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विश्व कुष्ठ रोग दिवस पर कुष्ठ रोग के खिलाफ जागरुकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन।

विश्व कुष्ठ रोग दिवस हर साल जनवरी के आखिरी रविवार को मनाया जाता है। लेकिन भारत में, यह हर साल 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्य तिथि के साथ मनाया जाता है। विश्व कुष्ठ रोग दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि इस बीमारी से जुड़ी भ्रामकता के खिलाफ आमजन में जागरुकता पैदा करना है साथ ही लोगों को पता चले कि यह एक प्रकार के बैक्टीरिया से फैलने वाली बीमारी है और इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है।

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के विभिन्न राष्ट्रीय संस्थान एवं समेकित क्षेत्रीय केंद्र द्वारा विश्व कुष्ठ रोग दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया, जिनके माध्यम से आम लोगों के बीच इस रोग को लेकर जागरुकता फैलाई गई।

भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र दिल्ली द्वारा विश्व कुष्ठरोग दिवस के अवसर पर जागरुकता सत्र व सामूहिक चर्चा का आयोजन किया गया।

राष्ट्रीय गतिशील दिव्यांगजन संस्थान, कोलकाता की तरफ से एक वेबिनार का आयोजन किया गया।
समग्र क्षेत्रीय केंद्र, त्रिपुरा द्वारा विश्व कुष्ठ रोग दिवस के अवसर पर इसको लेकर ओरिएंटेशन का आयोजन किया गया जिसमें इसकी रोकथाम और निवारण पर चर्चा की गई।

समग्र क्षेत्रीय केंद्र, नेल्लोर ने विश्व कुष्ठरोग दिवस के अवसर पर एक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
समग्र क्षेत्रीय केंद्र, गोरखपुर द्वारा अयोध्या में जिला कुष्ठरोग अधिकारी के सहयोग से इस रोग से ठीक हुए व्यक्तियों के पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित करने हेतु एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

समग्र क्षेत्रीय केंद्र, दावणगेरे, छतरपुर, भोपाल, नागपुर की तरफ से इस अवसर पर कई जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
शांतिनिकेतन रतनपल्ली विवेकानन्द आदिवासी कल्याण समिति, बीरभूमि पश्चिम बंगाल द्वारा भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान दिशा केंद्र द्वारा कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।