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अमित शाह ने मुठभेड़ में शामिल जवानों से मिलकर संवाद किया और उनके साथ मिलकर भोजन भी किया

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज छत्तीसगढ़ में 3 अप्रैल की नक्सल घटना से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित बीजापुर जिले के बासागुड़ा सीआरपीएफ कैंप गए। अमित शाह ने मुठभेड़ में शामिल जवानों से मिलकर संवाद किया और उनके साथ मिलकर भोजन भी किया। शाह ने नक्सलवाद को समाप्त करने के सुरक्षाकर्मियों के साहस व वीरता को नमन करते हुए कहा कि मैं विश्वास से कह सकता हूँ कि यह लड़ाई शीघ्र ही अंजाम तक पहुंचेगी।

अमित शाह ने कहा कि आपके साथियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, पूरा देश चट्टान की तरह शहीद जवानों के परिवारों के साथ खड़ा है। उन्होने कहा कि इतनी विषम परिस्थितियों में आपने कई घंटों तक बड़ी बहादुरी के साथ लड़ाई लड़ी पूरा देश आप पर गर्व कर रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 4-5 साल पहले तक जिन क्षेत्रों में हम पहुँच नहीं सकते थे वहाँ जाकर आपने बड़ी ही बहादुरी के साथ कई घंटे तक लड़ाई लड़ी, इसमें नक्सलियों का भी भारी नुक़सान हुआ है। अमित शाह ने यह भी कहा कि नक्सलवाद की समस्या की वजह से इस क्षेत्र में विकास नहीं हो पा रहा है। यहाँ के लाखों लोगों के विकास और उन्हें रोज़गार, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए हमें इस बुराई के ख़िलाफ़ लड़ना ही पड़ेगा।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सरकार प्रयास कर रही है की सब हथियार डालकर आयें और मैं आज फिर यह कहना चाहता हूँ कि हथियार डाल कर आएं स्वागत है, लेकिन अगर हाथ में हथियार हैं तो फिर कोई रास्ता नहीं है। अमित शाह ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों के जज्बे और वीरता के कारण, विषम परिस्थितियों में संघर्ष करने के आपके स्वभाव के कारण ही आज देश में नक्सल समस्या काफ़ी मात्रा में कम हुई है। बहुत सारे क्षेत्रों को इस समस्या से बाहर निकाल दिया है लेकिन यह क्षेत्र आज नक्सल समस्या का एपिक सेंटर (Epic Center) बना हुआ है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में आपकी तैनाती आपकी एक विशेष ज़िम्मेदारी है। जब यह लड़ाई अपने अंतिम चरण में पहुँची है उस वक़्त ज़रा भी हिम्मत गंवाए बिना जिस वीरता के साथ आपने वर्षों तक लड़ाई लड़ी है उसी वीरता और उसी भाव के साथ जब तक विजय नहीं मिलती तब तक हमें लड़ना पड़ेगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब लड़ाई होती है तो क्षति भी होती है, जब साथी जाता है दुख भी होता है, जितना दुख आपको है उतना ही दुख हमें भी है। परंतु हम इस लड़ाई को रोक नहीं सकते हैं लड़ाई को इसी जज्बे के साथ आपको आगे बढ़ाना है।

अमित शाह ने यह भी कहा कि मैं आज देश के प्रधानमंत्री का संदेश लेकर भी यहाँ आया हूँ। इस लड़ाई में हमारे पास विजय के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि यह हमारी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है ये है देश को विकसित, शांत और समृद्ध करने की लड़ाई है। उन्होंने बहादुर सुरक्षा कर्मियों से कहा कि आपको इतना भरोसा ज़रूर रखना है कि भारत सरकार पूरी संवेदना के साथ आपकी हर तक़लीफ को समझती है और इस लड़ाई में चट्टान की तरह आपके साथ खड़ी है। आपकी हर ज़रूरत को पूरा करने की तैयारी भी है और इच्छा भी है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यहाँ से जाने के बाद जो भी कमियां हैं उनको पूरा करने के लिए तुरंत ही कार्रवाई की जाएगी।

अमित शाह ने नक्सलियों से लोहा लेते हुए जख्मी हुए पराक्रमी सुरक्षाकर्मियों से रायपुर के अस्पतालों में भेंटकर उनका हाल जाना और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की।