निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष प्राधिकरण (आईईपीएफए) और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने तमिलनाडु में निवेशक जागरूकता के लिए साइकिल रैली आयोजित की
भारत के आगामी स्वतंत्रता दिवस और आजादी का अमृत महोत्सव को उत्साहजनक ढंग से मनाए जाने के क्रम में निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष प्राधिकरण (आईईपीएफए) की सीईओ सुश्री अनीता शाह अकेला ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक साइकिल रैली को झंडी दिखाई जिसमें कांचीपुरम के सरकारी गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की 50 से भी अधिक छात्राओं ने भाग लिया और जिसका आयोजन ‘अनभिज्ञता से वित्तीय आजादी तक’ थीम पर किया गया।
इस रैली का प्रमुख उद्देश्य लोगों को आवश्यक वित्तीय जानकारियां देकर उन्हें सशक्त बनाना, और इस तरह से उन्हें वित्तीय आजादी की राह पर आगे बढ़ाना था। जीवंत उत्साह और सौहार्द के बीच साइकिल चालकों ने यह रैली शुरू की, जिसमें समस्त कांचीपुरम जिले के कई प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया गया, और जिसमें हर पैडल प्रगति एवं ज्ञानोदय के रूपक के रूप में प्रस्तुत हो रहा था।
अपने मुख्य भाषण के दौरान श्रीमती अकेला ने कहा, ‘आज की साइकिल रैली में 50 उत्साही लड़कियों की भागीदारी जागरूकता की रूपांतरणकारी शक्ति के बारे में बहुत कुछ बयां कर रही है। युवा प्रतिभागी न केवल खुद को सशक्त बना रही हैं, बल्कि वे वित्तीय साक्षरता के प्रभाव को बढ़ाने की क्षमता का भी प्रतीक हैं। बालिकाओं और महिलाओं को शिक्षित करने पर फोकस करके विभिन्न समुदायों के हितों की रक्षा के लिए इस तरह की पहल के विशेष महत्व पर प्रकाश डालते हुए विशेषकर तमिलनाडु के अनेक क्षेत्रों में धोखाधड़ी वाली योजनाओं से निपटने में टीम आईईपीएफए और आईपीपीबी के प्रयासों की सराहना की गई। इस तरह से उत्पन्न किया गया प्रभाव सीमाओं से परे भी फैलता है, वृहद स्तर के वित्तीय भविष्य को विशिष्ट स्वरूप प्रदान करता है और परिवारों एवं समुदायों की वित्तीय साक्षरता को बढ़ाता है। यह दिन एक सुरक्षित वित्तीय परिदृश्य को बढ़ावा देने, एक मजबूत समाज में योगदान देने वाली युवा प्रतिभागियों की प्रतिबद्धता और विभिन्न पहलों का जश्न मनाने के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था। इस दौरान आह्वान लड़कियों और महिलाओं को परिवर्तनकारी हस्ती के रूप में सशक्त बनाने का था, जिसकी समाज को आवश्यकता है।’
वित्तीय शिक्षा के सार का जश्न मनाने के लिए 500 से भी अधिक स्थानीय लोगों और विभिन्न विभागों के सरकारी अधिकारियों ने आपस में हाथ मिलाया। जैसे-जैसे पहिए घूमे और संदेश गूंजा, इस रैली ने निवेशक शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति का व्यापक संचार किया। यह सब कुछ अंतर्निहित थीम के अनुरूप ही था, जिसने सभी को यह याद दिलाया कि वित्तीय जागरूकता की दिशा में हर कदम एक आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण में योगदान देता है।
निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष प्राधिकरण (आईईपीएफए) की स्थापना 7 सितंबर, 2016 को कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में निवेशकों को शेयरों, दावा न किए गए लाभांश और परिपक्व जमा/डिबेंचर, इत्यादि को रिफंड करने के लिए निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष का प्रबंधन करने के उद्देश्य से की गई थी।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) की स्थापना भारत सरकार के स्वामित्व वाली 100% इक्विटी के साथ डाक विभाग, संचार मंत्रालय के अधीन की गई थी। आईपीपीबी को 30 जनवरी 2017 को रांची (झारखंड) और रायपुर (छत्तीसगढ़) में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य वित्त वर्ष 2018-2019 तक पूरे भारत में अपनी मौजूदगी दर्ज करना था। आईपीपीबी ने ‘हब एंड स्पोक’ मॉडल पर काम करते हुए एक नेटवर्क एक शाखा और बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स द्वारा संचालित 649 बैंकिंग आउटलेट्स के माध्यम से समस्त डाकघरों को कवर करते हुए पूरे भारत में अपनी क्षमता या मौजूदगी का विस्तार किया है।