जी20 देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से प्रस्तावित मिशन लाइफ की सराहना की

जी20 देशों और नए जुड़े अफ्रीकी संघ समेत अतिथि देशों के सांसद दिल्ली के भव्य इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, द्वारका में इकट्ठा हुए। यहां उन्होंने धरती के भविष्य को ध्यान में रखते हुए आवश्यक जीवनशैली पर विचार-विमर्श किया। लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) पर संसदीय फोरम की यह बैठक नौवें जी20 संसदीय अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन (पी20) के भव्य उद्घाटन से एक दिन पहले आयोजित की गई। इस दौरान कानून निर्माताओं ने मानवता के सामने मौजूद साझा चुनौतियों और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनसे निपटने के रास्ते पर अपने विचार सामने रखे।

‘जलवायु परिवर्तन जैसी समसामयिक चुनौतियों से निपटने का नया तरीका’

संसदीय फोरम को संबोधित करते हुए दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा प्रस्तावित लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) मिशन ने जलवायु परिवर्तन जैसी समकालीन चुनौतियों से निपटने और सतत विकास, स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नया नजरिया दिया है। अध्यक्ष ने कहा कि मिशन लाइफ पर्यावरण संरक्षण का एक व्यापक दृष्टिकोण है जो हर शख्स को कम उपयोग, फिर से इस्तेमाल करने और रीसाइकल (पुनर्चक्रण) की राह दिखाता है। यह देखते हुए कि लाइफ अब एक वैश्विक आंदोलन बन गया है, बिरला ने आगे कहा कि इस विचार के आधार पर कई देश अपनी भौगोलिक और सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों के हिसाब से नीतियां और कार्य योजनाएं तैयार कर रहे हैं।

‘कोई भी देश अछूता नहीं, जलवायु परिवर्तन का डटकर मुकाबला करने की जरूरत’

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज के समय में जलवायु परिवर्तन और उसका असर मानवता के साझा भविष्य के साथ गहराई से जुड़ा है। उन्होंने कहा, ‘जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से कोई भी देश अछूता नहीं रहा है। ऐसे में यह स्वाभाविक है कि भारत की पहल पर पी-20 सम्मेलन के दौरान पर्यावरण संबंधी मुद्दों को सर्वसम्मति से चर्चा के केंद्र में रखा जाए।’ दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत पर बल देते हुए अध्यक्ष ने इस बात को रेखांकित दिया कि यह समय की मांग है कि जलवायु परिवर्तन का डटकर मुकाबला किया जाए।

‘नीतियां और कानून पर्याप्त नहीं, व्यक्तिगत और सामूहिक कार्रवाई भी जरूरी’

पर्यावरण के लिए जीवनशैली विषय पर भारत की संसद की तरफ से की गई विधायी पहल का जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि इस दिशा में संसद में व्यापक चर्चा हुई और कानून भी बनाए गए हैं। व्यक्तिगत जिम्मेदारी पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए केवल नीतियां और कानून ही पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि हर शख्स को अपनी जीवनशैली में बदलाव कर सामूहिक रूप से योगदान करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति की जीवनशैली कुछ इस तरह से हो कि पर्यावरण को कोई नुकसान न हो। ऐसा करना हर किसी की व्यक्तिगत और सामूहिक जिम्मेदारी है।

बिरला ने पीठासीन अधिकारियों से आग्रह किया कि मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) पर सभी संसदों में चर्चा की जानी चाहिए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस मिशन का संदेश एक जन आंदोलन का आकार ले और बेहतर दुनिया का निर्माण हो सके।

जी20 देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारियों ने ‘लाइफ’ मिशन शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल की सराहना की और सामूहिक रूप से संकल्प लिया कि वे अपनी-अपनी संसदों में चर्चा एवं वाद-विवाद के जरिए इस पहल को आगे बढ़ाएंगे।

‘सतत जीवन की हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम’

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने इस बात पर जोर दिया कि मिशन लाइफ के तहत व्यक्तियों और समुदायों के प्रयासों को सकारात्मक बदलाव के लिए वैश्विक जन आंदोलन में तब्दील करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सतत जीवन की हमारी लंबी यात्रा में मिशन लाइफ एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने के ठोस प्रयास किए हैं। उन्होंने स्थायी विरासत और बेहतर भविष्य के लिए संसद सदस्यों से पर्यावरण का संरक्षक और पथ प्रदर्शक बनने का आग्रह किया। हरिवंश ने कहा कि सामूहिक प्रयास से दुनिया उस ओर मुड़ेगी जहां जीवन पनपता है और हमारा ग्रह फलता-फूलता है।

चर्चा के दौरान जी20 देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारियों ने सवाल-जवाब भी किए।

इस मौके पर भारत की जी20 प्रेसीडेंसी के शेरपा अमिताभ कांत ने भी अपनी बात रखी। भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सचिव लीना नंदन ने ‘लाइफ’ पर एक प्रस्तुति दी। इसके बाद मिशन पर एक लघु फिल्म दिखाई गई।

शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यशोभूमि, द्वारका, दिल्ली में 9वें पी-20 शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहेंगे। जी20 देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारियों के अलावा आमंत्रित देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारी भी सम्मेलन में भाग लेंगे। भारत की मेजबानी में आयोजित पी-20 शिखर सम्मेलन में पैन अफ्रीकी संसद के अध्यक्ष पहली बार हिस्सा लेंगे।

‘वसुधैव कुटम्बकम्- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद’ के दर्शन के तहत दो दिवसीय पी-20 शिखर सम्मेलन में निम्नलिखित समकालीन विषयों पर विचार मंथन होगा:

1. एसडीजी के लिए एजेंडा 2030: उपलब्धियों का प्रदर्शन, प्रगति में तेजी लाने पर जोर

2. हरित भविष्य की तरफ बढ़ने के लिए टिकाऊ ऊर्जा संक्रमण

3. लैंगिक समानता को बढ़ावा देना- महिलाओं के विकास से महिला नेतृत्व वाले विकास तक

4. सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों के जीवन में परिवर्तन

9वां पी20 सम्मेलन जी20 देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारियों के सामूहिक नजरिये की गौरवशाली यात्रा को दर्शाता है, जो 2010 में एक परामर्श बैठक से शुरू हुआ था।

सतत जीवनशैली को आगे बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन से निपटने की रणनीतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए लाइफ पर संसदीय फोरम जी20 सदस्यों के साथ-साथ आमंत्रित देशों के संसद सदस्यों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को एक साथ लाया है। इस फोरम का विशेष महत्व है क्योंकि यह सतत जीवनयापन को बढ़ावा देने वाले सफल दृष्टिकोण को साझा करने का बेहतर मंच प्रदान करता है। इसके अलावा, यह ‘लाइफ’ जन आंदोलन और इसके व्यापक उद्देश्यों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है।