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अब सौ प्रतिशत रिसाइकिल हो जाएगा ई-कचरा

हमारे देश में कचरा एक बहुत बड़ी समस्या है, और इससे भी बड़ी समस्या है कचरे को रिसाइकिल करना। हर बड़े और छोटे शहर में हम कचरे के बड़े बड़े अमबार को देख सकते हैं.आज के युग में इलेक्ट्रानिक्स उपकरण का इस्तेमाल एक आम बात हो गई है.इसके इस्तेमाल के साथ-साथ इसके कचरे का भी खतरा बड़ता जा रहा है.

इस बीच एक राहत पहुचाने वाली खबर सामने आई है.जी हां आपको बता दें कि भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) काशीपुर, के स्टार्टअप प्रोग्राम के तहत फंडिंग के लिए चयनित हुए मुंबई के रवि रवारिया आज अपने छोटे लेकिन महत्वपूर्ण प्रयास से धरती को बचाने में सहयोग कर रहे हैं.

देश में हर साल लगभग 6.4 बिलियन किलोग्राम प्रिंटर कार्ट्रिज (प्रिंट करने वाली स्याही से लैस उपकरण) का कचरा निकलता है. इसकी सौ प्रतिशत रिसाइकिलिंग के लिए कोई उचित व्यवथा नहीं थी, लेकिन रवि अपने स्टार्टअप में कार्बन टोनर सहित कार्ट्रिज को सौ प्रतिशत रिसाइकिल करने का काम कर रहे हैं . इसके लिए रवि को खाड़ी देशों से भी प्रस्ताव मिला है.

आपको बता दें कि रवि मूल रूप से गुजरात के कच्छ के रहने वाले हैं.रवि के पिता का मुंबई में कार्ट्रि्ज का ही काम था. 2016 में ई-वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट को पढ़ने व समझने के बाद रवि ने सोचा कि कुछ ऐसा किया जाए जिससे पर्यावरण सरंक्षण के साथ करियर भी बनाया जा सके.

ई-वेस्ट पर नहीं किसी का ध्यान

रवि बताते हैं कि भारत में ई-वेस्ट की रिसाइकिलिंग पर केवल काम चलाऊ कार्य हो रहा है. कार्ट्रिज में प्लास्टिक,आयरन और एल्युमिनियम आदि धातु को तो रिसाइकिल किया जाता है लेकिन
इसके टोनर पर कभी काम नहीं हुआ।

इसी को ध्यान में रखते हुए रवि ने टोनर को दोबारा प्रयोग में लाने लायक बनाने के लिए दो वर्ष तक गहन अध्ययन किया।
2018 में शुरुआत के बाद आज रवि की मुंबई स्थित कंपनी में करीब 200 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिल रहा है।
टर्नओवर भी वार्षिक डेढ़ करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच रहा है।

रवि की कंपनी रिकिव रिसाइकिल प्रिंटर कार्टेज को शत-प्रतिशत रिसाइकिल करने पर काम कर रही है। कंपनी 13 राज्यों के शहरों से ई-वेस्ट एकत्र कर रही है। इनमें मुंबई, पुणे, बेंगलुरू, अहमदाबाद, सूरत, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, हैदराबाद समेत 10 बड़े महानगर भी शामिल हैं।
रवि बताते हैं कि उनके द्वारा बनाए जाने वाले टोनर पाउडर की प्री स्टाक मांग है। करीब 15 से ज्यादा कंपनियों को वह प्रिंटर का टोनर पाउउर भेज रहे हैं।

चीन पर निर्भरता होगी कम

रवि बताते हैं कि वर्तमान में राइमरी चेरिंग रोलर, टोनर पाउडर, मैग रोलर या प्रिंटर कार्ट्रिज या कापियर आदि सामान चीन से आयात किया जाता है।अगर हम रिसाइकिलिंग प्रक्रिया में सुधार कर लें तो चीन से 12 से 20 प्रतिशत तक आयात में तत्काल कमी लाई जा सकती है।