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“घर-घर केसीसी अभियान”: मत्स्य किसानों तक किसान क्रेडिट कार्ड की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक परिवर्तनकारी पहल

मत्स्य पालन क्षेत्र में वित्तीय समावेशन और समर्थन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, मत्स्य पालन सचिव, डॉ अभिलक्ष लिखी की अध्यक्षता में ‘घर-घर केसीसी अभियान’ पर केंद्रित एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया।

इस बैठक में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, भारतीय रिजर्व बैंक, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियों (एसएलबीसी) और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

अपने संबोधन में, डॉ अभिलक्ष लिखी ने मत्स्य पालन मूल्य श्रृंखला के अंतिम व्यक्ति तक केसीसी सुविधा को पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें यह भी सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक पात्र व्यक्ति को इसमें कवर प्रदान किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि केसीसी आवेदनों को अस्वीकार करने वाले कारणों विश्लेषण किया जाना चाहिए और आवेदन की अस्वीकृति को कम करने और स्वीकृति में तेजी लाने की कोशिश की जानी चाहिए। सचिव ने कहा कि सागर परिक्रमा के दौरान ‘विशेष केसीसी अभियान’ के उत्साहजनक परिणाम प्राप्त हुए हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से ‘घर-घर केसीसी अभियान’ का निष्पादन सफलतापूर्वक करने के लिए अपना सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया।

मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री सागर मेहरा ने ‘घर-घर केसीसी अभियान’ के लक्ष्यों और उद्देश्यों पर बातचीत की और अभियान का कार्यान्वयन सफलतापूर्वक करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और बैंकों की प्रभावी भागीदारी के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ‘घर-घर केसीसी अभियान’ का उद्देश्य सार्वभौमिक वित्तीय समावेशन को प्राप्त करना है और यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक किसान को ऋण सुविधाओं तक निर्बाध पहुंच प्राप्त हो, जिसके माध्यम से उनके कृषि कार्य संचालित होते हैं।

संयुक्त सचिव ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रदान की गई सूचना के अनुसार लाभार्थियों के सामने आने वाले दस्तावेजों और बैंक प्रक्रियाओं से संबंधित मुद्दों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 1,59,903 किसानों के लिए 1746.16 करोड़ रुपये के केसीसी को मंजूरी प्रदान की गई है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि मछुआरों के लिए केसीसी प्राप्त करने की पात्रता के लिए आरबीआई द्वारा जारी किए गए नवीनतम दिशा-निर्देशों पर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि आवेदनों की अस्वीकृति का विश्लेषण और बैंकों और अन्य हितधारकों द्वारा सुधारात्मक उपाय किए जाने चाहिए, जिससे अधिकतम लाभार्थियों इसका लाभ प्राप्त कर सकें।

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिभागियों ने इस अभियान के दौरान अपने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया और आवेदनों का संग्रह करते समय पात्रता मानदंड, ऋण सीमा और दस्तावेज़ीकरण आदि में आने वाली चुनौतियों और मुद्दों पर प्रकाश डाला। नाबार्ड, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, कृषि और किसान कल्याण विभाग, राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियों (एसएलबीसी), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) और आरबीआई ने आश्वासन दिया कि वे मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए ‘घर-घर केसीसी अभियान’ पर विशेष ध्यान देंगे, जिससे सभी पात्र मछुआरों और मत्स्य किसानों को केसीसी सुविधा प्राप्त हो सके।