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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में पंडित जसराज संगीत समारोह – ‘पंडित मोतीराम पंडित मणिराम संगीत समारोह’ के 50 साल पूरे होने के अवसर पर एक डाक टिकट जारी किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में पंडित जसराज संगीत समारोह – ‘पंडित मोतीराम पंडित मणिराम संगीत समारोह’ के 50 साल पूरे होने के अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। यह स्मारक डाक टिकट डाक विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी किया गया है।

इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि पंडित जसराज जी ने 8 दशकों से अधिक समय तक भारतीय शास्त्रीय, पुष्टिमार्गीय संगीत और वैष्णव परंपरा के भक्ति पद को पूरी दुनिया के संगीत प्रेमियों के लिए चिरंजीव बना दिया। उन्होंने कहा कि पंडित जसराज अष्टसखा भजन इतनी भक्ति भावना से गाते थे कि श्रोताओं के सामने भगवान कृष्ण की छवि जीवंत हो जाती थी। गृह मंत्री ने कहा कि पंडित जसराज ने भारतीय शास्त्रीय संगीत और भक्ति पद को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और यही कारण है कि दुनिया भर के लोग उन्हें इतना प्यार करते हैं। उन्होंने कहा कि देश, भारतीय शास्त्रीय और भक्ति संगीत को मजबूत करने में उनके योगदान को कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने पंडित जसराज की स्मृति में एक डाक टिकट जारी कर उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा यह सम्मान दुनियाभर में पंडित जसराज के प्रशंसकों के दिलों में उनकी यादें ताजा कर देगा।

इस संगीत समारोह की शुरुआत पंडित जसराज जी ने 1972 में अपने पिता, संगीत रत्न पंडित मोतीराम जी और उनके बड़े भाई और बाद में उनके गुरु बने, संगीत महामहोपाध्याय पंडित मणिराम जी की स्मृति के प्रति संगीतमय प्रेम व्यक्त करने के लिए की थी, जिनका निधन तब हुआ था जब पंडित जसराज केवल 4 वर्ष के थे।

सर्वकालिक महान भारतीय शास्त्रीय गायकों में से एक होने के अलावा, पंडित जसराज जी ने हैदराबाद के दर्शकों को युवा संगीतकारों से परिचित कराकर भारत में संस्कृति और संगीत के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया, जो अब अपने आप में दिग्गज बन गए हैं।

अपने जीवनकाल के 47 वर्षों तक हर वर्ष, बिना एक भी अंतराल के, पंडित जसराज जी ने इस वार्षिक संगीत समारोह की मेजबानी स्वयं की। यह हैदराबाद का सबसे पुराना संगीत समारोह है और इस विरासत को पंडित जसराज सांस्कृतिक फाउंडेशन द्वारा आगे बढ़ाया गया है। इस अद्वितीय योगदान के लिए उन्हें “सन ऑफ हैदराबाद” भी कहा गया।

डाक टिकट जारी करने के अवसर पर पंडित जसराज की पुत्री दुर्गा जसराज और पंडित मणिराम जी के पुत्र एवं पंडित मोतीराम जी के पोते पंडित दिनेश सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।