अगर आपके जीवन में यह पाँच चीजें घट रही है, तो हो जाए सावधान! वरना हो जाएंगे कंगाल
हमारे दैनिक जीवन में कई ऐसी घटनाएं होती रहती है, जिसे हम इग्नोर कर के आगे बढ़ते चले जाते है। लेकिन आगे चल के कितना बुरा प्रभाव पड़ता है, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते है। आचार्य चाणक्य के अनुसार, पांच प्रकार के ऐसे अशुभ घटनाएँ आर्थिक स्थिति के कमजोर होने के संकेत माने जाते हैं। यदि आपको ऐसे संकेत अपने जीवन में दिखें तो आपको तुरंत ही सावधान हो जाना चाहिए, वरना आप कंगाली की ओर बढ़ सकते हैं। आइए हम जानते है कुछ ऐसे ही विशेष अशुभ घटनाओं के बारे में जो इस प्रकार है।
1. तुलसी के पौधे का सूखना
चाणक्य नीति के अनुसार, यदि आंगन में लगा तुलसी का पौधा सूखने के लगे तो यह अशुभ संकेत माना जाता है। सूखा हुआ तुलसी का पौधा आर्थिक स्थिति की कमजोरी को दर्शाता है। घर में तुलसी का पौधा होना बेहद शुभ माना जाता है। तुलसी की पूजा करने से घर में धन और सुख-समृद्धि का आगमन होता है। घर में तुलसी का पौधा हरा-भरा रहना चाहिए।
2. घर में क्लेश होना
चाणक्य नीति के अनुसार, घर में क्लेश होना आर्थिक स्थिति के कमजोर होने का संकेत करता है। जिन घरों में गृह क्लेश होता है, परिजनों के बीच विवाद की स्थिति बनी रहती है ऐसे घरों में मां लक्ष्मी का वास कभी नहीं होता है। घर की सुख-समृद्धि के लिए घर में प्रेम भाव का होना जरूरी है।
3. कांच का टूटना
चाणक्य नीति के अनुसार कांच का टूटना शुभ नहीं होता है। कांच का टूटना दरिद्रता का संकेत माना जाता है। चाणक्य कहते हैं कि घरों में टूटा हुआ कांच और शीशा नहीं होना चाहिए। जिन घरों में कांच टूटता है, उन घरों में आर्थिक संकट आने की आशंका बनी रहती है। टूटा हुआ कांच तुरंत घर से बाहर निकाल दें।
4. घर में पूजा-पाठ का अभाव
घर में सकारात्मक ऊर्जा के लिए पूजा पाठ करना आवश्यक होता है। चाणक्य नीति के अनुसार जिन घरों में नियमित पूजा पाठ नहीं होता है। ऐसे घरों में दरिद्रता का आगमन होता है। ऐसे घरों में ईश्वरीय कृपा नहीं बरसती है। कहा जाता है कि जो लोग पूजा-पाठ से दूरी बना लेते हैं, उनके घर में आर्थिक संकट की आशंका बनी रहती है।
5. घर में बड़े-बुजुर्गों का तिरस्कार
चाणक्य नीति के अनुसार, जिन घरों में बड़े-बुजुर्गों का तिरस्कार होता है, उन्हें अपमानित किया जाता है। ऐसे घरों की कभी भी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती है। घर में बड़ों का सम्मान और बुजुर्गों की सेवा हमेशा करनी चाहिए। इससे घर में संपन्नता बनी रहती है।