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आगामी खरीफ फसल 2023-24 के दौरान 521.27 लाख मीट्रिक टन  चावल की खरीद का अनुमान

चावल की अनुमानित खरीद के मामले में पंजाब, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना सहित सात राज्य अग्रणी
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव ने 21.08.2023 को राज्य के खाद्य सचिवों और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें आगामी खरीफ विपणन मौसम (केएमएस) 2023-24 में खरीफ फसल की खरीद के प्रबंधों पर चर्चा की गई।

आगामी खरीफ विपणन मौसम (केएमएस) 2023-24 के दौरान 521.27 लाख मीट्रिक टन चावल की खरीद का अनुमान लगाया गया है, जबकि पिछले वर्ष का अनुमान 518 लाख मीट्रिक टन था, जबकि पिछले खरीफ विपणन मौसम 2022-23 के दौरान वास्तव में 496 लाख मीट्रिक टन की खरीद की गई थी। खरीफ विपणन मौसम 2023-24 के दौरान, चावल की अनुमानित खरीद के मामले में अग्रणी राज्य पंजाब (122 लाख मीट्रिक टन), छत्तीसगढ़ (61 लाख मीट्रिक टन) और तेलंगाना (50 लाख मीट्रिक टन) रहे। इसके बाद ओडिशा (44.28 लाख मीट्रिक टन), उत्तर प्रदेश (44 लाख मीट्रिक टन), हरियाणा (40 लाख मीट्रिक टन), मध्य प्रदेश (34 लाख मीट्रिक टन), बिहार (30 लाख मीट्रिक टन), आंध्र प्रदेश (25 लाख मीट्रिक टन), पश्चिम बंगाल (24 लाख मीट्रिक टन) और तमिलनाडु (15 लाख मीट्रिक टन) का स्‍थान रहा।

राज्यों द्वारा खरीफ विपणन मौसम 2023-24 के दौरान 33.09 लाख मीट्रिक टन) श्रीअन्न/बाजरा (श्री अन्न) की खरीद का अनुमान लगाया गया है, जबकि खरीफ विपणन मौसम 2022-23 (खरीफ और रबी) के दौरान 7.37 लाख मीट्रिक टन की वास्तविक खरीद की गई। इस खरीफ विपणन मौसम 2023-24 से शुरू होकर तीन वर्षों तक रागी के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर राज्यों द्वारा 6 छोटे दाने वाले मोटे अनाज या श्रीअन्न की खरीद भी शुरू की गई। श्रीअन्न की खरीद और खपत बढ़ाने के लिए सरकार ने श्रीअन्न की वितरण अवधि को संशोधित किया है, श्रीअन्न को एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य में पहुंचाने के लिए परिवहन को शामिल किया गया है, उन्नत सब्सिडी का प्रावधान, 2 प्रतिशत की दर से प्रशासनिक शुल्क और छह छोटे दाने वाले मोटे अनाजों या श्रीअन्न की खरीद की सुविधा के लिए दिशानिर्देशों में भी संशोधन किया गया है। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को न केवल अंतर्राष्ट्रीय श्रीअन्न वर्ष-2023 के कारण, बल्कि फसलों के विविधीकरण और आहार पैटर्न में पोषण बढ़ाने के लिए भी श्रीअन्न की खरीद पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी गई थी।

बैठक के दौरान टाट की बोरियों की आवश्यकता, निर्दिष्‍ट डिपो से उचित मूल्य की दुकानों तक खाद्यान्न पहुंचाने के लिए मार्ग अनुकूलन, खरीद केंद्रों में बुनियादी ढांचे में सुधार, गेहूं स्टॉक सीमा पोर्टल की निगरानी आदि से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई।

बैठक में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, राजस्थान, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के प्रधान सचिव/सचिव (खाद्य) या प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में एफसीआई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक और एफसीआई, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।