आईईपीएफए ने नई दिल्ली में 7वां स्थापना दिवस मनाया

अपने 7वें स्थापना दिवस पर इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड अथॉरिटी (आईईपीएफए) ने इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज इन इंडिया (आईसीएसआई) और नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) के सहयोग से “घोटालों के मनोविज्ञान को समझना: धोखाधड़ी वाली योजनाओं से कैसे बचें”, विषय पर आज नई दिल्ली में एक सम्मेलन आयोजित किया।

सम्मेलन में विभिन्न वर्गों से सक्रिय भागीदारों ने हिस्‍सा लिया। इसमें धोखाधड़ी के मामलों से निपटने के महत्व पर जोर दिया गया। विशेषज्ञों और उपस्थित लोगों के बीच अच्‍छी चर्चा हुई।

7वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान अपने मुख्य भाषण में आईईपीएफए के अध्यक्ष और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) के सचिव डॉ. मनोज गोविल ने विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों – युवाओं, गृहिणियों, सेवानिवृत्त लोगों, पेशेवरों और बच्चों तक विस्‍तारित आईईपीएफए की पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने सुरक्षित इन्वेस्टमेंट प्रैक्टिस और धोखाधड़ी वाली योजनाओं के खतरों पर फोकस करते हुए मिजोरम, श्रीनगर और भुवनेश्वर जैसे क्षेत्रों में राज्य स्तरीय कार्यक्रमों पर जोर दिया। डॉ. गोविल ने भूले हुए दावों की सुरक्षा करने और निपटान को सुव्यवस्थित करने में आईईपीएफए के प्रयासों पर भी जोर दिया और निवेशकों का भरोसा जीतने के आह्वान के साथ अपने भाषण का समापन किया। छह वर्षों में 70,000 से अधिक जागरूकता कार्यक्रमों ने 30 लाख नागरिकों को प्रभावित किया है, उन्होंने आगे और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की उम्मीद जताते हुए आईईपीएफए के 7वें स्थापना दिवस के लिए शुभकामनाएं दीं।

अपने उद्घाटन भाषण में कारपोरेट कार्य मंत्रालय की संयुक्त सचिव और आईईपीएफए की सीईओ सुश्री अनीता शाह अकेला ने विभिन्न हितधारकों से सॉफ्टवेयर को एकीकृत करने वाले आगामी यूजर फ्रेंडली पोर्टल, आईईपीएफए की नवीन पहलों में वृद्धि और इन्वेस्टर्स हैंडबुक, निवेशक दीदी, निवेशक सारथी और भौतिक निवेशक जागरूकता कार्यक्रम जैसे प्रभावशाली कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। सुश्री अकेला ने कहा कि आईआईटी दिल्ली के प्रबंधन विभाग के प्रभाव विश्लेषण द्वारा इन प्रयासों की सफलता की पुष्टि की गई, जो 95 प्रतिशत से अधिक संतुष्टि स्तर का संकेत देता है। उन्होंने 2016 में आईईपीएफए की स्थापना के बाद से महिला निवेशकों की भागीदारी में 9 से 19 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि पर भी प्रकाश डाला।

इससे पहले सम्मेलन की शुरुआत आईसीएसआई के काउंसिल सदस्य सीएस धनंजय शुक्ला के स्वागत भाषण से हुई।

आयोजन के दौरान, दो महत्वपूर्ण शैक्षिक संसाधनों का अनावरण किया गया। “फंडू-नॉमिक्स” बोर्ड गेम, आईईपीएफए की ऑन-ग्राउंड गतिविधियों के लिए आईआईटी दिल्ली के प्रबंधन विभाग के निष्कर्षों पर आधारित आईईपीएफए के मीडिया और जागरूकता विंग की एक अनूठी पहल; पेश की गई। इस अभिनव गेम का उद्देश्य वित्तीय अवधारणाओं को सरल बनाना और विभिन्न आयु समूहों में वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना है।

इसके अतिरिक्त, सेगमेंट वाइज एक-पेज गाइड (ओपीजी) भी सामने रखा गया। छात्रों, महिलाओं, आम जनता और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के लिए तैयार ये मार्गदर्शिकाएं जटिल वित्तीय परिदृश्य को नेविगेट करने के लिए एक संक्षिप्त रोडमैप प्रदान करती हैं।

सम्मेलन का मुख्य आकर्षण एनसीएईआर में आईईपीएफए अनुसंधान अध्यक्ष डॉ. सीएस महापात्रा के नेतृत्व में तकनीकी सत्र था। विशेषज्ञों के सम्मानित पैनल में सेबी के पूर्व अध्यक्ष श्री अजय त्यागी, डॉ. एम.एस. साहू, आईबीबीआई के पूर्व अध्यक्ष और सेबी के पूर्व सदस्य, वैल्यू रिसर्च फाउंडेशन के सीईओ श्री धीरेंद्र कुमार और बैंकिंग लोकपाल, भारतीय रिजर्व बैंक दिल्ली की सुश्री सुचित्रा मौर्य शामिल थे। आईईपीएफए के अध्यक्ष प्रोफेसर प्रो. सी.एस. महापात्र ने सत्र का संचालन किया। चर्चा में धोखाधड़ी वाली योजनाओं के पीछे के मनोविज्ञान को गहराई से समझा गया और उनका शिकार होने से बचने के लिए अमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की गई।

सम्मेलन में सक्रिय दर्शकों की भागीदारी एक सार्थक विषय पर गतिशील पैनल चर्चा और प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान एनिमेटेड बातचीत भी देखी गई और आईईपीएफए के जीएम लेफ्टिनेंट कर्नल सुमित राणे द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ सम्‍मेलन का समापन हुआ, जिसमें आने वाले साल में नई ऊंचाइयों को छूने का विश्वास व्यक्त किया गया। 7वें स्थापना दिवस समारोह ने पूरे भारत में वित्तीय साक्षरता और निवेशक सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए आईईपीएफए की दृढ़ प्रतिबद्धता का एक बार फिर उदाहरण दिया।

आईईपीएफए के बारे में

निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) की स्थापना 7 सितंबर, 2016 को कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में शेयरों, लावारिस लाभांश के रिफंड के लिए निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि के प्रबंधन तथा अन्य बातों के अलावा निवेशकों को परिपक्व जमा/डिबेंचर के लिए की गई थी।