पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, पूर्वोत्तर राज्यों में ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने में मदद करेगा: डॉ. जितेंद्र सिंह
पूर्वोत्तर राज्य विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, पूर्वोत्तर राज्यों में ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने के साथ-साथ कोविड संबंधी बुनियादी ढांचा विकसित करने में मदद करने के लिए सक्रियता से कदम उठा रहा है।
आज आयोजित एक समीक्षा बैठक में डॉ. सिंह ने बताया कि मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई गई आर्थिक सहायता से अरुणाचल प्रदेश के तवांग में एक ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किया जा चुका है और अन्य राज्यों के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में और अधिक ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने के लिए मंत्रालय द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मंत्रालय अरुणाचल प्रदेश सरकार के उस प्रस्ताव पर भी सक्रियता से काम कर रहा है जिसमें उसने 5 मोबाइल ऑक्सीजन वैन उपलब्ध कराने की मांग की है, जिसकी लागत 5 करोड़ रुपये होगी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों को कोविड महामारी से मुकाबले के लिए गत वर्ष मार्च महीने में 25 करोड़ की सहायता राशि उपलब्ध कराई गई थी जिसके चलते विभिन्न राज्यों को अपने अनेक अस्पतालों के लिए स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों को खरीदने में मदद मिली।
इस अवसर पर उन्होंने सूचित किया कि पूर्वोत्तर राज्यों में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है जबकि कुछ राज्यों के पास उनकी आवश्यकता से अधिक स्टॉक मौजूद है क्योंकि पिछले वर्ष समय रहते इसकी पर्याप्त आपूर्ति की गई थी।
केंद्रीय मंत्री ने इस बैठक में कहा कि पिछले वर्ष जब महामारी शुरू हुई और पहली बार देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया तब पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने तत्परता से कदम उठाते हुए उत्तर पूर्वी राज्यों को 25 करोड़ रुपये की राहत राशि तत्काल प्रभाव से जारी की, ताकि महामारी का उपयुक्त ढंग से मुकाबला किया जा सके।
यह कदम उस वक्त उठाया गया जब पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में कई राज्य ऐसे थे जहां महामारी का प्रकोप ना के बराबर था। इसमें भी सिक्किम और मणिपुर महामारी के शुरुआती दिनों में पूरी तरह से मुक्त थे। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय न सिर्फ क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को बेहतर करने के लिए प्रयत्नशील है बल्कि यह उत्तर पूर्वी राज्यों में प्राकृतिक या प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में भी पूर्वोत्तर राज्यों को सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने एक उदाहरण दिया जब गत वर्ष असम और अरुणाचल प्रदेश में भूकंप आया था, मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से इन राज्यों और केंद्र के बीच समन्वय की जिम्मेदारी संभाली जबकि मंत्रालय के कई अधिकारी और वह स्वयं कोरोना वायरस से संक्रमित थे और अस्पतालों में भर्ती थे।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के कुल आवंटित बजट का लगातार दूसरे वर्ष शत-प्रतिशत खर्च होने के संबंध में बताए जाने पर केंद्रीय मंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की। यह खर्च वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले ही चालू वित्त वर्ष के लिए किया गया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने मार्च 2020 में लॉकडाउन लगाए जाने की घोषणा के ठीक बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के हस्तक्षेप से यह फैसला लिया गया कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले मालवाहक विमानों को पूर्वोत्तर राज्यों, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख तथा द्विपीय क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर पहुंचाया जाना चाहिए।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस समय भी उत्तर-पूर्वी राज्यों को प्राथमिकता के आधार पर सहायता उपलब्ध कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वह किसी भी आपात स्थिति से मुक़ाबले के लिए सभी पूर्वोत्तर राज्यों के साथ संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में असम में आए भूकंप के दौरान भी मंत्रालय ने संबंधी पक्षों के साथ समन्वय का दायित्व संभाला।