महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत अयोग्य श्रमिक

महात्मा गांधी नरेगा के तहत, लाभार्थियों को अकुशल मैनुअल कार्यों के लिए मजदूरी का भुगतान सीधे लाभार्थी द्वारा प्रदान किए गए बैंक/डाकघर खाते में किया रहा है। मजदूरी का भुगतान आधार आधारित पेमेंट ब्रिज सिस्टम (एपीबीएस) के माध्यम से किया जाता है। यह व्यवस्था 1 जनवरी 2024 से अनिवार्य कर दी गई है।

जॉब कार्डों को अद्यतन करना/हटाना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी एनआरईजीएस) के तहत राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों द्वारा की जाने वाली एक नियमित प्रक्रिया है। बैंक खातों के साथ आधार के लिंक न होने के कारण जॉब कार्ड नहीं हटाए गए हैं।

वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 (01.02.2024 तक) में कुल 85.64 लाख जॉब कार्ड निम्नलिखित कारणों से हटा दिए गए हैं: (i) फर्जी जॉब कार्ड (गलत जॉब कार्ड), (ii) डुप्लीकेट जॉब कार्ड, (iii) काम करने के इच्छुक नहीं, (iv) परिवार स्थायी रूप से ग्राम पंचायत से स्थानांतरित हो गया और (v) जॉब कार्ड में एकल व्यक्ति और उस व्यक्ति की मृत्यु हो गई है।

नरेगासॉफ्ट के अनुसार, अप्रैल 2022 से अब तक यानी 01.02.2024 तक महात्मा गांधी नरेगा के तहत कुल 311.19 लाख जॉब कार्ड हटाए गए हैं।

यह जानकारी केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।