अब दूसरे देशों का भी पेट भरेगा भारत
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध ने अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी मार्केट का संतुलन बिगाड़ दिया है। जबकी दूसरी तरफ दक्षिणी अमेरिकी देशों के साथ यूरोप और कुछ अफ्रीकी देशों में कम बारिश के चलते कृषि उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इससे वैश्विक बाजार में महंगाई बढ़ी है।खाद्यान्न की सप्लाई में व्यवधान पैदा होने से वैश्विक स्तर पर हाहाकार मचा है। इन सारी स्थितियों के विपरीत भारत के कृषि क्षेत्र में बंपर उत्पादन हुआ पिछले वर्ष की तुलना करे तो इस बार लगभग 30 प्रतिशत अधिक उत्पादन हुआ है ।
भारत की तरफ सबकी नजरें
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध और अफ्रीकी देशों में कम बारिश के चलते कृषि उत्पादन में भारी गीरावाट के कारण देशों को भुखमरी और अंनाज की कमी के कारण गम्भीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही महंगाई और खाद्यान्न की सप्लाई में व्यवधान कि बजह से चिंता गंम्भीर हो गई है। ऐसे में भारत के कृषि क्षेत्र में इस बार बंपर उत्पादन दुसरे देशों के लिए किसी उम्मीद से कम नहीं हैं। बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच बातचीत में इस विषय पर जोर दिया गया कि भारत कैसे वर्तमान वैश्विक खाद्य संकट में अपनी भुमिका निभा सकता है।
भारत से द्विपक्षीय संबध मजबूत करने में जूटे ये देश
विश्व की बड़ी ताकते ही नहीं बल्की दूसरे देश भी भारत से संबध मजबूत करने में लगे हुए हैं। बता दें कि श्रीलंका और अफगानिस्तान को लोन और मद्द के तौर पर अनाज की बड़ी खेप भेजी गई है। कृषि उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होने के कारण अब बहुत सारे ऐसे देश हैं जो भारत की तरफ उम्मीद की नजरों से देख रहें हैं और भारत के साथ अपना संबध मजबूत करने में जूटे हुए है।