NewsExpress

News Express - Crisp Short Quick News
भारतीय वेब ब्राउज़र डेवलपमेंट चैलेंज (आईडब्ल्यूबीडीसी) का शुभारंभ

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने नौ अगस्त 2023 को इंडिया हैबिटेट सेंटर, नयी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय वेब ब्राउज़र डेवलपमेंट चैलेंज (आईडब्ल्यूबीडीसी) का शुभारंभ किया। श्रीमती सुनीता वर्मा, वैज्ञानिक जी और समूह समन्वयक (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी में अनुसंधान एवं विकास), श्री अरविंद कुमार, प्रमाणन प्राधिकारी नियंत्रक, एमईआईटीवाई और डॉ. एस. डी. सुदर्शन, कार्यकारी निदेशक सी-डैक, बेंगलुरु ने संयुक्त रूप से ब्राउज़र विकास चुनौती शुरू की। गणमान्य व्यक्तियों ने इस अवसर पर चुनौती विवरणिका भी जारी की।

भारतीय वेब ब्राउज़र डेवलपमेंट चैलेंज की पहल एमईआईटीवाई, सर्टिफिकेट इन कम्प्यूटर अप्लीकेशन (सीसीए) और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवान्स्ड कम्प्यूटिंग (सी-डैक) बेंगलुरु द्वारा की जा रही है।

आईडब्ल्यूबीडीसी एक खुली चुनौती प्रतियोगिता है जो देश के सभी क्षेत्रों से प्रौद्योगिकी के प्रति उत्साही, नवप्रवर्तकों और डेवलपर्स को प्रेरित और सशक्त बनाने का प्रयास करती है ताकि वे इनबिल्ट सीसीए इंडिया रूट सर्टिफिकेट, अत्याधुनिक कार्यक्षमता और उन्नत के साथ सुरक्षा एवं डेटा गोपनीयता सुरक्षा सुविधाएँ सहित स्वयं के ट्रस्ट स्टोर के साथ एक स्वदेशी वेब ब्राउज़र बना सकें।

प्रस्तावित ब्राउज़र विभिन्न क्षमताओं वाले व्यक्तियों के लिए अंतर्निहित समर्थन सुनिश्चित करते हुए पहुंच और उपयोगकर्ता की सुविधा पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। इसके अलावा, ब्राउज़र क्रिप्टो टोकन का उपयोग करके दस्तावेजों पर डिजिटल रूप से हस्ताक्षर करने की क्षमता की परिकल्पना करता है, जिससे सुरक्षित लेनदेन और डिजिटल इंटरैक्शन को बढ़ावा मिलता है।

कार्यक्रम के दौरान श्रीमती सुनीता वर्मा, वैज्ञानिक जी एंड जीसी (इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी में आरएंडडी) ने सचिव, एमईआईटीवाई श्री अल्केश कुमार शर्मा का संदेश देते हुए कहा कि यह चुनौती आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे भारतीय वेब ब्राउज़र के विकास के जरिए भारत की डिजिटल संप्रभुता को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
अपर सचिव, एमईआईटीवाई, श्रीमती वर्मा ने श्री भुवनेश कुमार के विचार व्यक्त करते हुए कहा कि एमईआईटीवाई कई पहलों में सबसे आगे रहा है जो देश के भविष्य को नया स्वरुप दे रहे हैं। यह चुनौती उन महत्वपूर्ण घटकों में से एक, वेब ब्राउज़र-जिसके माध्यम से अंतिम उपयोगकर्ता इंटरनेट तक पहुँचते हैं, को संबोधित करती है।

श्रीमती सुनीता वर्मा ने कहा कि डिजिटल इंडिया ने देश के कामकाज में क्रांति ला दी है, नागरिकों को सशक्त बनाया है, अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन दिया है और समग्र शासन को बढ़ाया है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, प्रौद्योगिकी को अपनाना और स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देना, आत्मनिर्भर तथा डिजिटल रूप से सशक्त भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने देश के सभी नवोन्वेषी लोगों को आमंत्रित किया, वे चाहे शिक्षा जगत, उद्योग, स्टार्ट-अप या व्यक्ति हों, इस चुनौती में भाग लेने के लिए और दुनिया के लिए भारत में निर्मित एक नवोन्वेषी वेब ब्राउज़र लेकर आएं।

सीसीए, एमईआईटीवाई श्री अरविंद कुमार ने भारत में जारी किए गए डिजिटल प्रमाणपत्रों की विश्वसनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने और देश भर में सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन को सक्षम करने के लिए एक मजबूत पीकेआई बुनियादी ढांचा बनाने में मदद करने में सीसीए द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। हालाँकि, एसएसएल प्रमाणपत्रों के लिए, देश रूट्स ऑफ फॉरेन संस्थाओं द्वारा जारी किए गए एसएसएल प्रमाणपत्रों पर निर्भर रहा है। इनबिल्ट इंडिया रूट सर्टिफिकेट के साथ अपना स्वयं का ब्राउज़र विकसित करने की पहल से इस चुनौती पर विजय प्राप्त करने मे सहायता मिलेगी। देश को इंटरनेट के प्रति लचीला बनाने के लिए एक कदम आगे बढ़ गया है, जो किसी देश की विभिन्न व्यवधानों और खतरों का सामना करने और उनका समाधान करने की क्षमता को संदर्भित करता है जो उसके इंटरनेट बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को प्रभावित कर सकते हैं।

कार्यकारी निदेशक, सी-डैक बेंगलुरु, श्री एस डी सुदर्शन,ने चुनौती प्रतियोगिता की पूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में कोई भी भाग ले सकता है और विचार प्रस्तुत कर सकता है। पूरे चैलेंज में तीन चरण होंगे, पहले चरण यानी आइडिएशन चरण के बाद 18 प्रविष्टियों का चयन किया जाएगा। दूसरे चरण में आठ प्रतिभागियों को अंतिम चरण में प्रवेश के लिए चुना जाएगा। अंत में एक विजेता, प्रथम उपविजेता और द्वितीय उपविजेता का चयन किया जाएगा। पूरी चुनौती के दौरान तकनीकी सलाह प्रदान की जाएगी। कुल पुरस्कार 3.41 करोड़ रुपये के पूल में से विजेता को एक करोड़ रुपये दिये जायेंगे। विकसित ब्राउज़र को अगले स्तर तक ले जाने के लिए विजेता को सहयोग भी दिया जाएगा।

कार्यक्रम में सरकारी विभागों, उद्योग, स्टार्ट-अप और शिक्षा जगत से 200 से अधिक प्रतिभागियों ने ऑन-लाइन और ऑफ-लाइन मोड के माध्यम से भाग लिया। एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई, जिसमें एमईआईटीवाई ,सीसीए और सी-डैक अधिकारियों ने प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर दिया।

कार्यक्रम का समापन सभी नवोन्वेषी हस्तियों से चुनौती में भाग लेने और एक भारतीय वेब ब्राउज़र के साथ आने के आह्वान के साथ हुआ।