हरित हाइड्रोजन का यदि भंडारण में इस्तेमाल किया जाये तो चौबीसों घंटे नवीकरणीय ऊर्जा की लागत 6 रूपये प्रति यूनिट के आसपास पड़ेगी: केन्द्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह
केन्द्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने कहा है कि यदि हरित हाइड्रोजन का भंडारण के लिये इस्तेमाल किया जाता है तो चौबीसों घंटे नवीकरणीय ऊर्जा की लागत करीब 6 रूपये प्रति यूनिट तक पड़ेगी। नयी दिल्ली में आज स्वच्छ ऊर्जा पर आयोजित चौथे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी में विशेष मंत्रिस्तरीय सत्र को संबोधित करते हुये श्री आर.के. सिंह ने कहा कि भारत में हरित हाइड्रोजन की लागत सबसे सस्ती होगी और हरित हाइड्रोजन एक व्यवहार्य ऊर्जा भंडारण विकल्प होगी। ‘‘गैस और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली के मुकाबले हरित हाइड्रोजन सस्ती है। हम करीब 100 मेगावाट के प्रोजेक्ट के साथ इसकी शुरूआत कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि यह बेंचमार्क साबित होगा। अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिये जैसे ही हम हरित हाइड्रोजन का इस्तेमाल करने में सफल होंगे, लिथियम-आयन बैटरी जैसे आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े तमाम मुद्दों का समाधान कर लिया जायेगा। हम हरित हाइड्रोजन बनायेंगे और इसका भंडारण के तौर पर इस्तेमाल करेंगे। एनर्जी एक्सचेंज में बिजली का औसत मूल्य हाल में 8 रूपये प्रति यूनिट रहा है, इसलिये चौबीसों घंटे नवीकरणीय उुर्जा की हमारी लागत यदि 6 रूपये प्रति यूनिट आती है तो हम व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं और इस प्रकार भविष्य नवीकरण ऊर्जा में है। भविष्य यहां है, बहुत दूर नहीं है।’’ दो दिवसीय सम्मेलन के अंतिम दिन हुये इस विशेष मंत्रिस्तरीय सत्र की विषय वस्तु ‘‘उन्नत स्वच्छ ऊर्जा नवोन्मेष और विनिर्माण के वैश्विक चैंपियन’’ था।
मंत्री ने इस अवसर पर उद्योग जगत को बताया कि कार्बन बाजार के लिये मूलभूत कानूनी रूपरेखा तैयार कर ली गई है और सरकार भारत से निर्यात होने वाली हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया के लिये उद्योगों को कार्बन क्रेडिट उपलब्ध कराने की अनुमति देने पर विचार कर रही है। यह उद्योग जगत के लिये एक और लाभ होगा और इससे भारतीय उद्योग प्रतिस्पर्धी होगा।
‘‘मैंने सभी उद्योग प्रमुखों को लिखा है कि वह ताप विद्युत के बजाय नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल करें’’
मंत्री ने कहा कि भारत का नवीकरण उद्योग अब दुनिया से आगे निकल चुका है, इसमें बड़े बड़े उद्योग शामिल हैं जो कहीं भी प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। श्री सिंह ने कहा कि सरकार ने सुनिश्चित किया है कि उद्योगों के लिये वृद्धि का मार्ग प्रशस्त हो। ‘‘हम नीतिगत दस्तावेजों, नियमों और नियमनों के साथ आगे बढ़ते हुये नये दरवाजे खोल रहे हैं। हम हरित खुली पहुंच नियम लेकर आये, जिसमें हमने किसी भी व्यक्ति को कहीं भी क्षमता स्थापित करने और इसे कहीं भी जहां वह चाहते हैं हस्तांतरित करने का अधिकार दिया। मैंने सभी उद्योग प्रमुखों को लिखा है कि वह ताप विद्युत के बजाय नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल शुरू करें, इस बदलाव से भी ऊर्जा मूल्य में कमी आयेगी।’’
‘‘हमने विद्युत प्रणाली को उद्योग और उपभोक्ता दोनों के लिये अनुकूल बनाया’’
मंत्री ने सूचित किया कि विद्युत अधिनियम 2003 की मूल भावना खुली पहुंच रही है और इसमें खुली पहुंच प्रदान करने के लिये समयसीमा भी दी गई है। ‘‘यदि खुली पहुंच समय सीमा के भीतर नहीं प्रदान की गई तो यह माना जायेगा कि अनुमति प्रदान कर दी गई है। यदि नहीं दी गई है तो इसका जवाब किसी को देना होगा, जो भी व्यक्ति संबंधित संस्थान जैसे कि राज्य विद्युत प्राधिकरण का प्रमुख होगा, यदि कानून का उल्लंघन हुआ है तो उसे दंडित किया जायेगा।’’
श्री सिंह ने कहा कि सरकार ने विद्युत प्रणाली को उद्योग और उपभोक्ता के लिये अनुकूल बनाया है। “’हमने उपभोक्ता अधिकार बनाये हैं, हम जांच करेंगे कि क्या उल्लंघन हुआ है और हम न्यायालय में मामला दायर करेंगे।“
‘‘भारत नवीकरण ऊर्जा के विनिर्माण पावरहाउस के तौर पर उभर रहा है’’
देश में बढ़ती ऊर्जा मांग के बारे में मंत्री ने कहा कि ऊर्जा की मांग में लगातार तेजी से वृद्धि होती रहेगी क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। ‘‘हमें ऊर्जा मांग की जरूरत है और इसे जितना जल्दी संभव हो सके उसे पूरा करना है। हमारी वृद्धि के लिये जितनी बिजली की जरूरत होगी हम उसे बनायेंगे। यदि चौबीसों घंटे नवीकरणीय ऊर्जा का हमारा मूल्य काम चलाने लायक होगा तो हम ताप विद्युत की तरफ नहीं बढ़ेंगे, हम नवीकरणीय ऊर्जा का ही रास्ता अपनायेंगे। हमारी क्षमता का 42 प्रतिशत पहले से ही नवीकरणीय स्रोतों से आ रहा है।’’
मंत्री ने बताया कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा विनिर्माण के पावरहाउस के तौर पर उभर रहा है। ‘‘करीब 88,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता पर निर्माण कार्य चल रहा है और हमारी योजना है कि 50,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हर साल जोड़ी जाये। हम पहले ही निर्यातक के तौर पर उभर रहे हैं। दुनिया हम पर अधिक से अधिक निर्भर होगी। इसलिये जो भी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित कर रहे हैं उन्होंने सही दांव लगाया है। इसके साथ ही हमें अपने आप को प्रौद्योगिकी के मामले में भी आगे रखना होगा।’’ मंत्री ने यह भी कहा कि भारत सौर सेल्स और माड्यूल्स के सबसे बड़े निर्यातक के तौर पर उभर रहा है और अधिक ग्रिड क्षमता जोड़ी जा रही है।
‘‘नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश आ रहा है, नवीकरणीय ऊर्जा में भारी वृद्धि का दौर’’
केन्द्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि देश में आने वाले समय में अधिक से अधिक लोग आयेंगे और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करेंगे। ‘‘यूएई यहां निवेश करना चाहता है, क्योंकि उन्हें यहां भविष्य दिखाई दे रहा है। हरित बदलाव के लिये निवेश पाना कोई मुद्दा नहीं रह गया है, निवेश तो आ रहा है, क्योंकि हमने पूरे सिस्टम को जोखिम रहित और पूरी प्रणाली को पारदर्शी बनाया है। सभी विद्युत उत्पादकों के बिल पूरी तरह से अद्यतन है। वितरण कंपनियों के पुराने बकाये जितने थे उसके आधे से भी कम रह गये हैं इन्हें भी अगले दो से तीन साल में समाप्त कर दिया जायेगा। सभी विद्युत उत्पादक कंपनियां आज मुनाफा कमा रही हैं। विद्युत क्षेत्र में सकल तकनीकी और वाणिज्यिक (एटीएंडसी) नुकसान कम हुआ है और सिस्टम अब पूरी तरह से टिकाउ है। विवेकपूर्ण नियमों के तहत हर चीज को सशर्त बनाया गया है।’’
मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत 58 लाख टन हरित हाइड्रोजन क्षमता स्थापित होने के विभिन्न स्तरों पर है। ‘‘हम सबसे बड़े निर्यातक होंगे क्योंकि हमारी हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया लागत दुनिया में सबसे कम होने जा रही है। हम ग्रिड स्तर के भंडारण की एक अन्य पहल के साथ आगे आयेंगे। आपको बस यह करना है कि बढ़ती मांग का लाभ उठायें। संशोधित ऊर्जा संरक्षण अधिनियम के तहत भावी नवीकरणीय ऊर्जा खरीद दायित्व जारी होने जा रहा है। यदि कोई भी इकाई दायित्व पूरा नहीं करती है तो उसे भारी जुर्माना चुकाना होगा।’’
मंत्री ने उद्योग जगत को आश्वस्त किया कि यह समय ऊर्जा क्षेत्र में भारी वृद्धि का है। ’’मेरा मानना है कि जो व्यापक अवसर आपके लिये वहां उपलब्ध हैं आप सभी इसको लेकर पूरी तरह से आश्वस्त और समर्थ होंगे। हम भारत में निर्माण और भारत में विनिर्माण चाहते हैं। लेकिन आप अगर प्रतिस्पर्धी और अद्यतन नहीं होंगे तो आप सफल नहीं होंगे। मैं चाहता हूं कि आप सभी विश्वस्तरीय हों।‘‘
’’भारत के लिये नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक चैंपियन बनने की संभावना’’
इस अवसर पर सीआईआई- ईवाई रिपोर्ट ’’ग्लोबल चैंपियंस फार एडवांसिंग रिन्यूवेबल एनर्जी इन्नोवेशन एण्ड मैन्युफैक्चरिंग‘‘ को भी जारी किया गया।
इस रिपोर्ट में गौर किया गया है कि भारत में जो ऊर्जा परिवर्तन का दौर चल रहा है वह भारत के लिये नवीकरणीय ऊर्जा नवोन्मेष और विनिर्माण में उन्नत तकनीक अपनाने में वैश्विक चैंपियन बनने की संभावना बढ़ाता है। रिपोर्ट में ऊर्जा परिवर्तन निवेश पाइपलाइन का प्रस्ताव किया गया है और यह उन्नत आपूर्ति श्रंखला लोचशीलता के लिये सक्षम की पहचान करती है।
—रिपोर्ट को यहां पढ़े
’’ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव निवेश के बारे में जानकारी देने वाले प्लेटफार्म की शुरूआत‘‘
कार्यक्रम के दौरान ’’ऊर्जा परिवर्तन निवेश निगरानी‘‘ प्लेटफार्म की भी शुरूआत की गई। यह वैश्विक निवेशकों के लिये ऊर्जा परिवर्तन निवेश (घोषित, बोली प्रक्रिया के तहत, अनुमति, निर्माण आदि) की अवधारणा से लेकर उसके चालू होने तक की पहचान और ट्रैक करने के लिये एक सहयोगात्मक विश्लेषक प्लेटफार्म है।
ऊर्जा परिवर्तन निवेश निगरानी प्लेटफार्म को यहां देखा जा सकता है। रजिस्ट्रेशन के बाद कोई भी उपयोगकर्ता इसके डैशबोर्ड और विशिष्ट सामग्री तक निशुल्क और पूर्ण पहुंच हासिल कर सकता है।
स्वच्छ ऊर्जा पर चौथे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी में दुनियाभर से प्रमुख उद्योगपति, क्षेत्र के अनुभवी लोग, विशेषज्ञ और नीतिनिर्माता एक स्थान पर एकत्र हुये जहां नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में होने वाली नवीन खोज, उत्पाद और सेवाओं को प्रदर्शित किया गया, जानकारी साझा करने और आत्मनिर्भर आपूर्ति श्रृंखला बनाने में वैश्विक प्रयासों को बढ़ावा देते हुये आपसी सहयोग पर जोर दिया गया।