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देश के अस्पतालों में वैक्सीन और दवाओं की भी कमी होने लगी?

कोरोना की मार से तो लोगों को लाइन लगने की समस्या अस्पतालों और श्मशान घाटों के बाहर पहले से तो थी ही, अब दवाखाना के बाहर भी यह समस्या उत्पन्न हो गई है।

दरअसल, अस्पतालों के बाहर घंटों लाइन में मशक्कत करने के बाद बेड तो मिल रहे हैं लेकिन उसके बाद की समस्या दवा लाने की हो जा रही है। दवाखाना के बाहर लंबी कतारें लगी हुई है।

दिल्ली के सबसे बड़े अस्पताल सफदरजंग और AIIMS अस्पताल में दवा लेने के लिए लोग लंबी लाइन में लगे दिखे। कई दवाखानो पर तो रेमडेसिवीर इंजेक्शन नहीं है के बोर्ड भी लटकी दिखी।

लाईन में लगे एक व्यक्ति से बातचीत करने पर कहा, ”हम रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने आए हैं। कई लोग यहां 3 दिन से इंतजार कर रहे हैं। वे दवा के लिए यहीं सो रहे हैं लेकिन दवा उनको भी नहीं मिल पा रही है।”

उधर, आगरा में लोग ऑक्सीजन की तलाश में एजेंसियों के चक्कर लगा रहे हैं। DM ने बताया, ”13-14 अस्पतालों के पास अपना टैंक है। एक बार भरने पर आधे दिन चल रहा है। इनके सभी टैंक भर दिए गए हैं। हमारे पास एक 10 मिट्रिक टन का टैंक आया है। हमारे खास अस्पतालों में दिक्कत नहीं है।”

कोरोना को लेकर तैयारियां

उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने यूपी में कोरोना के स्थिति और इसके रोकथाम के लिए उठाए गए कदम पर सवाल के जवाब में कहा, “मुख्यमंत्री ने हर जिला मजिस्ट्रेट को आदेश दिया है कि कोरोना मरीजों के लिए भी सेक्टर मजिस्ट्रेट की प्रणाली लागू किया जाए। हर सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने क्षेत्र में देखता रहे कि अगर किसी मरीज को अस्पताल की आवश्यकता है तो उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया जाए।

अपर मुख्य सचिव सूचना सहगल ने वैक्सीनेशन के सवाल पर कहा, वैक्सीनेशन अभियान के लिए 1 करोड़ से ज्यादा डोज़ का आदेश निर्गत किया गया है और प्रयास किया जा रहा है कि समय पर डोज़ उपलब्ध कराई जाएं।

मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर वैक्सीनेशन अभियान के तैयारियों को लेकर बताती हैं, “सरकारी और निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन की तैयारी की गई हैं। सभी 227 वार्डों में वैक्सीन देने के लिए एक वैक्सीनेशन केंद्र होना चाहिए। केंद्र सरकार और राज्य सरकार ही वैक्सीन खरीदेंगे, महानगरपालिका के पास जितना वैक्सीन आएगा, उसी के हिसाब से हम काम करेंगे।”

इंडियन एयर फोर्स के बाद रेल मंत्रालय ने भी संभाला मोर्चा

कोरोना से लड़ाई में सभी संस्थाएं बढ़ चढ़कर मदद के लिए आगे आ रही है। इंडियन एयर फोर्स के बाद अब रेल मंत्रालय ने भी मदद के लिए आगे आया है। रेल मंत्रालय द्वारा कहा गया, “रेल मंत्रालय ने लगभग 4,000 कोविड देखभाल कोच बनाए हैं। इनमें लगभग 64,000 बेड राज्यों के इस्तेमाल के लिए तैयार हैं। मंत्रालय ने कहा है कि वर्तमान में 169 कोच विभिन्न राज्यों को इस्तेमाल के लिए सौंप दिए गए हैं।”

बता दें कि पिछले साल भी रेल मंत्रालय ने कई स्टेशनों पर रेलवे कोचों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया था।