रोटी और कर्ज की मार AC वाले नहीं समझेंगे
बिहार में संपूर्ण लॉकडाउन को लेकर नीतीश कुमार की पार्टी और सरकार में उनके सहयोगी दलों के बीच उनके बीच तकरार शुरू हो गई।
बिहार में बढ़ते कोरोना केस को लेकर नीतीश सरकार की सहयोगी पार्टी बीजेपी और मुकेश सहनी की वीआईपी लॉकडाउन की मांग कर रही है, जबकि नीतीश कुमार की पार्टी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हम पार्टी लॉकडाउन के समर्थन में नहीं है। इसलिए बिहार में पूर्ण लॉकडाउन पर सहमति नहीं बन पा रही है।
फिलहाल, बिहार में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को दोनों उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री और प्रदेश के कुछ आला अधिकारियों के साथ कोरोना को लेकर विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हाई लेवल मीटिंग की।
हालांकि, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने लॉकडाउन को लेकर कहा था कि सरकार इस पर विचार कर रही है।
बिहार में कोरोना से बिगड़ते हालात पर बीजेपी पार्टी और मुकेश साहनी की पार्टी वीआईपी ने संपूर्ण लॉकडाउन की मांग की है, जबकि नीतीश सरकार के दूसरे सहयोगी पार्टी के नेता जीतन राम मांझी ने लॉकडाउन के लिए लोगों को बिजली पानी, स्कूल फीस आदि मुफ्त करने पर ही समर्थन की बात कही है।
मैं लॉकडाउन का समर्थन करूँगा यदि तीन महीना तक,
सबका बिजली बिल,पानी बिल,स्कूल/कॉलेजों की फ़ीस माफ कर दिया जाए,
किराएदारों का किराया,बैंक लोन EMI माफ कर दिया जाए…
किसी को शौक़ नहीं होता जान जोखिम में डालकर बाहर जाना पर “रोटी” और “कर्ज” जो ना कराए।
ये बात AC वाले लोग नहीं समझेंगे।— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) April 27, 2021
जीतन राम मांझी ने कहा, “किसी को शौक नहीं है बाहर जाने की लेकिन रोटी और कर्ज जो ना करें यह बात AC में रहने वाले लोग नहीं समझेंगे।”
वहीं, बिहार के मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी ने तो पहले से ही संपूर्ण लॉकडाउन की मांग कर चुकी है।
उधर, बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और बिहार सरकार में मंत्री व बीजेपी विधायक रामसूरत राय ने संपूर्ण लॉकडाउन का पहले ही समर्थन कर चुके हैं।