखीय और एकल तरीके से नहीं निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि चूंकि मुद्दे और कार्रवाई बिंदु सरकारी और गैर-सरकारी क्षेत्रों में बहु-एजेंसी प्रकृति के हैं, इसलिए इससे निपटने की कार्य योजना के लिए एकीकृत मिशन मोड दृष्टिकोण के साथ सभी हितधारकों के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने सहयोगी मंत्रालयों/विभागों से प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों के साथ एक व्यापक कार्य योजना के लिए विशेषज्ञता और क्षेत्र से संबंधित ज्ञान को एक साथ लाने के लिए संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के साथ सम्मिलित रूप में काम करने का आग्रह किया। इन प्रदर्शन संकेतकों की समय-समय पर निगरानी की जा सकती है। भागीदार मंत्रालयों/विभागों के प्रतिनिधियों ने एएमआर की रोकथाम और नियंत्रण की दिशा में अपने किए उपायों को भी प्रस्तुत किया।
एएमआर पर अंतर-क्षेत्रीय समन्वय समिति (आईएससीसी-एएमआर) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति है। इसमें स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर); पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग; जैव प्रौद्योगिकी विभाग; सीएसआईआर; सीडीएससीओ, एफएसएसएआई, आयुष, एनएमसी, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय; खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय और पर्यावरण और वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की भागीदारी होती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय में अपर सचिव श्री लव अग्रवाल ने बैठक का संदर्भ निर्धारित करते हुए कहा कि भारत सरकार ने अपनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 में प्रमुख प्राथमिकता के रूप में एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) की पहचान की है और एएमआर की रोकथाम के लिए भारत की राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी-एएमआर) अप्रैल 2017 में जारी की गई थी। एएमआर की रोकथाम में पूरी संजीदगी से समर्थन का वादा करते हुए एनएपी-एएमआर के शुभारंभ पर संबंधित मंत्रालयों ने एक अंतर-मंत्रालयी सहमति के साथ एएमआर पर दिल्ली घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे। एएमआर भारत जी20 स्वास्थ्य कार्य समूह की तीन प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है जो वैश्विक स्तर पर इसके महत्व को दर्शाता है।
एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) पर अंतर-क्षेत्रीय समन्वय समिति की बैठक में एनएपी-एएमआर के हिस्से के रूप में विभिन्न रणनीतिक प्राथमिकताओं के तहत की गई कार्रवाई पर विचार किया गया। एनएपी-एएमआर के रणनीतिक उद्देश्यों में संचार और आईईसी गतिविधियों के माध्यम से लोगों के बीच जागरूकता और समझ बढ़ाना शामिल है। यह राष्ट्रीय एएमआर निगरानी नेटवर्क (एनएआरएस-नेट) और राज्य निगरानी नेटवर्क के माध्यम से मानव, पशु और पर्यावरण में एएमआर की बढ़ी हुई निगरानी के जरिए बढ़ते ज्ञान और साक्ष्य पर भी जोर देता है। इसका तीसरा रणनीतिक उद्देश्य संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण है। इसके लिए, जनवरी 2020 में स्वास्थ्य सुविधाओं में संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। एनएपी-एएमआर का चौथा रणनीतिक उद्देश्य एंटी-माइक्रोबियल प्रबंधन है। इसका पांचवां उद्देश्य नई दवाओं और प्रौद्योगिकियों में नवीन अनुसंधान और विकास लाना है, जबकि राष्ट्रीय, उप-राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एनएपी-एएमआर का छठा और अंतिम रणनीतिक उद्देश्य है।
इस बैठक में राष्ट्रीय आईपीसी कार्यक्रम का मसौदा तैयार करने के लिए एनसीडीसी में स्थापित की जा रही संक्रमण रोकथाम और नियंत्रण (आईपीसी) इकाई सहित चल रही पहल पर चर्चा हुई। साथ ही, इस बैठक में स्वास्थ्य के अन्य कार्यक्रमों के तहत आईपीसी के साथ संक्रमण निवारण और नियंत्रण पर राष्ट्रीय और राज्य स्तर के डेटा एकत्र करने और तुलना करने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित करने की आवश्यकता, मानव, पशु, पर्यावरण और खाद्य क्षेत्र में विधिवत सम्मिलन, एएमआर पर राज्य विशिष्ट कार्य योजनाओं के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने और एएमआर पर एक एकीकृत अनुसंधान एजेंडा विकसित करने के लिए अनुसंधान एजेंसियों की भागीदारी पर भी चर्चा हुई।
यह निर्णय लिया गया कि चल रहे एनएपी-एएमआर कार्यान्वयन से प्राप्त जानकारी के आधार पर, स्वास्थ्य मंत्रालय एएमआर को नियंत्रित करने के संयुक्त प्रयासों को मजबूत करने के लिए एएमआर 2.0 पर विभिन्न मंत्रालयों के तहत चल रही पहलों को औपचारिक रूप से समेकित करते हुए एक राष्ट्रीय कार्य योजना तैयार करेगा।