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अंतिम संस्कार में नहीं शामिल हो सकी पत्नी तो इंदौर पुलिस प्रशासन ने मानवता की मिसाल पेश की

एक व्यक्ति की कोरोना से मृत्यु हो गई, लेकिन उसकी पत्नी उसके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सकीं। यह दिल दहलाने वाली घटना मध्य प्रदेश के इंदौर की है।

मृतक मनोज शर्मा पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर चीन की बैंक में काम करता हूं लेकिन तीन महीने पहले ही अपनी पत्नी और बच्चों के साथ भारत वापस आए थे। इसी बीच उनके पिता की कोरोना से मौत हो गई, तो वह अपनी मां की देखभाल के लिए यही रुक गए। लेकिन उन्होंने पत्नी और बच्चों को वापस चीन भेज दिया था।

कुछ दिन बाद वह खुद कोरोना की चपेट में आ गए, तबीयत खराब होने के बाद उन्हें इंदौर के अरविंदो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, लेकिन लगातार उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई। 12 दिन तक कोरोना से जद्दोजहद के बाद अपनी जिंदगी की जंग हार गए।

मनोज की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी को यह सूचना दी गई। चूंकि, कोरोना की वजह से मृतक के शरीर को न चीन भेजा जा सकता था और न ही चीन से पत्नी वापस अंतिम संस्कार के लिए भारत आ सकती थी।

इसलिए, पत्नी ने पति के निधन की खबर मिलने के बाद इंदौर में अपने पति की एक दोस्त से अंतिम संस्कार के लिए संपर्क किया।

मृतक मनोज के दोस्त ने एक समाज सेवी संगठन से संपर्क किया। उन्होंने व्यापारी व युवा समाजसेवी यश प्रेरणा पराशर से बातचीत की। पराशर ने उसके बाद इंदौर प्रशासन को खबर दी।

प्रशासन ने भी मानवता का धर्म निभाते हुए कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मृतक मनोज की अंतिम संस्कार की तैयारी की और हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार भी किया गया। चीन में बैठी लाचार और बेबस पत्नी ने वीडियो कॉल के जरिए पति को अंतिम विदाई दी। मृतक मनोज शर्मा को मुखाग्नि समाजसेवी यश प्रेरणा पराशर ने दी।