NewsExpress

News Express - Crisp Short Quick News
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का सिविल सेवकों के लिए योग्यता आधारित क्षमता निर्माण का आह्वान


क्षमता निर्माण प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के विकसित भारत के निर्माण के विजन के अनुरूप है: डॉ. जितेंद्र सिंह

डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्मार्ट, नागरिकों के अनुकूल और भविष्य के लिए तत्‍पर सार्वजनिक कार्यबल को प्रोत्‍साहन देने के लिए मिशन कर्मयोगी से संबंधित छह उप-समिति रिपोर्ट जारी कीं

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज सिविल सेवकों के लिए योग्यता आधारित क्षमता निर्माण का आह्वान किया।

नई दिल्ली में भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) में क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) द्वारा आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, क्षमता निर्माण निरंतर चलने वाला अभ्यास है और सरकार में सीबीसी के होने का निर्णय अपने आप में क्षमता निर्माण प्रक्रिया की दिशा में उठाया गया कदम है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के विकसित भारत के निर्माण के विजन के अनुरूप है। सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के लिए राष्ट्रीय मानक (एनएससीएसटीआई) फ्रेमवर्क प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा सिविल सेवकों के कौशल और क्षमताओं को संवर्धित करने के लिए एकीकृत और मानकीकृत दृष्टिकोण अपनाने, अधिक प्रभावी और जवाबदेह प्रशासन को प्रोत्‍साहन देना सुनिश्चित करते हुए मिशन कर्मयोगी के अनुरूप बनाया गया है। 18 जुलाई 2022 को एनएससीएसटीआई प्लेटफ़ॉर्म और इसके उत्कृष्टता के 8 स्तंभ लॉन्च और प्रकाशित किए गए।

इस अवसर पर, डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्मार्ट, नागरिकों के अनुकूल और भविष्य के लिए तत्‍पर सार्वजनिक कार्यबल को प्रोत्‍साहन देने के लिए मिशन कर्मयोगी से संबंधित छह उप-समिति रिपोर्ट जारी की। ये रिपोर्टें सीबीसी, उप-समिति के सदस्यों, विशेषज्ञों और सीएसटीआई के अनेक सदस्यों के महीनों के सहयोगपूर्ण प्रयासों, 19 जून 2023 को प्रधानमंत्री की उपस्थिति में आयोजित राष्ट्रीय प्रशिक्षण कॉन्क्लेव के दौरान पैनल चर्चा के बाद सामने आईं, जिसमें अनेक बातों के अलावा एनएससीएसटीआई (सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के लिए राष्ट्रीय मानक) पोर्टल पर अधिक सीएसटीआई पंजीकृत करने और मान्‍यता की प्रक्रिया को बढ़ाने पर बल दिया गया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कॉन्क्लेव के बाद, हमें मान्‍यता के लिए बहुत अच्‍छी प्रतिक्रिया मिली है और वर्तमान में पोर्टल पर 200 से अधिक संस्थान पंजीकृत हैं तथा कई अन्‍य संस्थान पंजीकरण की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा, इनमें से 58 संस्थान मान्यता के अंतिम चरण की ओर अग्रसर हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 12 अक्टूबर 2021 को आयोजित केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों (सीटीआई) की पहली गोलमेज बैठक के दौरान सीटीआई प्रमुखों को शामिल करते हुए छह उप-समितियां गठित की गईं। ये उप-समितियां फ्रेमवर्क के विभिन्न पहलुओं का आकलन करने तथा प्रशिक्षण संबंधी आवश्यकताओं की पहचान करने, ज्ञान साझा करने को बढ़ावा देने और सामान्य ज्ञान भंडार बनाने, क्षमता निर्माण के फिजिटल वर्ल्‍ड की ओर रुख करने, शिक्षकों की क्षमताओं को बढ़ाने, आयोजित प्रशिक्षणों के प्रभावी मूल्यांकन को शामिल करने, शासन में चुनौतियों पर काबू पाने जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर विचार-मंथन और सिफारिशें करने की दिशा में केंद्रित कार्यशालाओं के माध्यम से सीबीसी के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं।

यह कार्यशाला संस्थानों को मान्यता प्रक्रिया को समझने और कुशल मान्यता की सुविधा प्रदान करने में सहायता देगी। ये कार्यशालाएं सीएसटीआई को विभिन्न सेवाओं और क्षेत्रों के सिविल सेवकों के बीच सहयोग और नेटवर्क बनाने के अवसर भी प्रदान करती हैं, जिससे वे एक साथ आने, विचारों का आदान-प्रदान करने और नेटवर्क निर्माण करने में सक्षम होते हैं।

मिशन कर्मयोगी योग्यता-आधारित शिक्षा और क्षमता निर्माण पर जोर देते हुए भारत में सिविल सेवा को आधुनिक बनाने की दिशा में सरकार की एक पहल है। इसका उद्देश्य नौकरशाही प्रणाली को अधिक कुशल और परिणाम-संचालित इकाई में परिवर्तित करना है।

मिशन के मुख्य उद्देश्यों को आगे बढ़ाते हुए कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के डीओपीटी द्वारा एक सरकारी स्वामित्व वाली, गैर-लाभकारी एसपीवी कर्मयोगी भारत स्थापित की गई है और इसे आईजीओटी (एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण) कर्मयोगी प्लेटफॉर्म के स्वामित्व, प्रबंधन, रखरखाव और सुधार की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य सभी सरकारी अधिकारियों के लिए “नियम-आधारित” के बजाय “भूमिका-आधारित” और “योग्यता आधारित” सीखने के प्रमुख सिद्धांत के आधार पर विश्व स्तरीय क्षमता निर्माण के अवसरों का सृजन करना है ताकि सरकारी कर्मचारी अपनी भूमिका का कुशलतापूर्वक, स्मार्ट और प्रभावी ढंग से निवर्हन कर सकें।


ये भी पढ़े –


Subscribe to our channels on- Facebook & Twitter & LinkedIn