दिल्ली के नॉन कोविड श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की हुई किल्लत
दिल्ली में कोरोना से मरने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। श्मशान घाट और कब्रिस्तान लाशों से भरे पड़े हैं। दिल्ली के बड़े बड़े श्मशान घाटों को कोविड के शवों का अंतिम संस्कार करने से नॉन कोविड श्मशान घाटों पर ज्यादा भार बढ़ गया है।
शुक्रवार को गीता कॉलोनी में स्थित श्मशान घाट पर शवों की लंबी कतारें देखने को मिली। उस श्मशान घाट पर 29 शवों का एक साथ अंतिम संस्कार करने की व्यवस्था है। लेकिन उस नॉन कोविड श्मशान घाट पर क्षमता से दोगुना अंतिम संस्कार किया जा रहा है। जिससे यहां लकड़ियों की कमी हो गई है। अब उस श्मशान घाट से शवों को वापस भेजा जा रहा है।
गीता कॉलोनी स्थित श्मशान घाट के केयरटेकर संजय कुमार के मुताबिक जितनी शव अंदर आ चुकी है उनके लिए ही थोड़ी बहुत लकड़ी बची है, इसलिए गेट को बंद कर दिया गया है और बाकी शवों को वापस लौटाया जा रहा है।
संजय कुमार का कहना है कि शवों का सुबह 5:30 बजे से ही भीड़ जुटनी शुरू हो जाती हैं और यह सिलसिला शाम तक चलता है जिससे यहां पर इसकी क्षमता से ज्यादा बॉडीज का दाह संस्कार किया जा रहा है। हालांकि कल एमसीडी द्वारा 9 नई चिता की व्यवस्था की गई है।