प्रधानमंत्री ने स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजना के तहत 1400 करोड़ रुपये से अधिक की 52 पर्यटन क्षेत्र परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित कीं और उनका उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीनगर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वदेश दर्शन और तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन (प्रसाद) योजनाओं के तहत देश भर में 469 करोड़ रुपये से विकसित नौ पर्यटन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समर्पित किया।
इसके अलावा, पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन और तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन (प्रसाद) योजनाओं के अंतर्गत 963 करोड़ रुपये की 43 अन्य परियोजनाओं का भी शुभारम्भ किया गया। पर्यटन मंत्रालय, राज्य सरकार/ केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों के समन्वित प्रयासों से, सभी 52 स्थानों पर एक साथ परियोजना शुभारम्भ कार्यक्रम आयोजित किए गए गए।
आज लॉन्च की गई परियोजनाओं में प्रसाद योजना (हजरतबल-श्रीनगर, जोगुलाम्बा-तेलंगाना, अमरकंटक-मध्य प्रदेश) के तहत 129.35 करोड़ रुपये की 3 परियोजनाएं शामिल हैं। परियोजनाओं के तहत कराए गए कुछ प्रमुख कार्यों में तीर्थयात्री सुविधा केंद्र, घाट विकास, आगे के भाग में रोशनी, साउंड और लाइट शो, पार्किंग, कतार परिसर (क्यू कॉम्पलेक्स), संरक्षण और सुरक्षा बुनियादी ढांचे आदि शामिल हैं। इसके अलावा, अब तक अछूते तीर्थस्थलों और विरासत स्थलों को और विकसित करने के लिए आंध्र प्रदेश, बिहार, गोवा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मिजोरम, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना में 320.8 करोड़ रुपये की 14 परियोजनाएं भी शुरू की गईं।
उपरोक्त के अलावा, जन भागीदारी पहल के रूप में जिम्मेदार और टिकाऊ तरीके से पर्यटन स्थलों के विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने पर्यटन क्षेत्र के लिए 3 दूरदर्शी अभियान और योजनाएं भी शुरू की हैं-
‘देखो अपना देश पीपल्स चॉइस 2024’ – 5 श्रेणियों के तहत सबसे पसंदीदा पर्यटक स्थलों की पहचान करने के लिए पीएम द्वारा एक पर्यटक गंतव्य पोल (टूरिस्ट डेस्टिनेशन) लॉन्च किया गया था। इस राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के माध्यम से, पर्यटन मंत्रालय का लक्ष्य 5 पर्यटन श्रेणियों – आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और विरासत, प्रकृति और वन्य जीवन, साहसिक (एडवेंचर) और किसी भी अन्य श्रेणी में सबसे पसंदीदा पर्यटक स्थलों की पहचान करने और पर्यटकों की धारणाओं को समझने के लिए नागरिकों के साथ जुड़ना है। लोगों को अपनी पसंद का प्रयोग करने के लिए संबंधित विकल्प पोलिंग पोर्टल https://innovateindia.mygov.in/dekho-apna-desh/ पर उपलब्ध होंगे। यह मिशन मोड में विकास के लिए आकर्षणों और स्थलों की पहचान करने का एक प्रयास है, जो Viksit Bharat@2047 की दिशा में भारत की यात्रा में योगदान देता है।
इसके अलावा, कार्यक्रम के दौरान भारत के प्रवासी सदस्यों को अतुल्य भारत के राजदूत बनने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से चलो इंडिया ग्लोबल डायस्पोरा अभियान का भी शुभारम्भ किया गया था। यह अभियान अतुल्य और विकसित भारत के लिए जनभागीदारी की भावना से और माननीय प्रधानमंत्री के भारतीय प्रवासी सदस्यों से हर साल 5 गैर भारतीय मित्रों को भारत की यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित करने के अनुरोध के आह्वान के आधार पर शुरू किया गया है। वेबसाइट https://www.chaloindia.com/ दूसरे देशों में रहने वाले लोगों को भारत आने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करेगी।
पर्यटन मंत्रालय ने एंड-टू-एंड यानी समग्र अनुभव प्रदान करने वाले टिकाऊ और जिम्मेदारी पूर्ण गंतव्यों को विकसित करने के उद्देश्य से चुनौती आधारित गंतव्य विकास (सीबीडीडी) योजना तैयार की है। इस योजना का उद्देश्य प्रतिस्पर्धा, अभिसरण और रणनीतिक संरेखण के माध्यम से भारत की पर्यटन प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए गंतव्यों को विकसित करना है। पर्यटन मंत्रालय ने इस योजना के तहत विकास के लिए 25 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में विभिन्न पर्यटन विषयों के तहत 42 गंतव्यों का चयन किया है, जिसकी घोषणा आज प्रधानमंत्री ने की।
पर्यटन मंत्रालय ने 2014-15 में ‘स्वदेश दर्शन’ योजना शुरू की थी और देश में पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन/केंद्रीय एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान की। योजना का एक उद्देश्य समुदाय-आधारित विकास और गरीब-समर्थक पर्यटन दृष्टिकोण के बाद पर्यटन को आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के एक प्रमुख इंजन के रूप में स्थापित करना था। योजना की शुरुआत के बाद से, मंत्रालय द्वारा 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 5294.1 करोड़ रुपये के कुल पूंजीगत व्यय के साथ 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत, भारत के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा आज बिहार, मेघालय और राजस्थान राज्यों में 339.59 करोड़ रुपये की 6 परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया।
इसके अलावा, पर्यटन मंत्रालय ने टिकाऊ और जिम्मेदारी पूर्ण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और स्थानीय सरकारों के साथ साझेदारी में देश में पर्यटन स्थलों के एकीकृत विकास के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करने के मिशन के साथ स्वदेश दर्शन 2.0 के रूप में अपनी स्वदेश दर्शन योजना को नया रूप दिया है। मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत विकास के लिए 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 57 गंतव्यों को अधिसूचित किया है। स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत, मंत्रालय ने अब तक 17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 644.44 करोड़ रुपये की 29 पर्यटक अनुभवों को मंजूरी दी है।
आज श्रीनगर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने पर्यटकों से अनुरोध किया कि वे अपने कुल बजट का कम से कम 5-10 प्रतिशत पर्यटन स्थलों के स्थानीय समुदायों से स्थानीय वस्तुओं की खरीद में खर्च करें। जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर को देश के सबसे प्रसिद्ध विवाह स्थलों (वेडिंग डेस्टिनेशन) में से एक बनता हुआ देखना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने “आई डू” अभियान को फिर से दोहराया और लोगों से अपने विवाह समारोहों और आयोजनों के लिए जम्मू-कश्मीर की धरती पर आने का आग्रह किया। पिछले वर्षों में जम्मू-कश्मीर में इस लिहाज से रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है। 2023 में 2 करोड़ से ज्यादा पर्यटक आए और अमरनाथ और वैष्णोदेवी यात्रा में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखी गई है।