आरबीआई ने दिल्ली में वित्तीय साक्षरता पर अखिल भारतीय क्विज़ के तीसरे क्षेत्रीय स्तर के दौर का आयोजन किया
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बच्चों, विशेष रूप से स्कूली छात्रों के बीच वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने की दिशा में, अखिल भारतीय वित्तीय साक्षरता क्विज़ का तीसरा ज़ोनल राउंड को आज दिल्ली में आयोजित किया गया, जिसमें राज्य स्तर पर दिल्ली, जम्मू व कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड तथा उत्तर प्रदेश के विजेताओं ने भाग लिया। यह क्विज़ ब्लॉक स्तर से शुरू किया गया और जिला व राज्य स्तर तक आयोजित किया गया था, जिसमें सरकारी स्कूलों के 8वीं, 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्रों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिससे वे जागरूक हो सकें और वित्तीय साक्षरता के क्षेत्र में उनकी रुचि पैदा हो सके।
ज़ोन के अंतर्गत आने वाले राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के लिए, कुल मिलाकर लगभग 5,132 स्कूलों के 10,264 छत्रों ने ब्लॉक स्तर पर भाग लिया और दिल्ली ज़ोनल स्तर पर ए एस ओ एस ई, सैक्टर 10, द्वारका, दिल्ली, सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल, पतुशाई, सोगम, कुपवारा, जम्मू कश्मीर, सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल, सुमूर, लेह, लद्दाख, ए यू जी आई सी, रुद्रपुर, उत्तराखंड तथा राजकीय इंटर कॉलेज, फुरसतगंज, अमेठी, उत्तर प्रदेश की भागीदारी देखी गई। इसमें श्री अमन गुप्ता और श्री उत्कर्ष सुधाकर, ए एस ओ एस ई, सैक्टर 10, द्वारका, दिल्ली विजेता बनकर उभरे और उन्हें RBI के कार्यपालक निदेशक श्री दीपक कुमार और उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सम्मानित किया गया। ज़ोनल राउंड के विजेता आने वाले दिनों में RBI द्वारा आयोजित किए जाने वाले इस क्विज के नेशनल राउंड में भाग लेंगे।
जैसा की सर्वविदित है, वित्तीय साक्षरता ग्राहकों को उनके वित्तीय कल्याण हेतु ज्ञात विकल्प चुनने में सशक्त बनाकर वित्तीय समावेशन के लक्ष्य की प्राप्ति का समर्थन करती है। वित्तीय समावेशन का उद्देश्य वित्तीय सेवाओं को सभी के लिए सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से उपलब्ध, सुलभ और किफायती बनाना है। वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने हेतु नीतियों का अनुसरण करते हुए, RBI वित्तीय साक्षरता और उपभोक्ता संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठा रहा है। वित्तीय रूप से जागरूक और सशक्त भारत बनाने की दृष्टि से, RBI ने अन्य हितधारकों के साथ मिलकर विषय-वस्तु, क्षमता, समुदाय, संचार और सहयोग जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए वर्ष 2020-25 के लिए वित्तीय शिक्षण हेतु राष्ट्रीय कार्यनीति (NSFE) तैयार की है। NSFE दस्तावेज़ का उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों को ज्ञान, कौशल, दृष्टिकोण और व्यवहार विकसित करने में सक्षम बनाकर भारत सरकार और वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों के दृष्टिकोण का समर्थन करना है, जो उनके धन को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने और भविष्य की योजना बनाने के लिए आवश्यक है।
इस तरह की पहल का उद्देश्य बच्चों को वित्तीय साक्षरता में रुचि पैदा करना है, जो आधुनिक समाज में एक जीवन कौशल बनता जा रहा है। बच्चे एक जटिल दुनिया और एक ऐसे वित्तीय वातावरण में बड़े हो रहे हैं, जहाँ तकनीकी परिवर्तन भी तेज गति से हो रहे हैं, जिसके कारण बच्चों को नौकरियों और आजीविका के अवसरों को तलाशने और वयस्कता की ओर बढ़ते हुए अपने वित्तीय भविष्य की जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता होगी।