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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वामी विवेकानन्द के “विज़न इंडिया” को साकार किया और भारत को “विकसित भारत” के रूप में विकसित करके विवेकानन्द के मिशन को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज जम्मू में कहा, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामी विवेकानन्द के “विजन इंडिया” को साकार किया और भारत को “विकसित भारत” के रूप में विकसित करके विवेकानन्द के मिशन को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया।

डॉ. जितेंद्र सिंह जम्मू में स्वामी विवेकानन्द की 161वीं जयंती और स्वामी विवेकानन्द मेडिकल मिशन चैरिटेबल हॉस्पिटल, अम्बफल्ला के 54वें स्थापना दिवस पर एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने युवाओं की क्षमता निर्माण पर जोर दिया ताकि वे अपनी प्रतिभा की पूरी ताकत का एहसास कर सकें और अपनी ऊर्जा को उस दिशा में लगा सकें।

मंत्री ने सभी से अमृत काल के अगले 25 वर्षों में अपनी ताकत, क्षमता और प्रतिभा का अधिकतम उपयोग करने का आग्रह किया ताकि वे वर्ष 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में योगदान दे सकें।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री श्री मोदी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लाए। स्वामी विवेकानंद के अनुसार, शिक्षा का आदर्श क्षमता निर्माण और मानव विकास होना चाहिए। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, यह वह आदर्श है जिसने एनईपी 2020 को प्रभावित किया है और जो छात्रों की अंतर्निहित प्रतिभा और योग्यता को सामने लाने पर केंद्रित है। पहले, छात्र अपने माता-पिता की आकांक्षाओं के गुलाम थे; अब उन्हें अपनी योग्यता के आधार पर विषय चुनने और बदलने की स्वतंत्रता मिल गई है। उन्होंने कहा कि यह सशक्तिकरण एनईपी2020 से उपजा है।

सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की मुख्य विशेषताओं को गिनाते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) ने सिस्टम से बिचौलियों को बाहर कर अधिक पारदर्शिता की शुरुआत की है और यह सुनिश्चित किया है कि नकद लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों तक पहुंचे। इसी प्रकार, उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों को धर्म या जाति के आधार पर बिना किसी भेदभाव के मुफ्त गैस सिलेंडर उपलब्ध कराये जा रहे हैं।

चिकित्सा विज्ञान में व्यापक सार्वजनिक-निजी भागीदारी की वकालत करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कठिनाइयों का युग समाप्त हो गया है। उन्होंने संगठनों और संस्थानों के बीच सहयोग के महत्व को रेखांकित किया।

मंत्री ने उदाहरण दिया कि भारत की हालिया सफलता की कहानियां जैसे कि कोविड वैक्सीन, चंद्रयान और अरोमा मिशन सहयोगात्मक प्रयासों का परिणाम हैं।