धर्मेंद्र प्रधान केंद्रीय विद्यालय संगठन के हीरक जयंती समारोह में सम्मिलित हुए
केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय विद्यालय संगठन की हीरक जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भाग लिया। इस समारोह में शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी; शिक्षा और विदेश राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह; सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय, संजय कुमार; एयर वाइस मार्शल मनोज कुमार मेहरा; आयुक्त, केवीएस, निधि पांडे; पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार विजेता और केन्द्रीय विद्यालय की पूर्व छात्रा दीपा मलिक; तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति और अधिकारी भी उपस्थित रहे। इन प्रतिनिधियों ने केवीएस की 60 वर्षों की यात्रा पर विशेष रूप से आयोजित एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। समारोह के दौरान केंद्रीय विद्यालय पर एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। केन्द्रीय विद्यालय के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रधान ने अपने संबोधन में केंद्रीय विद्यालय संगठन को हीरक जयंती समारोह और पिछले छह दशकों से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए बधाई दी। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि केन्द्रीय विद्यालय बच्चों के बहुआयामी व्यक्तित्व का विकास करने की प्रयोगशाला है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालय देश के विकास में एक प्रमुख कारक के रूप में काम करेगा और 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी। प्रधान ने यह भी आशा व्यक्त की कि ये स्कूल 21वीं सदी की जरूरतों के अनुसार और एनईपी2020 के कार्यान्वयन सहित शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में सहयोग प्रदान करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों के विद्यार्थी भविष्य के प्रमुख विचारक और बुद्धिजीवी बनकर उभरेंगे।
उन्होंने अमृत काल के दौरान, आने वाले 25 वर्षों में केवीएस की नेतृत्वकारी भूमिका पर विश्वास व्यक्त करते हुए एनईपी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी प्रगति के अनुरूप आधुनिक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने की वकालत की।
संजय कुमार ने अपने संबोधन में केन्द्रीय विद्यालय से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी और स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में उनके प्रयासों को रेखांकित किया। कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय विद्यालय की प्रतिभाशाली पूर्व विद्यार्थी पैरा ओलंपियन दीपा मलिक और वाइस एयर मार्शल मनोज कुमार मेहरा ने भी सभा को संबोधित किया और स्कूल की अपनी पुरानी यादें साझा कीं।
केंद्रीय विद्यालय संगठन की स्थापना 1963 में केंद्र सरकार के स्थानांतरित होने वाले कर्मचारियों के बच्चों के लिए और शैक्षणिक सत्र के दौरान उनकी निर्बाध स्कूली शिक्षा प्रदान करने के लिए केवल 20 रेजिमेंटल स्कूलों के साथ की गई थी। प्रारंभ में, ये स्कूल उन क्षेत्रों में स्थापित किए गए थे जहां बड़ी संख्या में रक्षा कर्मचारी तैनात थे।
विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध केंद्रीय विद्यालय शैक्षणिक और शारीरिक गतिविधियों के बीच संतुलन पर जोर देना जारी रखे हुए हैं। केवीएस ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने, केंद्रीय विद्यालयों में बाल वाटिका के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण पहल शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।