समावेशी शिक्षा और सहायक प्रौद्योगिकी में सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है अंतर्राष्ट्रीय पर्पल उत्सव

अंतर्राष्ट्रीय पर्पल उत्सव सशक्तिकरण का एक प्रतीक है, जो दूसरे दिन समावेशी शिक्षा और सहायक प्रौद्योगिकी में अभूतपूर्व प्रगति पर महत्वपूर्ण चर्चाओं के लिए समर्पित रहा। विविध पृष्ठभूमि से आए वक्तागण सभी के लिए सुलभ शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एकत्र हुए और समावेशिता के प्रति भारत की वचनबद्धता को दोहराया।

समावेशी शिक्षा पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन

समावेशी शिक्षा पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन का आयोजन पणजी के ऐतिहासिक माक्विनेज पैलेस में किया गया। इस दौरान गहन विचार-विमर्श का माहौल तैयार किया गया। इसमें नई दिल्ली स्थित ब्रदरहुड के संस्थापक निदेशक सतीश कपूर ने सम्मानित प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए शिखर सम्मेलन की शुरुआत की। डॉ. संध्या लिमये, मार्टिन मैथ्यू, ताहा हाजिक और एवेलिनो डी सा जैसे दिग्गजों के पैनल ने सभी के सामने काफी सार्थक दृष्टिकोण रखे।

मुंबई के टीआईएसएस का प्रतिनिधित्व करने वाली डॉ. संध्या लिमये ने समावेशी शिक्षा के लिए एक दशक पुरानी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। 120 से अधिक प्रतिभागियों के साथ उन्होंने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए उच्च शिक्षा में अवसरों की आवश्यकता पर जोर दिया। लिमये ने एक ऐसे भविष्य की कल्पना की, जहां समावेश से न केवल दिव्यांग बच्चों को बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को भी लाभ होगा।

मार्टिन मैथ्यू ने एआई की दुनिया में डिजिटल स्पेस की वकालत करते हुए उपयोग और संतुष्टि सिद्धांत पर गहराई से विचार किया। एवेलिनो डी सा ने जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों में सरकारी नीतियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए समावेशी शिक्षा को लागू करने में आने वाली चुनौतियों पर जोर दिया। ताहा हाजिक ने महोत्सव की तकनीकी नवाचार की थीम के अनुरूप दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की भूमिका का समर्थन किया।

तकनीक और समावेशी शिक्षा पर दक्षिण एशिया कार्यशाला
आईसीईवीआई पश्चिम एशिया के उपाध्यक्ष डॉ. ब्रेंद्र पोखरेल की अध्यक्षता में दक्षिण एशिया कार्यशाला ने शिक्षा में प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी शक्ति का प्रदर्शन किया। स्टार्टअप टॉर्चइट के डॉ. होमियार और हन्नी भागचंदानी ने विज्ञान, गणित और उन्नत विषयों के सीखने में प्रौद्योगिकी कैसे क्रांति ला सकती है, इस पर अपने ज्ञानपरक विचार रखे।

प्रौद्योगिकी क्षेत्र में युवा भारतीय स्टार्ट-अप द्वारा किया गया सराहनीय कार्य असाधारण उपलब्धि है। सरकारी पहल से प्रोत्साहित होकर इन स्टार्टअप्स ने कम लागत वाले प्रभावी और सांस्कृतिक रूप से उपयुक्त उपकरणों का आविष्कार किया है। इससे भारत वैश्विक लीडर के रूप में अपनी पहचान बना सका।

पर्पल फेस्ट के इस कार्यक्रम में अन्वेषकों और व्यावहारिक अनुभवों के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए आईसीईवीआई के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया गया। गोवा के समाज कल्याण मंत्री सुभाष फल देसाई ने जागरूकता बढ़ाने में महोत्सव की सफलता को स्वीकार करते हुए समावेशी शिक्षा के महत्व को जरूरी बताया।

टॉर्चइट एक ऐसा संगठन है जो दृष्टि से परे दृष्टि को सशक्त बनाने के लिए समर्पित है। इसने व्यक्तियों, शिक्षकों और संस्थानों के लिए उन्नत उत्पादों का प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय उपकरणों में डीएआईएसवाई (डेजी) (डिजिटल एक्सेसिबल इंफॉर्मेशन सिस्टम) पाइपलाइन ऐप, मेगा वॉयस और म्यूजिक ब्रेल शामिल हैं।

आईसीवीई ग्लोबल द्वारा आयोजित कार्यशाला में किफायती और प्रभावी सहायक उपकरण विकसित करने में भारत के नेतृत्व पर प्रकाश डाला गया। यहां पर सहायक प्रौद्योगिकियों की विविध श्रृंखला के जरिए दिव्यांग लोगों के जीवन को बदलने की क्षमता पर प्रकाश डाला गया। अंतर्राष्ट्रीय पर्पल महोउत्सव समावेशिता, शिक्षा और तकनीकी नवाचार के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है, जो एक ऐसे भविष्य को आकार देता है जहां सभी को समान अवसर और अधिकार प्राप्त हो।