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आयकर विभाग ने तमिलनाडु और पुड्डेचेरी क्षेत्र में दो समूहों के मामलों में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया

आयकर विभाग ने प्राथमिक तौर पर पेशेवर पाठ्यक्रमों के शिक्षण कार्य में लगे शिक्षण संस्थान चलाने वाले दो समूहों से जुड़े मामलों में 05.10.2023 को तलाशी और जब्ती कार्रवाई की। ये समूह डिस्टलरी, औषधी, अस्पताल और होटल जेसे अन्य व्यवसायों को भी चलाते हैं। तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में तलाशी और जब्ती कार्रवाई के दौरान इन समूहों के करीब 100 परिसरों को शामिल किया गया।

इस कार्रवाई के दौरान खुले प्रपत्रों, दस्तावेजों की हार्ड कॉपी और डिजिटल डेटा के रूप में बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक साक्ष्यों को खोज निकाला गया और जब्त कर लिया गया। इस प्रकार के शिक्षण संस्थानों को चलाने में कर चोरी के तौर-तरीकों, जिसमें फीस रसीदों को छुपाना, छात्रवृति वितरण के फर्जी दावों का पता चला है।

लेखा दस्तावेजों में दर्ज नहीं की गई फीस प्राप्ति और फर्जी छात्रवृत्ति वितरण के दावों के बारे में बड़े पैमाने पर सबूतों को इस दौरान जब्त किया गया। मामले में इस प्रकार की बिना हिसाब-किताब वाली फीस प्राप्ति के अब तक जुटाये गये सबूतों के शुरूआती विश्लेषण के मुताबिक 400 करोड़ रुपयों से अधिक की कर चोरी सामने आई है। इसी प्रकार छात्रवृत्ति वितरण के 25 करोड़ रुपयों के गलत दावे सामने आये हैं। एक समूह के मामले में पता चला है कि छात्रों को आकर्षित करने के लिये ट्रस्ट द्वारा एजेंटों की सेवायें ली जातीं रही हैं जिसके लिये करीब 25 करोड़ रुपयों का कमीशन दिया गया। यह भुगतान खातों में दर्ज नहीं किया गया।

एक समूह द्वारा चलाये जाने वाले डिस्टलरी व्यवसाय के मामले में यह पाया गया कि बोतलें, सुगंध, अतिरिक्त न्यूट्रल एल्कोहल और भाड़ा शुल्क आदि के नाम पर 500 करोड़ रुपयों का फर्जी व्यय का दावा किया गया। इस प्रकार की खरीद के लिये चालान उपलब्ध नहीं थे और न ही स्टॉक रजिस्टर में यह दर्ज किया गया था। इसके अलावा इस प्रकार के कई अन्य सबूत भी प्राप्त हुये हैं जिनमें ऐसी इकाईयों को चेक जारी किये गये जो अस्तित्व में नहीं हैं और उसके बाद उस राशि को बिना हिसाब-किताब वाले निवेश और अन्य खर्चों के लिये जिनकी व्यवसायिक खर्च के तौर पर अनुमति नहीं है, उनमें करने के लिये नकद राशि में वापस प्राप्त कर लिया गया।

जब्त किये गये दस्तावेजों से पता चलता है कि ट्रस्ट से 300 करोड़ रुपयों से अधिक राशि को ट्रस्टियों के व्यक्तिगत खर्च के लिये अथवा अन्य विविध व्यवसायों में लगाने के लिये खर्च कर दिया गया। इसमें एक समूह द्वारा आंध्र प्रदेश में एक औद्योगिक इकाई का अधिग्रहण करने का खर्च भी शामिल है।

अब तक की तलाशी के परिणामस्वरूप बिना खाते में दर्ज 32 करोड़ रुपयों की नकद राशि और

28 करोड़ रुपयों के स्वर्णाभूषण को मिलाकर कुल 60 करोड़ रुपयों की राशि जब्त की गई है।

आगे तलाशी और जांच कार्य प्रगति पर है।