भारत सरकार समावेशिता और सशक्तिकरण की दिशा में कदम उठा रही है
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री ने स्वदेशी आईक्यू मूल्यांकन परीक्षण किट भी राष्ट्र को समर्पित की
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने समावेशिता और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग को उजागर करने वाले एक महत्वपूर्ण अवसर पर आज सुश्री वंशिका नंद किशोर माने और सात (7) अन्य दिव्यांग लाभार्थियों को एक करोड़वां विशिष्ट विकलांगता पहचान (यूडीआईडी) कार्ड प्रदान किया। समारोह में केंद्रीय राज्य मंत्री (दिव्यांगजन) कुमारी प्रतिमा भौमिक उपस्थित थी। उन्होंने यूडीआईडी परियोजना के दूरगामी प्रभाव को रेखांकित किया।
भारत सरकार द्वारा 2017 में लॉन्च की गई यूडीआईडी परियोजना का उद्देश्य देश में प्रत्येक दिव्यांगजन को एक विशिष्ट पहचान प्रदान करना है, जिससे रणनीतिक कल्याण योजना के लिए एक व्यापक डेटाबेस तैयार किया जा सके।
कार्यक्रम में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री द्वारा आत्मनिर्भरता में एक मील का पत्थर प्रदर्शित करते हुए एक स्वदेशी आईक्यू मूल्यांकन परीक्षण किट राष्ट्र को समर्पित किया गया।
मंत्री महोदय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देश के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में दिव्यांगजनों के महत्व पर बल दिया और एक समावेशी समाज और दिव्यांगजनों के समग्र विकास के लिए सरकार के विजन को साझा किया। उन्होंने आईक्यू टेस्ट के भारतीय संस्करण के विकास पर गर्व व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” के विजन को दोहराया।
राज्य मंत्री (दिव्यांगजन) कुमारी प्रतिमा भौमिक ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार द्वारा विकसित उपकरणों से उत्तर पूर्व के दूरगामी क्षेत्रों और यहां तक कि अन्य देशों को भी लाभ होना चाहिए। उन्होंने परीक्षण किट के स्वदेशीकरण पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने बौद्धिक दिव्यांगता के क्षेत्र में नए अनुसंधान का मार्ग प्रशस्त करने तथा भारतीय नागरिकों को सबसे कम लागत पर उपकरण तक पहुंच प्रदान करने की इसकी क्षमता पर बल दिया।
आयोजन के दौरान यह पता लगा कि यूडीआईडी कार्ड को विभिन्न योजनाओं से जोड़ा गया है, जिसमें कौशल प्रशिक्षण, छात्रवृत्ति आवेदन सत्यापन, राष्ट्रीय ट्रस्ट बीमा योजनाएं (निरामय), डीडीआरएस लाभार्थी, आरसीआई विनियमित संस्थान, निशुल्क क्लिनिकल सेवाएं और राष्ट्रीय संस्थानों और सी.आर.सी.में शिक्षा शामिल हैं।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी) के माता-पिता और भाई-बहनों के लिए पाठ्यक्रम विकसित करने, उन्हें दिव्यांग बच्चों के कल्याण में महत्वपूर्ण हितधारकों के रूप में मान्यता देने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
उल्लेखनीय है कि यूडीआईडी कार्ड बनाने की प्रक्रिया मिशन मोड में है। प्रतिदिन लगभग 1.5 लाख कार्ड बनाए जा रहे हैं। उपयोगकर्ता की अनुकूलता बढ़ाने के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल बनाई गई है और कार्ड दोहराव को रोकने तथाकार्ड बनाने में तेजी लाने के लिए आधार लिंकेज को अनिवार्य बना दिया गया है।
यूडीआईडी परियोजना अपने मिशन को जारी रखे हुए है, इसलिए सरकार देश भर में दिव्यांगजनों के लिए समावेशिता, सशक्तिकरण और समग्र विकास को बढ़ावा देने के प्रति अपने समर्पण पर संकल्पबद्ध है।