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उपराष्ट्रपति ने भरतपुर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – सरसों अनुसंधान निदेशालय का दौरा किया

अपनी एक दिवसीय यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भरतपुर पहुंचे, जहां उन्होंने सरसों अनुसंधान निदेशालय के कृषि वैज्ञानिकों के साथ संवाद किया, उपराष्ट्रपति ने कृषि वैज्ञानिकों से अनुसंधान को बढ़ावा देने का आग्रह किया ताकि किसानों को अधिक से अधिक फायदा पहुंचाया जा सके। हमें नवाचार के लिए लीक से हटकर सोचना पड़ेगा और इसके अद्भुत परिणाम निकलेंगे। धनखड़ ने जोर देकर कहा कि अनुसंधान का जितना स्कोप कृषि के क्षेत्र में है उतना और किसी क्षेत्र में नहीं है, प्रत्येक वस्तु जमीन के अंदर से ही निकलती है।

अपने संवाद के दौरान उपराष्ट्रपति ने किसानों से तकनीकी को अपनाने का आवाह्न किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार की नीतियों ने एक ऐसा वातावरण तैयार किया है कि उन नीतियों का फायदा हर कोई ले सकता है, आपको सिर्फ रास्ता दिखाने की आवश्यकता है।

मिलेट वर्ष की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा आज भारत अपने अंतरराष्ट्रीय मेहमानों को भी मोटे अनाज से बने व्यंजन परोसता है यह एक वास्तव में बहुत बड़ा सराहनीय परिवर्तन और उपलब्धि है।

भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती साख का जिक्र करते ही हुए उन्होंने कहा कि आज दुनिया की ऐसी कोई संस्था नहीं है जो भारत की तरफ ना देख रही हो। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि भारत को निवेश के लिए सर्वोत्तम स्थान बताया है।

भारत की हाल ही में अंतरिक्ष में लंबी उड़ान चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग को लेकर वैज्ञानिकों की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा भारत ने वह कर दिखाया है जिसकी कभी किसी ने कल्पना की नहीं थी।

देश में घटित कुछ अप्रिय घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की ओर कहा कि जब देश विकास की बुलंदियों को छू रहा है ऐसे में यदि कोई बंदे भारत पर पत्थर फेंके, संसद में संवाद ना हो। भारत मंडपम जहां इतना बड़ा विश्वस्तरीय सफल सम्मेलन हुआ हो उसके बारे में आलोचना करना ठीक नहीं है।

इस अवसर पर ICAR-सरसों अनुसंधान निदेशालय के डायरेक्टर, वैज्ञानिक एवं स्टाफ सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

इसके उपरांत उपराष्ट्रपति जी ने सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के पूर्व छात्रों से मुलाकात की और फिर स्थानीय सामुदायिक नेताओं से भी भेंट की।