विज्ञान भवन में जमीन पर बैठकर किसानों ने खाया लंगर, सरकार के खाने को न बोला
आज एक बार फिर से किसानों और सरकार के बीच में विज्ञान भवन में बातचीत हुई। बातचीत के दौरान किसानों ने सरकार के तरफ से दिए गए खाने के ऑफर को ठुकरा दिया,और अपने साथ लाए खाने से उन्होंने वहीँ जमीन पर बैठकर लंगर किया। इस बात का खुलासा एक किसान नेता ने मीडिया से बात करते हुए की कि वे लोग सरकार के तरफ से पेश की जाने वाली चाय और खाने को नहीं खा रहे हैं, बल्कि अपना खाना स्वयं अपने साथ ले जा रहे हैं।
मामले को सुलझाने की कोशिश में सरकार
भारत सरकार की ओर से लगातार इस मामले को सुलझाने की कोशिश की जा रही है। पिछले तीन दिनों में भारत सरकार और किसानों के बीच में तीसरी वार्ता हुई।आज के मीटिंग में भारत सरकार की ओर से तीन मंत्री पहुंचे हुए है। रेल मंत्री पियूष गोयल और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा मंत्री ओम प्रकाश भी आज की मीटिंग में पहुंचे हुए हैं।
क्या रहा अब तक के मीटिंग का हाल
किसानों और सरकार के बीच में आज के मीटिंग में पहले हाफ तक किसान नेताओं ने अपनी बात रखी और सरकार को इस अपनी समस्याएं गिनवाने की कोशिश की। अब दूसरे हाफ में सरकार के मंत्रियों की बारी आएगी और वे कोशिश करेंगे की अपनी बात किसानों तक पहुंचा सके।
हमलावर रही कांग्रेस
आज एक बार फिर से विपक्ष भाजपा के ऊपर हमलावर रही। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भाजपा के ऊपर हमला करते हुए कहा कि काले कृषि कानूनों को पूर्ण रूप से रद्द करने से कम कुछ भी स्वीकार करना भारत और उसके किसानों के साथ विश्वासघात होगा।
काले कृषि कानूनों को पूर्ण रूप से रद्द करने से कम कुछ भी स्वीकार करना भारत और उसके किसानों के साथ विश्वासघात होगा।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 3, 2020
वहीँ प्रियंका गाँधी वाड्रा ने भी भाजपा के ऊपर जोरदार हमला किया। प्रियंका ने ट्वीट किया कि भाजपा सरकार के मंत्री व नेता किसानों को देशद्रोही बोल चुके हैं आन्दोलन के पीछे इंटरनेशनल साजिश बता चुके हैं। आन्दोलन करने वाले किसान नहीं लगते बोल चुके हैं। लेकिन आज बातचीत में सरकार को किसानों को सुनना होगा। किसान कानून के केंद्र में किसान होगा न कि भाजपा के अरबपति मित्र।
भाजपा सरकार के मंत्री व नेता किसानों को
?देशद्रोही बोल चुके हैं
?आन्दोलन के पीछे इंटरनेशनल साजिश बता चुके हैं
?आन्दोलन करने वाले किसान नहीं लगते बोल चुके हैंलेकिन आज बातचीत में सरकार को किसानों को सुनना होगा। किसान कानून के केंद्र में किसान होगा न कि भाजपा के अरबपति मित्र।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 3, 2020