गुणवत्ता संपन्न स्वास्थ्य सेवा प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार हैः उप राष्ट्रपति
उप राष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने स्वास्थ्य अवसंरचना में शहरी-ग्रामीण खाई पर चिंता व्यक्त करते हुए निजी क्षेत्र से आग्रह किया कि वे किफायती मूल्य पर ग्रामीण क्षेत्रों में नवीनतम गुणवत्ता संपन्न स्वास्थ्य सेवा सुविधाएं लाने में सरकार के साथ सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि इस खाई को पाटना आवश्यक है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी अपने गांवों में आधुनिक स्वास्थ्य सेवा प्राप्त कर सकें। प्रत्येक व्यक्ति को गुणवत्ता संपन्न स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के महत्व पर बल देते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे गांवों में चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में किसी को पीड़ा नहीं झेलनी चाहिए।
तिरुपति में अमरा मल्टीस्पेशिऐलिटी अस्पताल के उद्घाटन अवसर पर उप राष्ट्रपति ने सभी पात्र नागरिकों से कोविड टीका लगवाने और कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई में शामिल होने की अपील की।
हाल के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को 2,23,846 करोड़ रुपए आबंटित करने के लिए सरकार की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि इस कदम से देश में स्वास्थ्य सेवा संरचना बनाने के काम को काफी प्रोत्साहन मिलेगा और स्वास्थ्य पर जेब से खर्च करने में कमी आएगी।
नायडू ने आयुष्मान भारत जैसी स्वास्थ्य योजनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने को कहा ताकि वंचित इसका लाभ उठा सकें।
कोरोना वायरस के विरुद्ध लड़ाई में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों की सराहना करते हुए नायडू ने कहा कि संकट के समय में इन लोगों ने मिलकर टीम इंडिया की तरह काम किया। उन्होंने कहा कि महामारी पर काबू पाने में अथक प्रयासों के लिए डॉक्टरों तथा मेडिकल स्टाफ की प्रशंसा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि समय की सबसे चुनौतिपूर्ण अवधि में अपनी निस्वार्थ सेवा और बलिदान के कारण देश हमेशा डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, स्वास्थ्य, सफाई तथा आशाकर्मियों सहित चिकित्सा समुदाय के प्रति आभारी रहेगा। उन्होंने महामारी के दौरान पुलिसकर्मियों के कार्यों की सराहना की और कोरोना वायरस के बारे में लोगों को सूचित और शिक्षित करने के बारे में अग्रणी रूप से कार्य करने के लिए मीडियाकर्मियों की प्रशंसा की।
विश्व से संसाधन साझा करने के भारत के प्रयासों के बारे में उप राष्ट्रपति ने कहा कि हमने विश्व के 150 से अधिक देशों में दवाइयां और चिकित्सा उपकरणों की सप्लाई करके बसुधैव कुटंबकम् के पुराने दर्शन का अनुसरण किया है। इस वर्ष जनवरी में मेड इन इंडिया कोविड टीका आने के बाद भारत ने अनेक देशों को टीकों की सप्लाई की है। उन्होंने कहा कि आज विश्व की फार्मेसी की भारत की ख्याति और शानदार हो गई है।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि बार-बार अस्पताल आने से मरीजों और उनके परिवार के सदस्यों को कठिनाई होती है, इसलिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता मरीज के अनुभव में सुधार तथा उसकी पीड़ा में कमी के उपाय करें। चिकित्सा सेवा में मानवीय सोच का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि डॉक्टर केवल मेडिकल जांचों पर निर्भर नहीं रहें, बल्कि मरीजों के साथ समय बिताएं और उनसे बात करें। उप राष्ट्रपति ने डॉक्टरों, अभिनेताओं तथा मीडियाकर्मियों से कोविड रोकथाम के उपायों के बारे में लोगों को शिक्षित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राजनीति, चिकित्सा पेशा और शिक्षण सार्वजनिक सेवा के साधन हैं।
गैर-संक्रमणकारी बीमारियों में वृद्धि पर चिंता प्रकट करते हुए उप राष्ट्रपति ने सभी से नियमित व्यायाम, पौष्टिक तथा संतुलित आहार, योग साधना के माध्यम से स्वस्थ जीवन शैली अपनाने का आग्रह किया।
अमरा अस्पताल स्थापित करने के लिए डॉक्टर प्रसाद गौरीनेनी तथा डॉक्टर रमादेवी गौरीनेनी की सराहना करते हुए उन्होंने आशा व्यक्त की कि अस्पताल किफायती मूल्य पर लोगों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा प्रदान करेगा।
इस अवसर पर आध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के नारायणस्वामी, अमरा राजा कंपनी समूह के संस्थापक गल्ला रामचंद्र नायडू, पूर्व मंत्री गल्ला अरुणा कुमारी, गुंटूर से लोकसभा सदस्य जयदेव गल्ला, अमरा अस्पताल के अध्यक्ष डॉक्टर प्रसाद गौरीनेनी, अमरा अस्पताल की प्रबंध निदेशक रमादेवी गौरीनेनी तथा अमरा अस्पताल के स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।
टूटने की कगार पर टीएमसी, 10 विधायक और 3 सांसद भाजपा के संपर्क में