केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का कहना है कि सरकार ने 2031-32 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को 7480 मेगावाट से बढ़ाकर 22480 मेगावाट करने के लिए कदम उठाए हैं

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि सरकार ने 2031-32 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को 7480 मेगावाट से बढ़ाकर 22480 मेगावाट करने के लिए कदम उठाए हैं।

परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से वार्षिक बिजली उत्पादन 2013-14 में 35334 मिलियन यूनिट (अक्षम सहित) से बढ़कर 2022-23 में 46982 मिलियन यूनिट (अक्षम सहित) हो गया है। उन्होंने कहा कि 2013-14 में स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता भी 4780 मेगावाट से बढ़कर वर्तमान में 7480 मेगावाट हो गई है।

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री ने लोकसभा में अलग-अलग लिखित उत्तरों में यह जानकारी दी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, चालू वर्ष 2023-24 (नवंबर 2023 तक) में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से बिजली उत्पादन वर्ष के लिए 52340 मिलियन यूनिट के महत्वाकांक्षी एमओयू लक्ष्य के मुकाबले लगभग 32017 मिलियन यूनिट है।

उन्होंने कहा, वर्तमान में 23 परमाणु ऊर्जा रिएक्टर स्थापित हैं। पिछले दस वर्षों (2013-14 से 2022-23) के दौरान परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से उत्पन्न कुल बिजली लगभग 411 बीयू थी, जिससे पर्यावरण के बराबर लगभग 353 मिलियन टन कॉर्बन डाइऑक्साइड जारी होने से बचा गया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, कर्नाटक और मध्य प्रदेश राज्यों में कुल 8000 मेगावाट के दस रिएक्टरों का निर्माण और कमीशनिंग चल रही है। इसके अलावा, सरकार द्वारा स्वीकृत दस रिएक्टरों के संबंध में पूर्व-परियोजना गतिविधियाँ शुरू की गई हैं। इन्हें 2031-32 तक क्रमिक रूप से पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा, सरकार ने आंध्र प्रदेश राज्य में श्रीकाकुलम जिले के कोव्वाडा में संयुक्त राज्य अमेरिका के सहयोग से 6 x 1208 मेगावाट का परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, देश में परमाणु ऊर्जा उत्पादन ने पिछले 10 वर्षों में सुरक्षा के स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन जारी रखा है। टीएपीएस 1 और 2 (वर्तमान में दुनिया के सबसे पुराने रिएक्टर) के संचालन के 50 साल पूरे होने, केजीएस-1 द्वारा 962 दिनों के निरंतर संचालन में विश्व रिकॉर्ड स्थापित करने जैसे प्रदर्शन मील के पत्थर पिछले 10 वर्षों में हासिल किए गए थे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) ने निर्धारित समय पर ऑपरेटिंग रिएक्टरों के प्लांट शटडाउन को पूरा करने और नई इकाइयों से उत्पादन जल्द शुरू करने और लक्ष्य को पूरा करने के लिए किसी भी अनियोजित शटडाउन से बचने के लिए कदम उठाए हैं। पीएफबीआर एकीकृत कमीशनिंग के दौर से गुजर रहा है। भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम लिमिटेड (भाविनी) ने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए निर्धारित समय सीमा के विरुद्ध मील के पत्थर स्थापित किए हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण के सभी चरणों और उसके बाद के संचालन के दौरान राज्य सरकारों के साथ घनिष्ठ समन्वय बनाए रखा जाता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, परमाणु ऊर्जा बिजली उत्पादन का एक स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बेस लोड स्रोत है, जो 24X7 उपलब्ध है। इसमें अपार संभावनाएं हैं और यह देश को टिकाऊ तरीके से दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा प्रदान कर सकता है। परमाणु ऊर्जा क्षमता के विस्तार से 2070 तक नेट ज़ीरो अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने के लिए देश के ऊर्जा परिवर्तन में मदद मिलेगी।