NewsExpress

News Express - Crisp Short Quick News
नाबालिग पत्नी से संबंध बनाना दुष्कर्म!

बाल विवाह पर आज भी सरकारें पुरी तरह से अंकुश लगाने में असफल ही रही हैं आपको बता दें कि महाराष्ट्र में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें नाबालिग पत्नी से दुष्कर्म का आरोपित जमानत के लिए चक्कर लगा रहा है।18 वर्ष से कम आयु की पत्नी से संबंध बनाने पर पति को न सिर्फ दुष्कर्म बल्कि बाल यौन उत्पीड़न रोक कानून (पाक्सो) और बाल विवाह निरोधक कानून के तहत भी मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है

नाबालिग लड़की ने बच्चे को दिया जन्म

यह मामला तब सामने आया जब एक नाबालिग लड़की ने बच्चे को अस्पताल में जन्म दिया। लड़की ने अपनी उम्र 17 वर्ष बताई, तब एफआइआर दर्ज हुई। एफआइआर में पत्नी ही सूचनाकर्ता है। पति पर आइपीसी की धारा-376 में दुष्कर्म के अलावा बाल विवाह निरोधक कानून और पाक्सो में आरोप हैं।

पति का पत्नी के साथ हैअच्छे संबंध
पति की ओर से दलील थी कि उसे पत्नी के नाबालिग होने की जानकारी नहीं थी। पत्नी के साथ उसके अच्छे संबंध है और कभी उसे प्रताड़ित नहीं किया गया। पत्नी ने कहा कि अगर पति को अग्रिम जमानत दी जाती है तो उसे आपत्ति नहीं होगी। लेकिन सरकारी वकील ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देकर जमानत का जोरदार विरोध किया था।

इस मामले में कोर्ट का फैसला

हाई कोर्ट ने पति की अर्जी खारिज करते हुए कहा कि वह यह नहीं कह सकता कि उसकी शिकायतकर्ता (पत्नी) से शादी हुई है और उसने संबंध बनाने का विरोध नहीं किया था। हाई कोर्ट ने बाल विवाह पर चिंता जताते हुए कहा कि शादी तय करते समय कुछ जानकारियां जरूर ली जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने 2017 के फैसले में कहा था कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की से संबंध बनाना दुष्कर्म है, इससे फर्क नहीं पड़ता कि वह विवाहित है या अविवाहित। आइपीसी की धारा-375 के अपवाद (2) में विवाहित और अविवाहित लड़की के बीच अनावश्यक बनावटी भेद पैदा किया गया है। ये भेद मनमाना व भेदभावपूर्ण है और निश्चित तौर पर बालिकाओं के हित में नहीं है।