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जल जीवन मिशन: महाराष्ट्र ने वर्ष 2021-22 के लिए अपनी वार्षिक कार्य योजना प्रस्तुत की

महाराष्ट्र राज्य ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अपनी वार्षिक कार्य योजना को आज योजना के विवरण के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रस्तुत किया और साथ ही पूरे राज्य में प्रत्येक ग्रामीण घर में नल से जल का कनेक्शन प्रदान करने के लिए परिपूर्ण योजना भी प्रस्तुत की।

महाराष्ट्र में 1.42 करोड़ ग्रामीण परिवार हैं, जिनमें से केवल 91 लाख (64 प्रतिशत) घरों को ही नल से जल की आपूर्ति मिल रही है। राज्य की वर्ष 2021-22 में, 27.45 लाख नल से जल के कनेक्शन देने की योजना है। राज्य में 13 जिलों, 131 विकासखंड और 12,839 गांवों को ‘हर घर जल’ वाला बनाने और 100 प्रतिशत कवरेज का लक्ष्य है।

वर्ष 2020-21 में, 1828.92 करोड़ रुपये का केंद्रीय कोष राज्य को नल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आवंटित किया गया था, जिसमें से राज्य केवल 457 करोड़ रुपये ही खर्च कर सका। वर्ष 2021-22 में, राज्य को जेजेएम के तहत केंद्रीय निधि के लगभग 3,000 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है।

वर्ष 2020-21 में, महाराष्ट्र ने ग्रामीण क्षेत्रों में 37.15 लाख नल से जल के कनेक्शन प्रदान किए हैं। अब तक महाराष्ट्र में 1 जिला, 20 ब्लॉक और 7,737 गांवों को ‘हर घर जल’ वाला घोषित किया गया है, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक ग्रामीण घर में नल से जल की आपूर्ति हो रही है।

जेजेएम स्थानीय ग्राम समुदाय को सशक्त बना रहा है क्योंकि यह केवल महिलाओं और युवा लड़कियों को, जो मुख्य रूप से हर घर में पानी के प्रबंधक हैं, उन्हें जीवन जीने में आसानी’ प्रदान नहीं कर रहा है, बल्कि उन्हें शिक्षा प्राप्त करने, विभिन्न व्यवसाय सीखने, उनके कौशल को उन्नत करने और परिवार के साथ समय बिताने के लिए सक्षम कर रहे हैं। इससे पहले इन महिलाओं और युवा लड़कियों को पानी लाने के लिए लंबी दूरी तक जाना पडता था, जिसमें उनका बहुत अधिक समय व्यर्थ होता था।

राज्य 42 हजार कर्मियों के कौशल प्रशिक्षण की योजना बना रहा है जिसमें राज्य और जिला जल और स्वच्छता मिशन के अधिकारी, इंजीनियरिंग कैडर (अधीक्षण अभियंता, कार्यकारी अभियंता, सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता), राज्य और जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के कर्मचारी, वीडब्ल्यूएससी सदस्य, स्वच्छाग्रही, आईएसए सदस्य, नेहरू युवक केंद्र की टीम और एसएचजी के सदस्य शामिल हैं।

राज्य में लगभग 76 हजार लोगो को राज मिस्त्री, प्लंबर, फिटर, मोटर मैकेनिक, पंप ऑपरेटर इत्यादि के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिनकी सेवाओं का उपयोग जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे के निर्माण के साथ-साथ उनके संचालन और रखरखाव में किया जाएगा।

जल जीवन मिशन के तहत, पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए स्थानीय समुदाय को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पीएचई विभाग समुदाय के साथ लोगो को सशक्त बनाने और जुड़ने की सुविधा प्रदान कर रहा है। इसके लिए, समुदाय के लिए फील्ड परीक्षण किट की समय पर खरीद और आपूर्ति जैसी गतिविधियों को शामिल करने के लिए एक कार्य योजना बनाई जाती है, सामुदायिक भागीदारी के लिए हर गांव में कम से कम पांच महिलाओं की पहचान कर, इन महिलाओं को फील्ड टेस्ट किट का उपयोग और रिपोर्टिंग करने, परीक्षण, परिणाम और निष्कर्ष के बारे में प्रशिक्षण देना शामिल है।

महाराष्ट्र ने 2020-21 में योजना के अनुसार जल स्रोतों और वितरण बिंदुओं का 100 प्रतिशत रासायनिक परीक्षण किया है। राज्य को जिला जल परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करने और मौजूदा प्रयोगशालाओं के लिए एनएबीएल मान्यता प्राप्त करने की आवश्यकता है ताकि जब लोगों को अपने घर पर प्राप्त पानी की गुणवत्ता के बारे में कोई संदेह या चिंता हो तो वे लोग अपने जल के परीक्षण को नाममात्र दरों पर करवा सकें।

जल जीवन मिशन के तहत राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों की वार्षिक कार्य योजना (एएपी) प्राप्त करने की गहन कवायद, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव, विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों और नीति आयोग के सचिव की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय समिति द्वारा की जाती है। इसके बाद, प्रगति और व्यय के आधार पर वर्ष भर राज्य को धन जारी किया जाता है। ‘हर घर जल’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए विस्तृत योजना बना कर राज्य की मदद की जाती है।

वार्षिक कार्य योजना पेय जल स्रोत को मजबूत बनाने / संवर्द्धन, घरेलू नल कनेक्शन, अपशिष्ट जल शोधन और पुन: उपयोग, और संचालन तथा रखरखाव, आईईसी योजना, हितधारकों के प्रशिक्षण, सामुदायिक लामबंदी, जल गुणवत्ता निगरानी सहित विभिन्न सहायता गतिविधियों को प्रदान करने के लिए जल आपूर्ति कार्य निगरानी, ​​जल परीक्षण प्रयोगशालाओं की मजबूती और उनकी एनएबीएल मान्यता इत्यादि पर जोर देती है।

जेजेएम केंद्र सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य 2020-21 में प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल से जल का कनेक्शन प्रदान करना है। 2021-22 में, जेजेएम के लिए 50,011 करोड़ रुपये के बजट आवंटन के अलावा, 15वें वित्त आयोग के तहत 26,940 करोड़ रुपये का सुनिश्चित कोष उपलब्ध है, जो जल और स्वच्छता के लिए राज्य वित्त पोषित परियोजनाओं के रूप में आरबीएल/पीआरआई को सम्बद्ध अनुदान, राज्य का हिस्सा और बाह्य रूप से अच्छी तरह से सहायता प्रदान करता है। इस प्रकार, 2021-22 में, ग्रामीण घरों में नल से जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए देश में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने की योजना है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के निवेश से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

जल जीवन मिशन ने ग्राम कार्य योजना (वीएपी) का विकास किया और प्रत्येक गाँव में पानी समितियों का गठन किया ताकि स्थानीय समुदाय उनके लिए बनाई गई जल आपूर्ति अवसंरचना के नियोजन, क्रियान्वयन, संचालन और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। विभिन्न कार्यक्रमों के अभिसरण द्वारा सभी उपलब्ध संसाधनों जैसे एमजीएनआरईजीएस, एसबीएम, पीआरआईएस, 15वां वित्त आयोग अनुदान, सीएएमपीए फंड, स्थानीय क्षेत्र विकास निधि आदि का उपयोग करने का प्रयास किया जाता है।