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प्रधानमंत्री ने झज्जर और पुणे में दो ‘आयुष परियोजनाओं’ का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वर्चुअल माध्यम से आयुष मंत्रालय के दो संस्थानों का उद्घाटन किया, जिससे देश में स्वास्थ्य सेवा की समग्र स्थिति और अधिक बेहतर होगी। उन्होंने हरियाणा के झज्जर में ‘केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान’ (सीआरआईवाईएन) और महाराष्ट्र के पुणे में राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान (एनआईएन)- ‘निसर्ग ग्राम’ का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “हमारी सरकार की प्राथमिकता रोग प्रतिरोधक क्षमता और रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाना है। हमने पोषण पर जोर दिया है। रोगों से बचाव के लिए योग, आयुर्वेद और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हमने पारंपरिक भारतीय चिकित्सा और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों, दोनों को बढ़ावा दिया है। आज महाराष्ट्र और हरियाणा में योग व प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़े दो बड़े अस्पतालों और अनुसंधान केंद्रों का भी उद्घाटन किया गया है। इसके अलावा गुजरात में पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित डब्ल्यूएचओ का एक केंद्र भी स्थापित किया जा रहा है। हमारी सरकार लगातार यह प्रयास कर रही है कि हर व्यक्ति को, चाहे वह गरीब हो या मध्यम वर्ग, उन्हें बचत के साथ बेहतर उपचार प्राप्त हो सके।”

केंद्रीय आयुष और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल पश्चिम बंगाल के कल्याणी से वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां प्रधानमंत्री ने एम्स का उद्घाटन किया। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके अलावा केंद्रीय आयुष व महिला और बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई गुजरात से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

हरियाणा के झज्जर स्थित ‘केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान’ के उद्घाटन समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि देवरखाना गांव में स्थापित इस संस्थान के लिए यह एक स्वर्णिम अवसर है कि हमारे प्रधानमंत्री खुद इस प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र का उद्घाटन कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने योग को पूरे विश्व में पहचान दिलाई है और भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति की ताकत का प्रसार अब पूरी दुनिया में हो रहा है।

हरियाणा के झज्जर स्थित केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान का निर्माण आयुष मंत्रालय के अधीन किया गया है। यह एक शीर्ष स्तरीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान व शिक्षा केंद्र है। इस परियोजना के माध्यम से तृतीयक स्तर के योग और प्राकृतिक चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा से संबंधित बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। इस संस्थान में ओपीडी, उपचार ब्लॉक, शैक्षणिक ब्लॉक, छात्रावास व आवासीय ब्लॉक, योग ब्लॉक और आहार ब्लॉक के साथ 200 बिस्तरों वाला अस्पताल भी है। 19 एकड़ पर निर्मित इस परियोजना को 63.88 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है।

वहीं, निसर्ग ग्राम एक 250 बिस्तरों वाला अस्पताल है, जिसमें बहु-विषयक अनुसंधान और विस्तार सेवा केंद्र के साथ-साथ अंतरस्नातक (यूजी)/परास्नातक(पीजी)/पैरा मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए एक प्राकृतिक चिकित्सा मेडिकल कॉलेज है। इसके अलावा कॉलेज में विभिन्न आवासीय और गैर-आवासीय सुविधाएं भी हैं। इनमें लड़कों और लड़कियों के छात्रावास, सभागार, योग हॉल, कॉटेज हैं। वहीं, प्रसिद्ध गांधी मेमोरियल हॉल भी इस परिसर का एक अभिन्न अंग है। 25 एकड़ पर निर्मित इस परियोजना की कुल लागत 213.55 करोड़ रुपये है।

पुणे स्थित राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान (एनआईएन) व झज्जर के देवरखाना गांव में केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (सीआरआईवाईएन) पारंपरिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के माध्यम से समग्र स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण उपलब्धि का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये संस्थान उभरती स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों, विशेष रूप से गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के बढ़ते प्रसार को रोकने और उनसे निपटने के लिए जल चिकित्सा, मालिश, नैदानिक ​​पोषण और योग चिकित्सा जैसे विविध दृष्टिकोणों का उपयोग करते हैं। अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और शैक्षणिक कार्यक्रमों के साथ ये संस्थान व्यक्तियों को अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए सशक्त करेंगे।