राष्ट्रीय दूरसंचार नीति अनुसंधान, नवाचार और प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आईआईटी रूड़की में “5जी यूज़ केस लैब्स: जागरूकता और कमीशनिंग से पूर्व तैयारी” पर कार्यशाला आयोजित की गई
भारत सरकार के दूरसंचार विभाग की सदस्य (प्रौद्योगिकी) गुंजन दवे ने आज आईआईटी रूड़की में “5जी यूज़ केस लैब्स: जागरूकता और कमीशनिंग से पूर्व तैयारी” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। इसका आयोजन दूरसंचार विभाग के राष्ट्रीय दूरसंचार नीति अनुसंधान, नवाचार और प्रशिक्षण संस्थान (एनटीआईपीआरआईटी), गाजियाबाद द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य 5जी तकनीक के उपयोग के मामलों और दूरसंचार विभाग के वित्त पोषण से आईआईटी रूड़की में स्थापित की जा रही 5जी यूज केस लैबों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। पिछले साल अक्टूबर में आयोजित इंडिया मोबाइल कांग्रेस के दौरान प्रधानमंत्री ने देश भर में 100 5जी लैब स्थापित करने की घोषणा की थी।
अपने संबोधन में गुंजन दवे ने शैक्षणिक संस्थानों से आग्रह किया कि वे नए यूज़ केस निर्मित करने के लिए 5जी यूज़ केस लैबों का सर्वोत्तम उपयोग करें ताकि 5जी तकनीक का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंच सके और भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान दिया जा सके। इस पहल की सराहना करते हुए आईआईटी रूड़की के निदेशक कमल किशोर पंत ने कहा कि उनका संस्थान अपनी पूरी क्षमता से इन लैबों का पूर्ण उपयोग करने को लेकर उत्साहित है।
कार्यशाला के दौरान इस उद्योग द्वारा उद्यमों, शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और ई-कॉमर्स गतिविधियों आदि के लिए 5जी के विभिन्न संभावित उपयोगों के केस प्रस्तुत किए गए और आईआईटी मद्रास, आईआईटी रूड़की, अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों सहित संकाय सदस्यों, उद्योग प्रतिनिधियों, शोधकर्ताओं, छात्रों और दूरसंचार विभाग के अधिकारियों के बीच विचार-विमर्श हुआ।
उत्तराखंड सरकार के सचिव दीपक कुमार, एनटीआईपीआरआईटी के महानिदेशक देब कुमार चक्रवर्ती और एलएसए डीओटी यूपी (पश्चिम) की अतिरिक्त महानिदेशक शुभा भंभानी ने भी उद्घाटन सत्र में अपने विचार व्यक्त किए। इस कार्यशाला में इस क्षेत्र के लगभग 30 संस्थानों के 130 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।