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केरल के पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री ने शुक्रवार को तिरुवनंतपुरम में दक्षिणी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पशुपालन और डेयरी क्षेत्र की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक का उद्घाटन किया

दक्षिणी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक शुक्रवार को केरल के तिरुवनंतपुरम में हुई। केरल की पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री श्रीमती जे चिंचू रानी ने क्षेत्रीय समीक्षा बैठक का उद्घाटन किया। पशुपालन एवं डेयरी विकास सचिव (एएचडी) की अध्यक्षता में कार्यक्रमों/योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति पर चर्चा करने के लिए अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव के साथ-साथ दक्षिणी राज्यों के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के संबंधित निदेशकों की मौजूदगी में बैठक की गई। अपर सचिव, पशुपालन आयुक्त, संयुक्त सचिव, मुख्य लेखा नियंत्रक, सलाहकार (स्टेट) और पशुपालन और डेयरी विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।

पशुपालन एवं डेयरी विकास सचिव (एएचडी), श्रीमती अलका उपाध्याय ने कहा कि पशुधन क्षेत्र 2014-15 से 2021-22 के दौरान (स्थिर कीमतों पर) 7.67 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से लगातार बढ़ रहा है। इसका श्रेय डेयरी, गोजातीय, पशुपालन , बकरी पालन ,सुअर पालन जैसे पशुधन क्षेत्र के मापदंडों को जाता है। उन्होंने कहा कि पशुधन क्षेत्र ने वर्ष 2021-22 के दौरान कुल कृषि और संबद्ध क्षेत्र सकल मूल्य वर्द्धन (स्थिर कीमतों पर) में लगभग 30.19 फीसदी का योगदान दिया है।

पशुपालन एवं डेयरी विकास (एएचडी) सचिव ने बैठक में भारत सरकार द्वारा राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में क्रियान्वित की जा रही सभी पशुपालन और डेयरी योजनाओं की भौतिक और वित्तीय प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पास खर्च न की गयी राशि को चुकता करने पर जोर दिया। केंद्रीय सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार की आसानी के लिए विरासत डेटा अद्यतन करने और भारतकोष के माध्यम से भुगतान पर ब्याज से संबंधित मुद्दों को प्राथमिकता पर हल करने की आवश्यकता है। भारत सरकार चालू वित्तीय वर्ष के दौरान राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को धन जारी करेगी। उन्होंने देश भर में मुंहपका-खुरपका रोग ( एफएमडी) और माल्टा ज्वर (ब्रुसेला) के खिलाफ टीकाकरण की स्थिति, मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (एमवीयू) के संचालन, दुग्ध की स्थिति और चारे की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक राज्य को आगे की कार्रवाई के लिए सूक्ष्म योजना तैयार करनी चाहिए।

उन्होंने चारे की उपलब्धता पर जोर दिया और राज्यों से संतुलित राशन की आसान उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए कार्यबल गठित करने को कहा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल के प्रावधान के माध्यम से पशुधन का संरक्षण और सुरक्षा विभाग के लिए एक और महत्वपूर्ण क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि राज्यों को एफएमडी, ब्रुसेला और पीपीआर टीकाकरण में तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पशुधन और डेयरी किसानों तक योजना के लाभों की बेहतर पहुंच के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और जिला अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी के साथ राज्यों में ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान आयोजित किए जाने चाहिए।